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लखीमपुर: किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों में से एक का ड्राइवर गिरफ़्तार 

लखीमपुर: किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों में से एक का ड्राइवर गिरफ़्तार 

थार गाड़ी ने किसानों को बुरी तरह रौंद दिया था और यह गाड़ी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के परिवार के नाम पर है। 

लखीमपुर खीरी की घटना की जांच के लिए बनी एसआईटी ने किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों में से एक के ड्राइवर को गिरफ़्तार किया है। इस घटना में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से 4 किसान भी हैं। 

ड्राइवर का नाम शेखर भारती है। पुलिस का कहना है कि शेखर भारती तीन में से एक गाड़ी चला रहा था और यह गाड़ी अंकित दास के नाम है। अंकित दास पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास का भतीजा है और केंद्रीय मिश्रा अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का बेहद क़रीबी है। 

पुलिस इस मामले में अब तक कुल चार लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है। इनमें आशीष मिश्रा, शेखर भारती के अलावा लवकुश पांडेय और आशीष पांडेय शामिल हैं। 

लखीमपुर खीरी पुलिस ने बताया है कि शेखर भारती को गिरफ़्तार करने के बाद स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 

शेखर भारती वह शख़्स है जिसने पुलिस को बताया था कि ‘थार भैया के साथ थी’। पहले यह ख़बर आई थी कि वह ग़ायब हो गया है। लेकिन शायद दबाव पड़ने के बाद पुलिस ने शेखर को गिरफ़्तार कर लिया। 

यह वही थार गाड़ी है जिसने किसानों को बुरी तरह रौंद दिया था और यह गाड़ी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के परिवार के नाम पर है। 

 - Satya Hindi

शेखर भारती का जो वीडियो सामने आया था, उसमें एक पुलिसकर्मी उससे पूछता है कि वह वहां क्या कर रहा था, तो वह जवाब देता है, “मैं पीछे की सीट पर बैठा था। कार लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ रही थी। थार गाड़ी भैया के साथ थी।”

हालांकि यह साफ नहीं है कि इसमें भैया किसके लिए कहा गया। लेकिन बताया जाता है कि अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के समर्थक उन्हें 'भैया' कहकर ही बुलाते हैं। 

आशीष मिश्रा इन दिनों पुलिस की हिरासत में है और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने को लेकर बीजेपी पसोपेश में है। आशीष मिश्रा से क्राइम ब्रांच की टीम लगातार पूछताछ कर रही है।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, एसआईटी का कहना है कि इस मामले में कई और लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। 

किसानों को रौंदे जाने के जो वीडियो सामने आए हैं, उनसे साफ पता चल रहा है कि इस वारदात को जानबूझकर और सोच-समझकर अंजाम दिया गया है।

किसकी थी स्कॉर्पियो?

किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों में सबसे आगे थार थी, उसके बाद काले रंग की फ़ॉर्च्यूनर गाड़ी थी और इसके पीछे स्कॉर्पियो थी। घटना से नाराज़ लोगों ने थार और फ़ॉर्च्यूनर को आग लगा दी थी। लेकिन स्कॉर्पियो में बैठे लोग बच निकले थे। 

पुलिस का कहना है कि उन्हें अब तक इस घटना से जुड़े 50 वीडियो मिल चुके हैं लेकिन किसी ने भी स्कॉर्पियो के रजिस्ट्रेशन नंबर के बारे में जानकारी नहीं दी है। 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, एसआईटी इसी स्कॉर्पियो गाड़ी के बारे में जानकारी जुटा रही है। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अफ़सर ने अख़बार को बताया कि अभी जांच टीम इस तीसरी गाड़ी और यह किन लोगों की है, इसके बारे में पता कर रही है। अभी तक गिरफ़्तार किए गए चारों लोगों से भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। 

जांच टीम घटना के दिन वहां मौजूद अधिक से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर रही है।

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