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नौकरी के बदले जमीन केस में लालू, तेजस्वी को दिल्ली कोर्ट का समन

नौकरी के बदले जमीन केस में लालू, तेजस्वी को दिल्ली कोर्ट का समन

नौकरी के बदले जमीन मामले में क्या लालू यादव परिवार की मुश्किलें फिर से बढ़ने वाली हैं? जानिए, दिल्ली की अदालत ने क्या कहा है।

लालू यादव और तेजस्वी यादव को फिर से दिल्ली की एक अदालत ने तलब किया है। ज़मीन के बदले नौकरी मामले में उनको समन भेजा गया है। यह मामला लालू प्रसाद के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान अनियमितताओं के आरोपों से जुड़ा है, जिसमें कथित तौर पर ज़मीन के बदले नौकरियाँ दी गई थीं।

नौकरी के बदले जमीन का यह मामला 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री कार्यकाल का बताया जाता है। उन पर आरोप है कि रेलमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने अपने परिवार को ज़मीन हस्तांतरित करने के बदले कुछ लोगों को रेलवे में नौकरियाँ दिलवाई थीं। सीबीआई का आरोप है कि रेलवे में की गई ये भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं थीं। 

वहीं लैंड फॉर जॉब केस में ईडी ने कहा था कि यह 600 करोड़ का घोटाला है। ईडी के मुताबिक इसकी जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए लेनदेन हुए थे। दूसरी तरफ तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि जिस समय का यह मामला है उस समय वे नाबालिग थे और उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। 

सीबीआई ने पिछले साल जूलाई में पहली बार लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी यादव का नाम शामिल किया था। इसने तब दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में नई चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ ही साथ तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया।

इसी साल जून में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव और 77 अन्य के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी मामले में निर्णायक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें 38 लोगों के नाम शामिल थे।

मामले में आरोप लगाया गया है कि लालू प्रसाद यादव के 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान विभिन्न रेलवे क्षेत्रों में ग्रुप 'डी' पदों पर व्यक्तियों को वित्तीय लाभ के बदले में नियुक्त किया गया था।

ये लाभ कथित तौर पर यादव के परिवार के सदस्यों को भूमि हस्तांतरण के रूप में मिले। यह भी दावा किया गया है कि नियुक्त व्यक्ति या उनके परिवार, जो पटना के निवासी हैं, ने अपनी जमीन यादव के रिश्तेदारों या उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी को बेच दी या उपहार में दे दी, जिससे इन संपत्तियों के हस्तांतरण में मदद मिली।

यह भी आरोप लगाया गया है कि क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्नों की नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किए गए थे। इसके बावजूद पटना के निवासी सभी नियुक्त व्यक्तियों ने मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जैसे शहरों में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में पद हासिल किए।

दिसंबर 2023 में प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ज़मीन के बदले नौकरी मामले में तलब किया था। उन्होंने इसे नियमित बताते हुए कहा, 'मैं हमेशा जाता रहा हूँ; यह एक नियमित प्रक्रिया है। मैं पहले भी गया था। 2017 से 2023 तक, जब भी ईडी, आयकर या सीबीआई ने मुझे बुलाया, मैं नियमित रूप से जाता रहा हूँ। ये एजेंसियाँ क्या करेंगी? उन पर भी दबाव है।'

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