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ट्रोल आर्मी की करतूत, ट्रेंड कराया खालिस्तानी-वामपंथी भाई-भाई

ट्रोल आर्मी की करतूत, ट्रेंड कराया खालिस्तानी-वामपंथी भाई-भाई

मोदी सरकार को शायद यह समझ नहीं आ रहा है कि उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को देशद्रोही बता देने का ट्रोल आर्मी का यह हथियार इस बार किस कदर उल्टा पड़ चुका है। 

मोदी सरकार को शायद यह समझ नहीं आ रहा है कि उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को देशद्रोही बता देने का ट्रोल आर्मी का यह हथियार इस बार किस कदर उल्टा पड़ चुका है। एक-आध बार किसी से ग़लती हो जाए तो उसे माफ कर दिया जाता है। लेकिन जब से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं, ट्रोल आर्मी द्वारा उन्हें लगातार खालिस्तानी, देशद्रोही कहा जा रहा है। 

किसानों को खालिस्तानी और उनके समर्थन में आवाज़ उठाने वालों को वामपंथी और टुकड़े-टुकड़े गैंग का बताने में ख़ुद सरकार के मंत्री जुटे हुए हैं। सरकार शायद आंख-कान बंद कर इसी गफलत में बैठी हुई है कि कुछ वक़्त बाद किसान थक-हारकर घर चले जाएंगे या फिर कुछ हो जाए वो तो इन क़ानूनों को वापस नहीं ही लेगी क्योंकि उसकी नाक का सवाल है। 

पिछले 15 दिनों से बीजेपी के आला नेता, केंद्र सरकार के मंत्री किसानों के आंदोलन में चीन और पाकिस्तान का हाथ बता रहे हैं और अब फिर से ट्विटर पर खालिस्तानी-वामपंथी भाई-भाई ट्रेंड कराया जा रहा है। 

इस देश में ये कौन सा निज़ाम चल रहा है, कैसी हुक़ूमत चल रही है, जहां सरकार अंधी बनकर बैठी हुई है। क्योंकि हज़ार बार कहा जा चुका है कि पाकिस्तानी, टुकड़े-टुकड़े गैंग, खालिस्तानी, देशद्रोही अगर देश में हैं तो उनको पकड़कर जेल में डालो लेकिन देशद्रोही नारे लगाने के आरोपी कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल करने में मोदी सरकार को बरसों लग गए। 

 - Satya Hindi

बौखला चुकी है मोदी सरकार

बीजेपी में ऐसे नेताओं की कतार लग चुकी है, जो किसान आंदोलन को खालिस्तानियों और वामपंथियों का आंदोलन बता चुके हैं या इसमें घुसपैठ होने की बात कह चुके हैं। इनमें वरिष्ठ मंत्री रविशंकर प्रसाद से लेकर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम और अरुण सिंह का नाम शामिल है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राव साहब दानवे, हरियाणा सरकार के मंत्री जेपी दलाल इसमें चीन-पाकिस्तान का हाथ बता चुके हैं। 

सियासत में इतने बड़े पदों पर बैठे इन लोगों को सियासी तजुर्बा भी अच्छा-खासा है लेकिन इसके बावजूद अगर ये लगातार इस तरह के बयान दे रहे हैं तो इसका मतलब साफ है कि मोदी सरकार किसान आंदोलन से बौखला चुकी है। क्योंकि सरकार पिछले छह साल में यह भूल चुकी थी कि उसके ख़िलाफ़ कोई आवाज़ भी उठा सकता है। 

सियासी विरोधियों या इनकी विचारधारा से सहमत नहीं होने वालों का चरित्र हनन करने से लेकर उन्हें देशद्रोही बताने के आदी हो चुके ट्रोल आर्मी के कारकूनों ने खालिस्तानी-वामपंथी भाई-भाई ट्रेंड में क्या-क्या लिखा है देखिए। 

कुणाल नाम के ट्विटर यूजर ने किसान आंदोलन को बदनाम करने वाली एक इमेज पोस्ट की है। जिसमें लिखा है कि किसान पाकिस्तान का विरोध बंद करने, खालिस्तान का निर्माण करने और मोदी हटाओ की मांग कर रहे हैं। 

ख़ुद को सनातनी हिंदू बताने वाले अमित शर्मा ने मुसलमानों का सिखों के लिए लंगर लगाने वाला फ़ोटो ट्वीट कर लिखा है कि खालिस्तानियों और वामपंथियों ने किसान आंदोलन को हाईजैक कर लिया है। 

ट्रोल आर्मी को किसानों के आंदोलन में पिज्जा बंटने, किसानों के पैरों के आराम के लिए मशीनें आने से भी बहुत दिक्कत है। सैफरन गर्ल या भगवा लड़की नाम की ट्विटर यूजर लिखती हैं कि किसानों का आंदोलन खालिस्तान बनाने का एजेंडा है लेकिन हमें मुंह बंद रखना है क्योंकि वे अन्नदाता हैं। 

भुखमरी, ग़रीबी, बेरोज़गारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, कोरोना महामारी, लॉकडाउन के कारण पहले बंद और अब बेहद धीमे पड़े काम के कारण लोग परेशान हैं। 

आप किराना के व्यापारी से लेकर, होटल-ढाबे चलाने वालों तक से पूछिए, वे कहते हैं कि भाईसाहब, काम मंदा चल रहा है, काफी वक़्त लगेगा पुरानी रफ़्तार में वापस आने में। क्योंकि लोग घरों से कम निकल रहे हैं और जो थोड़ा-बहुत बाहर ख़र्च करते थे, वो भी हाथ तंग होने के कारण उन्होंने रोक दिया है। ऐसे में 85 फ़ीसदी निम्न-मध्य आय वर्ग वाले लोग जिंदगी की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं। 

ऐसे हालात में भी दक्षिणपंथी पेड ट्रोल आर्मी पहले मुसलमानों, फिर किसानों, वामपंथियों और जो भी मोदी के खिलाफ आवाज़ उठाए, उसके पीछे पड़ जाती है और ऐसा होना बदस्तूर जारी है। 

इस बार ट्रोल आर्मी ने ग़लत लोगों से पंगा लिया है। ट्रोल आर्मी को मशहूर पंजाबी गायकों, आम लोगों ने जमकर लताड़ा है और सिने अदाकारा कंगना रनौत की भी ख़ूब धुलाई की है। कंगना ने आंदोलन में आ रहीं एक बुजुर्ग महिला के लिए आपत्तिजनक ट्वीट किया था।

भस्मासुर बनी ट्रोल आर्मी 

मोदी सरकार के लिए ट्रोल आर्मी अब भस्मासुर बन चुकी है। इस आर्मी के कारिंदे हर उस आदमी को निशाना बना रहे हैं जो इनकी कथित हिंदू आइडियोलॉजी से इत्तेफ़ाक नहीं रखता। कुछ साल पहले इन्होंने वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बुरी तरह ट्रोल कर दिया था। ऐसे में इस भस्मासुर के सामने अगर मोदी सरकार का भी कोई मंत्री या बीजेपी का नेता असहमति दर्ज कराने की कोशिश करेगा तो ये उसका मान-मर्दन करने में पूरी ताक़त लगा देंगे।

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