लैंड फॉर जॉब केस में अब तेजस्वी यादव का भी नाम, सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट
इस चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ ही साथ तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया है।
लैंड फॉर जॉब मामले में अब बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का भी नाम आ गया है। सीबीआईI ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार के नई चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ ही साथ तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया है। इस केस में तेजस्वी के अतिरिक्त 17 लोग शामिल है। चार्जशीट में कई बिचौलियों के नाम को भी शामिल किया गया है। सीबीआई की इस चार्जशीट पर अब 12 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी।
सीबीआई की तरफ से लैंड फॉर जॉब मामले में बीते सात अक्टूबर को एक चार्जशीट दाखिल की गई थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसमें लालू यादव, राबड़ी देवी उनकी बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस चार्जशीट के आधार पर सीबीआई की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई चल रही, लेकिन अब एक बार फिर नई चार्जशीट दाखिल की गई है। इस मामले में एक नया केस दायर कर उसमें तेजस्वी यादव के नाम को भी शामिल किया गया है।
सीबीआई ने 11 अप्रैल को की थी 8 घंटे तक पूछताछ
लैंड फॉर जॉब केस में सीबीआई ने तेजस्वी यादव से अप्रैल में पूछताछ की थी। दिल्ली में 11 अप्रैल को दो शिफ्ट में 8 घंटें त्तक इस केस में उनसे पूछताछ हुई थी। इस दौरान उनसे अलग-अलग सवालों के जवाब पूछे थे। इससे पूर्व तेजस्वी यादव सीबीआई के समन को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए थे लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उनसे पूछताछ हुई थी। इस पूछताछ के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि जब भी जांच हुई है हमने सहयोग किया है। उन्होंने कहा था कि सच्चाई यह है कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। लालू के रेलमंत्री कार्यकाल का है यह मामला
लैंड फॉर जॉब मामला 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री कार्यकाल का बताया जाता है। लालू यादव पर आरोप है कि रेलमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने अपने परिवार को जमीन हस्तांतरित करने के बदले कुछ लोगों को रेलवे में नौकरियां दिलवाईं थी। सीबीआई का आरोप है कि रेलवे में की गई ये भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरुप नहीं थीं। वहीं लैंड फॉर जॉब केस में ईडी ने कहा था कि यह 600 करोड़ का घोटाला है। ईडी के मुताबिक इसकी जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए लेनदेन हुए थे। दूसरी तरफ तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि जिस समय का यह मामला है उस समय वे नाबालिग थे। उन्हें इस मामले में फंसाया गया है।