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उत्तराखंड: किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल, क्या कांग्रेस को नुकसान होगा?

उत्तराखंड: किशोर उपाध्याय बीजेपी में शामिल, क्या कांग्रेस को नुकसान होगा?

किशोर उपाध्याय के बीजेपी में जाने की चर्चाओं को देखते हुए ही कांग्रेस ने कुछ दिन पहले उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। बीजेपी उपाध्याय को टिहरी से चुनाव लड़ा सकती है। 

उत्तराखंड में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उपाध्याय के बीजेपी में जाने की चर्चाएं बीते कई दिनों से उफान पर थीं जो आखिरकार आज सच साबित हुईं। उपाध्याय को उत्तराखंड में बीजेपी के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष मदन कौशिक ने पार्टी में शामिल कराया। 

माना जा रहा है कि बीजेपी उपाध्याय को टिहरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है। 

उपाध्याय के बीजेपी में जाने की चर्चाओं को देखते हुए ही कांग्रेस ने कुछ दिन पहले उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था।

कौन हैं किशोर उपाध्याय?

किशोर उपाध्याय एक वक्त में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेहद करीबी थे। रावत की सिफारिश पर ही उपाध्याय को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। उपाध्याय 2002 और 2007 में टिहरी से विधायक चुने गए थे और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने के साथ ही 3 साल तक प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। 

लेकिन 2017 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद से ही उपाध्याय के राजनीतिक करियर का ग्राफ गिर रहा था। उन्होंने कई बार अपनी नाराजगी को कांग्रेस हाईकमान तक भी पहुंचाया लेकिन कुछ नहीं हुआ। हरीश रावत से बढ़ती दूरियों और बेहतर राजनीतिक भविष्य की आस में उपाध्याय ने कांग्रेस के साथ अपना बहुत पुराना रिश्ता तोड़ दिया। 

चूंकि उपाध्याय लंबे वक्त से राजनीति में सक्रिय हैं इसलिए टिहरी और उसके आसपास की कुछ सीटों पर वह थोड़ा-बहुत असर कर सकते हैं। 

आर्य, रावत की घर वापसी 

दूसरी ओर चुनाव के ठीक वक्त पर उनका कांग्रेस छोड़कर जाना कांग्रेस के लिए भी अच्छा नहीं है हालांकि कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्रियों यशपाल आर्य और हरक सिंह रावत की घर वापसी कराकर बीजेपी को पहले ही जोरदार झटका दे दिया है। 

उत्तराखंड में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधे मुकाबले में आम आदमी पार्टी भी पूरा जोर लगा रही है और वह कुछ सीटों पर दमदार ढंग से चुनाव लड़ रही है।

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