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लखीमपुर: ऑटोप्सी रिपोर्ट के लिए अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े परिजन

लखीमपुर: ऑटोप्सी रिपोर्ट के लिए अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े परिजन

लखीमपुर खीरी में कार से कुचलकर मारे गए 4 किसानों के परिजन सरकारी नौकरी, मुआवजा, आरोपी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने व न्यायिक जाँच के आश्वासन के बाद भी अंतिम संस्कार करने को राजी क्यों नहीं?

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को मारे गए 18 वर्षीय किसान लवप्रीत के परिजन अभी भी अपनी मांगों को लेकर अंतिम संस्कार करने को राज़ी नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक उनको ऑटोप्सी रिपोर्ट और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर की कॉपी नहीं दी जाती है तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। लवप्रीत के पिता ने कहा है कि क्योंकि अभी तक कोई भी गिरफ़्तारी नहीं हुई है इसलिए वह कार्रवाई से ख़ुश नहीं हैं। 

इससे पहले कार से कुचलकर मारे गए चारों किसानों के शव का अंतिम संस्कार करने से किसानों ने इनकार कर दिया था। उन्होंने सरकार के सामने मांग रखी थी कि गृह राज्य मंत्री के बेटे के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर गिरफ़्तार किया जाए, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए और मृतकों के परिजन को नौकरी के साथ मुआवजा दिया जाए। किसान नेताओं के साथ सरकार की बातचीत के बाद सहमति बनी थी और रिपोर्ट आई थी कि किसान धरना ख़त्म करने को राज़ी हो गए हैं।

एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा था, 'कल लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45-45 लाख रुपये देगी और एक सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे।'

हालाँकि कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इसके बाद किसानों ने प्रदर्शन वापस ले लिया, लेकिन लवप्रीत के परिजन अभी भी अंतिम संस्कार को राज़ी नहीं हैं। वे न्याय चाहते हैं। इसी लिए वे शव की ऑटोप्सी रिपोर्ट और मंत्री के बेटे के ख़िलाफ़ दर्ज कराई गई एफ़आईआर की कॉपी मांग रहे हैं। 

बहरहाल, चार किसानों की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि लवप्रीत सिंह की मौत काफ़ी दूर घसीटे जाने से सदमे और ज़्यादा ख़ून बहने के कारण हुई। बाक़ी तीन की भी मौत ऐसे ही कारणों से हुई बताई गई है। चार किसानों की मौत के मामले में भारी दबाव के बाद एफ़आईआर दर्ज की गई है। 

आरोप लगाया गया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से किसानों को रौंदा गया। हालाँकि, मंत्री इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं।

लवप्रीत सिंह के परिजन कहते हैं कि मरने के क्षणों में अपने पिता को उसने अस्पताल के बिस्तर से बुलाया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार वालों का कहना है कि उसने अस्पताल से अपने पिता को फ़ोन किया था और जल्द अस्पताल में पहुँचने का आग्रह किया था। लेकिन जब तक वह पहुँच पाते उसने दम तोड़ दिया था। लवप्रीत के पिता ने कहा, 'मेरे बेटे को एक कार के नीचे कुचल दिया गया था। उन्होंने ज़िम्मेदार व्यक्ति के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की है। प्रशासन इसे छिपाने की कोशिश कर रहा है।'

अब तो सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि एक गाड़ी किसानों को रौंदती हुई निकलती है। वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों का एक समूह खेतों के बीच एक सड़क पर आगे बढ़ रहा है। फिर पीछे से तेज गति से आ रही एक ग्रे एसयूवी से उनको कुचल दिया जाता है। गाड़ी की तेज गति होने से एक व्यक्ति तो उछलकर बोनट के ऊपर गिरता है। सड़क के किनारे कई लोग बिखरे पड़े नज़र आते हैं। उस ग्रे एसयूवी के पीछे-पीछे दो और गाड़ियाँ निकलती हैं। 

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