लालू यादव को मिली ज़मानत
राँची हाई कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को देवघर ट्रेज़री मामले में ज़मानत दे दी है। हाईकोर्ट ने लालू यादव को 50-50 हजार के मुचलकों पर ज़मानत दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें पासपोर्ट जमा कराने का आदेश भी दिया है। देवघर ट्रेज़री का यह मामला पशुपालन घोटाले से जुड़ा हुआ है।
Jharkhand High Court grants bail to RJD leader Lalu Prasad Yadav in the fodder scam case relating to Deoghar treasury. (File pic) pic.twitter.com/wWYloD6bew
— ANI (@ANI) July 12, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले इसी साल अप्रैल में लालू यादव की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। सीबीआई ने उस समय याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि लालू यादव ख़राब स्वास्थ्य का बहाना बना रहे हैं, पर उनका असली मक़सद राजनीति करना है। राष्ट्रीय जनता पार्टी ने लालू बग़ैर ही यह चुनाव लड़ा था, इसका चुनाव प्रचार बेहद फीका था।
देवघर ट्रेज़री से लगभग 89 लाख 27 हजार रुपये ग़ैरक़ानूनी तरीके से निकाले गए थे। इस मामले में 23 दिसंबर 2017 को अदालत ने लालू यादव को दोषी ठहराया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी।
सजा की आधी अवधि लालू जेल में काट चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले के अनुसार सज़ा की आधी मियाद जेल में काटने पर सज़ायाफ़्ता क़ैदी को ज़मानत दी जा सकती है। इसे ही आधार बनाकर लालू ने झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी। बता दें कि अदालत ने लालू को दुमका केस में पांच और चाईबासा मामले में सात साल की सजा सुनाई है।
फ़िलहाल जेल में रहेंगे लालू
लेकिन लालू यादव फ़िलहाल जेल में ही रहेंगे। इसकी वजह यह है कि चारा घोटाले से जुड़ा हुआ चाईबासा ट्रेज़री का मामला अभी लंबित पड़ा हुआ है। लालू को उसमें ज़मानत नहीं मिली है। एक और मामला है, जिसमें लालू को ज़मानत नहीं मिली है। यानी, लालू के ख़िलाफ़ दो मामले अभी भी लंबित हैं।बता दें कि 1990 के दशक में चारा एक जगह से दूसरी जगह ले जाने और दूसरे मामलों में पशुपालन विभाग में 950 करोड़ रुपए के घपले की ख़बरें हुई थीं। उस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा पर भी मुक़दमा चला था। मिश्रा को ज़मानत मिली हुई है। लालू यादव पर इस मामले में फ़िलहाल चार मामले चल रहे हैं।