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लालू यादव को ज़मानत, कब पहुँचेंगे घर? 

लालू यादव को ज़मानत, कब पहुँचेंगे घर? 

लालू यादव को आख़िरकार जमानत मिल गई। झारखंड उच्च न्यायालय ने इस बार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की याचिका पर उनके पक्ष में फ़ैसला दिया। वह चारा घोटाले मामले में लंबे समय से जेल में बंद थे।

लालू यादव को आख़िरकार जमानत मिल गई। झारखंड उच्च न्यायालय ने इस बार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव की याचिका पर उनके पक्ष में फ़ैसला दिया। वह चारा घोटाले मामले में लंबे समय से जेल में बंद थे। इससे पहले कई बार उनकी जमानत याचिकाएँ खारिज कर दी गई थीं।

आख़िरी बार फ़रवरी में झारखंड हाई कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने दावा किया था कि लालू ने जेल में जितना समय काटने का दावा किया है, उससे दो महीने कम का समय काटा है। इस आधार पर ही ज़मानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

फ़रवरी के मध्य में जो याचिका दायर की गई थी वह दुमका कोषागार से चारा घोटाले के मामले में ज़मानत के लिए दायर की गई थी। उन्हें झारखंड के शहर (पहले बिहार में) दुमका राजकोष से 3.13 करोड़ रुपये निकालने का दोषी ठहराया गया था। इसके पहले लालू प्रसाद को दूसरे तीन मामलों में ज़मानत मिल चुकी है। उन पर चारा घोटाले के चार मामले हैं। अदालत ने 23 दिसंबर 2017 को लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में क़रीब साढ़े तीन साल जेल की सुनाई थी। 

बता दें कि लालू का फ़िलहाल दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज यानी एम्स में इलाज चल रहा है। जेल में बंद लालू की तबीयत बिगड़ने पर इस साल जनवरी में इलाज के लिए दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज यानी एम्स में भर्ती कराया गया है। 

चारा घोटाले में उन्हें जेल की सज़ा हुई थी और तबीयत ख़राब होने पर वह राँची स्थित राजेंद्र मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे। उन्हें फेफड़े में दिक्कत थी। 2017 में जेल की सज़ा होने के बाद से उन्होंने अधिकतर समय राजेंद्र मेडिकल कॉलेज में ही काटा है।

लालू यादव को जेल की सज़ा होने के बाद से राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी की बागडोर तेजस्वी यादव संभाल रहे हैं। पहले इस पर सवाल उठाए जा रहे थे कि लालू की अनुपस्थिति में क्या तेजस्वी और तेजप्रताप पार्टी को संभाल पाएँगे और पार्टी को एकजुट रख पाएँगे। इन सवालों का जवाब पिछले बिहार विधानसभा चुनावों में मिल गया। आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हालाँकि बीजेपी और जेडीयू गठबंधन के पास बहुमत होने के कारण आरजेडी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं था। 

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