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हालत गंभीर होने पर लालू यादव एम्स में भर्ती

हालत गंभीर होने पर लालू यादव एम्स में भर्ती

जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज यानी एम्स में भर्ती कराया गया है।

जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज यानी एम्स में भर्ती कराया गया है। चारा घोटाले में उन्हें जेल की सज़ा हुई थी और वे राँची स्थित राजेंद्र मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे। उन्हें फेफड़े में दिक्कत है। अधिकारियों ने कहा कि लालू यादव को कोरोनरी केयर यूनिट यानी सीसीयू में भर्ती किया गया है। 

रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टरों की टीम गठित की गई है जो उनकी स्थिति पर नज़र रखेगी। 

इससे पहले राँची जेल के एक मेडिकल बोर्ड ने कहा था कि यादव को दिल्ली ले जाया जा सकता है। 

राँची मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने पहले कहा था कि लालू प्रसाद को पिछले दो दिनों से सांस लेने में परेशानी हो रही थी। शुक्रवार को उन्हें निमोनिया होने का पता चला था। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र को देखते हुए हमने उन्हें बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों की सलाह पर एम्स-दिल्ली में शिफ्ट करने का फ़ैसला किया। 

हालत गंभीर

एम्स में भर्ती किए जाने से पहले लालू के बेटे और राजद विधायक तेजस्वी यादव ने कहा था कि वे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल कर यादव के बेहतर चिकित्सा के लिए बात करेंगे। 

तेजस्वी यादव ने कहा था, "हम उनकी बेहतर चिकित्सा चाहते हैं। पर यह डॉक्टरों पर निर्भर करता है कि वे सभी तरह के जाँच होने के बाद क्या निर्णय लेते हैं। उनकी स्थिति गंभीर है। मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाक़ात करूंगा।" 

 - Satya Hindi

तेजस्वी यादव, नेता, राष्ट्रीय जनता दल

लालू प्रसाद यादव दिसंबर 2017 से जेल में हैं और सज़ा का बड़ा हिस्सा काट चुके हैं।

चारा घोटाले में हुई थी जेल

राँची हाई कोर्ट से लालू प्रसाद यादव को देवघर ट्रेज़री मामले में ज़मानत मिल गई है। लेकिन चारा घोटाले से जुड़ा हुआ चाईबासा ट्रेज़री का मामला अभी लंबित पड़ा हुआ है। लालू को उसमें ज़मानत नहीं मिली है। एक और मामला है, जिसमें लालू को ज़मानत नहीं मिली है। यानी, लालू के ख़िलाफ़ दो मामले अभी भी लंबित हैं। 

बता दें कि 1990 के दशक में चारा एक जगह से दूसरी जगह ले जाने और दूसरे मामलों में पशुपालन विभाग में 950 करोड़ रुपए के घपले की ख़बरें हुई थीं। उस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा पर भी मुक़दमा चला था। मिश्रा की मृत्यु हो चुकी है। 

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