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भारत में जून के पहले हफ़्ते तक कोरोना से हर दिन हो सकती हैं 2,320 मौत: लांसेट

भारत में जून के पहले हफ़्ते तक कोरोना से हर दिन हो सकती हैं 2,320 मौत: लांसेट

कोरोना संक्रमण को लेकर बन रहे भयावह हालात के बीच एक और डराने वाली ख़बर आई है।

कोरोना संक्रमण को लेकर बन रहे भयावह हालात के बीच एक और डराने वाली ख़बर आई है। मेडिकल की दुनिया की बड़ी मैगज़ीन ‘द लांसेट’ की रिपोर्ट कहती है कि आने वाले दिनों में भारत में कोरोना संक्रमण से हर दिन 1,750 लोगों की मौत हो सकती है और जून के पहले हफ़्ते तक यह आंकड़ा 2,320 मौत प्रति दिन तक पहुंच सकता है। 

लांसेट की रिपोर्ट का शीर्षक है- ‘भारत में कोरोना की दूसरी लहर का प्रबंधन, आपात क़दम’। इस रिपोर्ट में कुछ क़दम उठाए जाने की सिफ़ारिश की गई है जिससे कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके। 

रिपोर्ट के मुताबिक़, कोरोना की पहली लहर के दौरान जब अगस्त-सितंबर, 2020 में मामले बढ़ने शुरू हुए थे तो 75 फ़ीसदी मामले 60 से 100 जिलों से आए थे लेकिन इस बार ये मामले 20 से 40 जिलों से सामने आ रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि कोरोना की दूसरी लहर भौगोलिक रूप से ज़्यादा इकट्ठी होकर चलने वाली दिखी है। 

रिपोर्ट कहती है कि दूसरी लहर पहली लहर से दो बातों में अलग है। पहली बात यह कि इस बार कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं। 10 हज़ार से 80 हज़ार मामलों तक पहुंचने में इस बार फरवरी से लेकर अप्रैल तक 40 दिन से भी कम समय लगा जबकि पिछली बार इसमें 83 दिन का वक़्त लगा था। 

दूसरी बात यह कि इस बार कोरोना के ज़्यादातर मामले बिना लक्षण वाले हैं या हल्के लक्षणों वाले हैं और इस वजह से मौतों का आंकड़ा कम है। रिपोर्ट के मुताबिक़, जब इस महामारी की दूसरी लहर आई तो यह भौगोलिक रूप से पहली लहर जैसी ही थी लेकिन टियर 2 टियर 3 के शहरों में इसका ज़्यादा असर दिखा। 

लांसेट में बीते साल छपे एक रिसर्च पेपर में कहा गया था कि कोरोना महामारी से दुनिया भर में 5 से 10 करोड़ लोगों की मौत हो सकती है। रिसर्च पेपर में कहा गया था कि कोरोना के मामलों के लगातार बढ़ने से स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव पड़ा है और इस वजह से ज़्यादा मौतें हो सकती हैं। 

देश में लगातार 2 दिन कोरोना संक्रमण के 2 लाख से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। कई राज्यों में संक्रमण बेकाबू होता दिख रहा है और अस्पतालों से लेकर श्मशानों तक लंबी कतार दिखाई दे रही है। ऐसे में इस रिपोर्ट में जताई गई आशंकाओं से हालात के और ख़राब होने से इनकार नहीं किया जा सकता। 

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