लता मंगेशकर के निधन से शोक की लहर, राजनीति-फ़िल्म जगत ने दी श्रद्धांजलि
दुनियाभर के करोड़ों प्रशंसकों के दिलों पर राज करने वाली सुरों की कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। लता मंगेशकर पिछले 28 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉक्टर प्रतीत समदानी पिछले 28 दिनों से लता मंगेशकर का इलाज कर रहे थे। प्रतीत समदानी ने लता मंगेशकर के निधन का औपचारिक ऐलान करते हुए कहा कि लता दीदी की तबीयत कल से ज़्यादा ख़राब थी जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और आज सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर लता मंगेशकर ने आखिरी साँस ली।
उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। क़रीब 5 दशक तक हिंदी सिनेमा में अपनी आवाज़ के ज़रिए राज करने वाली लता मंगेशकर की तबीयत कल से ज़्यादा ख़राब हो गई थी। लगातार 28 दिनों तक दीदी का इलाज करने वाले डॉक्टर प्रतीत समदानी का कहना है कि उनके ज़्यादातर अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके बाद उनको सांस लेने में परेशानी आ रही थी।
केंद्र सरकार में मंत्री नितिन गडकरी सुरों की कोकिला लता मंगेशकर के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन करने के लिए ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे। नितिन गडकरी ने लता दीदी के अंतिम दर्शन करने के बाद कहा कि दुनिया भर में अनेक भाषाओं में गाने का रिकॉर्ड बनाने वाली सुरों की कोकिला हमारे बीच नहीं हैं इस बात का मुझे काफी दुख है। गडकरी ने कहा कि ‘मेरा उनसे पुराना रिश्ता रहा है। लता दीदी ने हमेशा देश का मान बढ़ाया। लता दीदी का जाना ना केवल महाराष्ट्र के लिए बल्कि देश के लिए बहुत बड़ा धक्का है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताया है। उद्धव ठाकरे का कहना है कि लता दीदी का जाना उन्हें बहुत विचलित कर रहा है। इस तरह के कलाकार बहुत अनोखे होते हैं। लता दीदी का जाना महाराष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी लता मंगेशकर के निधन पर दुख व्यक्त किया है। राज ठाकरे शनिवार को भी लता मंगेशकर का हाल जानने के लिए ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे थे लेकिन वेंटिलेटर पर होने के चलते वह लता मंगेशकर से नहीं मिल पाए थे। राज ठाकरे का कहना है कि लता मंगेशकर का जाना उनके लिए निजी हानि है। राज ठाकरे ने कहा कि वह मेरे जन्मदिन पर हर बार मुझे शुभकामनाएँ देती थीं, ऐसे में अब उनके जाने से मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे मैंने अपने परिवार का सदस्य को दिया है।
सिंगर एसोसिएशन के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय टंडन का कहना है कि लता दीदी का जाना ना केवल गायकी के क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ा धक्का है बल्कि एसोसिएशन के लिए भी बहुत बड़ा नुक़सान हुआ है। टंडन का कहना है कि लता दीदी सिंगर एसोसिएशन की चेयरपर्सन थीं और गायकों के हक की लड़ाई भी हमेशा लड़ती रहती थीं। संजय टंडन ने कहा कि लता दीदी चाहती थीं कि हर गायक को उसकी रॉयल्टी मिलनी चाहिए। यही कारण था कि लता दीदी के मार्गदर्शन में ही इस एसोसिएशन का निर्माण हुआ था। पिछले कुछ वर्षों से वह अपनी सेहत के चलते एसोसिएशन के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाती थीं लेकिन वह हमेशा नए पुराने गायकों के लिए एक मिशाल पेश करती थीं। वह हमेशा गायकों की हौसला अफजाई करने के लिए जानी जाती थीं।
लता मंगेशकर के निधन पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी दुख व्यक्त किया है। फडणवीस ने ट्वीट करते हुए कहा कि लता मंगेशकर केवल एक आवाज़ नहीं थीं बल्कि भारतीय संगीत की आत्मा थीं जो कि आज चली गई हैं। फडणवीस ने आगे लिखा कि ‘भारतीय संगीत की देवी आज हमारे बीच नहीं हैं इसकी हम कल्पना नहीं कर सकते हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’
By the demise of BharatRatna Lata Didi Mangeshkar, India not only has lost a voice, but the soul of Indian Music.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) February 6, 2022
God took back its beautiful gift to all of us.
We lost Goddess of Indian Music.
Hard to believe she’s not with us.
We have lost an integral part of our life. pic.twitter.com/DOeZMdx9b1
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी लता मंगेशकर के निधन पर दुख व्यक्त किया है। शरद पवार का कहना है कि करोड़ों संगीत प्रेमियों को अपनी अलौकिक आवाज़ के ज़रिए मनोरंजन करने वाली आज हमारे बीच नहीं रही हैं। लता दीदी की आवाज़ हमेशा हमारे कानों में गूंजती रहेगी। लता मंगेशकर जी को मैं श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
जगभरातील कोट्यवधी संगीतप्रेमींच्या कानांना तृप्त करणारे अलौकिक स्वर आज हरपले.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) February 6, 2022
लतादीदींच्या आवाजाच्या परीसस्पर्शाने अजरामर झालेल्या गीतांच्या माध्यमातून हा स्वर आता अनंतकाळ आपल्या मनांमध्ये गुंजन करत राहील.
गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर यांना भावपूर्ण श्रद्धांजली! pic.twitter.com/U9Nhn1KrpE
भारतीय सिनेमा की बेहतरीन गायिकाओं में शुमार लता मंगेशकर ने 1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी। लता मंगेशकर का म्यूजिक इंडस्ट्री में बहुत बड़ा योगदान रहा है। लता दीदी ने 25 हजार से ज़्यादा गाने गाए थे और इसके अलावा उन्हें बहुत सारे पुरस्कारों से भी नवाजा गया था। लता दीदी को तीन बार नेशनल अवार्ड भी मिला था। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े अवॉर्ड दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी उनको सम्मानित किया गया था। गायिकी के क्षेत्र में उनका रुतबा इतना था कि भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा था।
बता दें कि 8 जनवरी को लता मंगेशकर कोरोना से संक्रमित हो गई थीं जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता दीदी के इलाज में उनकी उम्र भी आड़े आ रही थी क्योंकि वो पिछले काफी समय से निमोनिया से ग्रसित थीं। लता दीदी को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। 3 दिन पहले ही लता दीदी को वेंटिलेटर से हटा कर आईसीयू में शिफ्ट किया गया था लेकिन उनकी तबीयत जब बिगड़ने लगी तो शनिवार को फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख दिया गया।
महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया है कि लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। भले ही लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके हजारों गाने अब भी हमारे कानों में गूंज रहे हैं।