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महापंचायतों के जरिये तेज़ हो रहा किसान आंदोलन, टिकैत बोले- गुजरात जाएंगे

महापंचायतों के जरिये तेज़ हो रहा किसान आंदोलन, टिकैत बोले- गुजरात जाएंगे

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसानों के आंदोलन को महापंचायतों के जरिये विस्तार देने की तैयारी है। 

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसानों के आंदोलन को महापंचायतों के जरिये विस्तार देने की तैयारी है। किसानों की महापंचायतें जारी हैं और आने वाले कुछ दिनों में किसान देश के कई और राज्यों में भी महापंचायतें करेंगे। इसके अलावा 18 फरवरी को 4 घंटे तक रेल रोकने के साथ ही 12 फरवरी को राजस्थान में टोल को फ्री किए जाने का भी कार्यक्रम है। 

किसान एकता मोर्चा ने कहा है कि 18 फरवरी को राजस्थान के गंगानगर, 19 फरवरी को हनुमानगढ़ और 23 फरवरी को सीकर में किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे किसानों के आंदोलन को 75 दिन से ज़्यादा का वक़्त हो चुका है। 

शुक्रवार को बहादुरगढ़ में हुई महापंचायत में आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान एकता मोर्चा ने एक बार फिर साफ किया कि जब तक कृषि क़ानून वापस नहीं होंगे और सरकार एमएसपी को लेकर गारंटी क़ानून नहीं बनाती, तब तक वे अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। शुक्रवार को यूपी के मुरादाबाद के बिलारी में भी किसान महापंचायत हुई। 

बहादुरगढ़ की किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में बैठकें करने की योजना बना रहे हैं। टिकैत ने एक बार फिर क़ानूनों की वापसी न होने तक घर वापसी न करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का विस्तार कई राज्यों में हो चुका है और आने वाले दिनों में कई राज्यों में महापंचायतें होंगी। 

टिकैत ने आरोप लगाया कि गुजरात से कोई हमारे आंदोलन को समर्थन देने आना चाहता है तो पुलिस उन्हें वापस भेज देती है। टिकैत ने कहा कि गुजरात सहित बाक़ी राज्यों में भी किसानों की महापंचायत होगी।

मुरादाबाद में भी हुई महापंचायत

मुरादाबाद के बिलारी में हुई किसान महापंचायत में पहुंचे किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों को इस आंदोलन को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कृषि कानूनों को काला क़ानून बताया और कहा कि सरकार को ये क़ानून वापस लेने ही होंगे। 

योगेंद्र ने सिद्धू के आरोपों को नकारा

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा है कि उन पर पंजाब कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के द्वारा लगाए गए आरोप ग़लत हैं। बिट्टू ने संसद में कहा था कि गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के लिए यादव जिम्मेदार हैं और उन्होंने ही किसानों को भड़काया था। 

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संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हुए जवानों की याद में देश भर में कैंडल लाइट और टॉर्च जलाकर मार्च निकाला जाएगा। फरवरी, 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में 40 से ज़्यादा भारतीय जवान शहीद हो गए थे। 16 फ़रवरी को सर छोटू राम की जयंती के मौक़े पर भी किसान सरकार को अपनी एकजुटता दिखाएंगे। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हलचल

किसान महापंचायतों को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जबरदस्त हलचल है। मुज़फ्फरनगर से लेकर बाग़पत और मथुरा से लेकर बिजनौर और शामली में तक हुई महापंचायतों में बड़ी संख्या में किसान उमड़े हैं। आरएलडी भारतीय किसान यूनियन के साथ मिलकर भी किसान महापंचायतों का आयोजन कर रही है और अब कांग्रेस भी मैदान में उतर आई है। 

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राजस्थान के दौरे पर राहुल 

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन को समर्थन दे चुकी कांग्रेस के बड़े नेता अब ख़ुद भी किसानों के बीच में पहुंच रहे हैं। प्रियंका गांधी के सहारनपुर में कांग्रेस द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में पहुंचने के बाद राहुल गांधी दो दिन के राजस्थान के दौरे पर हैं। राहुल की कोशिश किसानों के बीच में पार्टी का आधार बढ़ाने की है। 

राहुल दो दिनों में राजस्थान में पांच किसान महापंचायतों को संबोधित करेंगे। संसद में भी वह कृषि क़ानूनों को किसानों के ख़िलाफ़ बता चुके हैं। राहुल ने गुरूवार को संसद में मोदी सरकार को घेरा था और कहा था कि इस देश को सिर्फ़ चार लोग चला रहे हैं और सरकार के कृषि क़ानूनों का फ़ायदा पूंजीपतियों को होगा। 

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