किसान आंदोलन: खनौरी में किसानों पर रबड़ बुलेट बरसीं, 1 मौत, 25 घायल
This video is not from the India-Pakistan border but from the Shambhu border, where tear gas is being used on farmers by the BJP government#farmersprotests2024 pic.twitter.com/1bWLIElqaL
— sunil singh bhau (@Berozgar_engnir) February 21, 2024
पंजाब-हरियाणा सीमा के सभी बॉर्डरों पर किसानों को रोकने के लिए बुधवार को आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया गया। किसान दिल्ली आने के लिए आगे बढ़ना चाहते थे लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया। दिल्ली में हरियाणा के सभी बॉर्डर पर पुलिस की किलेबंदी है। किसान की मौत के बाद माहौल तनावपूर्ण है। किसान नेता शाम को शंभू बॉर्डर पर बैठक करते रहे लेकिन उन्होंने गुरुवार के लिए फिलहाल कोई ऐलान नहीं किया है।
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हरियाणा पुलिस द्वारा खनौरी सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों पर रबड़ की गोलियां चलाने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद बुधवार को 20 वर्षीय प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि 25 अन्य घायल हो गए।
मरने वाले किसान की पहचान बठिंडा के बलोके के शुभकरण सिंह के रूप में हुई, जिसने चोटों के कारण पटियाला के राजेंद्रा अस्पताल में दम तोड़ दिया। कथित तौर पर उन्हें रबड़ की गोली लगी थी। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, एक गोली उनके कान के ऊपर से सिर में लगी। जिस वजह से उनकी मौत हुई।
घायल किसानों में से दस को अस्पताल ले जाया गया, जबकि अन्य का शंभू बॉर्डर के अस्थायी कैंप में इलाज किया गया। रबड़ की गोली से घायल दो लोगों को राजेंद्रा अस्पताल, पटियाला रेफर किया गया। संगरूर के सिविल सर्जन डॉ कृपाल सिंह ने कहा कि 26 वर्षीय युवक के सिर में चोट लगी है। फिलहाल आंसू गैस के गोले दागना बंद कर दिया गया है। खनौरी में दो किसानों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर मिलने के बाद किसान नेता राजेंद्रा अस्पताल पहुंचे।
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हम देश के किसानों के हित में मरने और गोली खाने के लिए तैयार हैं क्योंकि यह अब पंजाब के किसानों की नहीं बल्कि पूरे देश की लड़ाई है।
-किसान नेता सरवन सिंह पंढेर, 21 फरवरी 2024 सोर्सः द ट्रिब्यून
किसान नेताओं ने केंद्र सरकार से शंभू सीमा पर बैरिकेड और नाकाबंदी हटाने और किसानों को शांतिपूर्वक दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति देने का भी आग्रह किया।
Shambhu Border#farmer pic.twitter.com/squ9ZOo4WH
— Praveen (@praveenpscs) February 21, 2024
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर पीटीआई से कहा- "तो क्या हुआ अगर उन्होंने हम पर आंसू गैस के गोले छोड़े? यह संभव नहीं है कि हम तमाशा देखें जबकि यहां हमारे बच्चों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। अर्जुन मुंडा चर्चा का एक और दौर आयोजित करने की बात कर रहे हैं। लेकिन यहां क्या हो रहा है। बातचीत एमएसपी गारंटी कानून के आसपास ही होना चाहिए।”
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हरियाणा पुलिस ने दोपहर को शंभू बॉर्डर और खनौरी (जींद) बॉर्डर पर फिर से किसानों पर ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले बरसाए। सुबह उसने सिर्फ शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दागे थे। किसानों खेतों में भाग कर बचते रहे।
हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले दागने का दूसरा दौर दोपहर को शुरू किया। कुछ प्रदर्शनकारी जब हटने की बजाय बैरिकेडिंग की ओर बढ़ने लगे तो पुलिस ने ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले बरसाए । इस बीच, किसान नेताओं और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत समाप्त हो गई है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से एमएसपी कानून पर बयान की मांग कर रहे हैं।
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हरियाणा में जींद के पास खनौरी बॉर्डर पर करीब 15 हजार प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई। आसपास के मैदान प्रदर्शनकारियों से भर गए। हरियाणा पुलिस ने इन्हें हटाने के लिए आंसू गैस के गोले बरसाए। फिर उन पर रबड़ बुलेट से फायरिंग की गई। खास बात ये है कि खनौरी बॉर्डर पर किसानों के पास कोई जेसीबी नहीं है। वे बिल्कुल निहत्थे हैं।
खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने से कई प्रदर्शनकारी किसानों को चोटें आई हैं। किसानों ने पुलिस अधिकारियों पर 32 बोर और 12 बोर के हथियारों से फायरिंग करने का आरोप लगाया है।
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पटियाला रेंज के डीआइजी एचएस भुल्लर ने बुधवार सुबह हरियाणा पुलिस से अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि 14 आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल ''बेवजह'' है। हरियाणा पुलिस ने बुधवार सुबह बैरिकेड के पास पहुंचे किसानों पर आंसू गैस छोड़ी थी।
हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले अर्थमूवर मशीनों और बुलडोजरों के मालिकों को चेतावनी देते हुए कहा है, "आपको आपराधिक रूप से उत्तरदायी ठहराया जा सकता है"। हालांकि किसान नेताओं ने बार-बार कहा है कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है। वे किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते। दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपनी टिप्पणी में ट्रैक्टर ट्रालियों पर आपत्ति जताई थी। इस वजह से हरियाणा पुलिस ने किसानों को चेतावनी दी है कि वे ट्रैक्टर ट्रालियों को लेकर आगे नहीं बढ़ सकते।
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किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा- हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं बढ़ेगा। नेता आगे बढ़ेंगे। हम शांतिपूर्ण तरीके से जाएंगे... ये सब खत्म किया जा सकता है अगर वे ( केंद्र सरकार एमएसपी पर कानून बनाए...।''
- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति की अपील करते हुए कहा है कि सरकार फिर से बातचीत को तैयार है। बता दें कि अब तक चार दौर की बातचीत किसानों और केंद्र सरकार के बीच हो चुकी है। लेकिन सरकार का एमएसपी पर रुख साफ नहीं होने से किसान नेताओं ने दिल्ली चलो मार्च जारी रखने का फैसला किया।
- किसान नेताओं ने प्रस्ताव को फिलहाल ठुकराया और कहा कि सरकार हमारे साथ सिर्फ टाइम पास कर रही है।
- बीकेयू (क्रांतिकारी) के सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि केंद्र ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे ज्यादा से ज्यादा टाइम पास करना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होंने हमें वार्ता के एक और दौर के लिए आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री या गृह मंत्री क्यों नहीं बयान जारी कर रहे हैं कि सभी मांगें पूरी की जाएंगी।
हरियाणा पुलिस का बयान
- एआईजी, (प्रशासन) और हरियाणा पुलिस की प्रवक्ता मनीषा चौधरी का कहना है, "हरियाणा पुलिस ने पंजाब से लगी सभी सीमाओं पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। वे (किसान) शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं और उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। हम जानकारी मिली कि किसान विरोध स्थल पर भारी मशीनें लेकर आए हैं और हमने पंजाब पुलिस से ऐसी मशीनरी को अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है। हम किसानों से फिर से अपील करते हैं कि वे विरोध स्थल पर भारी मशीनें न लाएं। वे अपनी मांगों के संबंध में हमें ज्ञापन सौंप सकते हैं... हम पंजाब पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और उनके साथ जानकारी साझा कर रहे हैं..."
हरियाणा पुलिस किसानों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए भारी मशीनरी जैसे जेसीबी, पोकलेन आदि का प्रयोग न करने की घोषणा का स्वागत करती है। हरियाणा पुलिस की अपील- ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग ना करें प्रदर्शनकारी। कानून व्यवस्था बनाए रखने में करें सहयोग। @anilvijminister @cmohry pic.twitter.com/GZK3hShghs
— Haryana Police (@police_haryana) February 21, 2024
- मानेसर से पैदल दिल्ली आ रहे किसानों को हरियाणा क्राइम ब्रांच और अन्य पुलिसबल ने हिरासत में लिया।
मानेसर से दिल्ली पैदल जा रहे किसानों को गुरुग्राम पुलिस ने हिरासत में लिया है! पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट कहती है ट्रैक्टर से मत जाओ अगर जाना है तो बस पर जा सकते हो।#FarmersProtest2024#FarmerProtestInDelhi pic.twitter.com/91jJniUVL9
— Yug (@mittal68218) February 21, 2024
हरियाणा के की शहरों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया, ताकि अगर किसानों या मजदूरों के जत्थे कहीं से भी निकलें तो उन्हें रोका जा सके। हालांकि हरियाणा में गुरनाम सिंह चढ़ूनी की बीकेयू संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा है तो इस आंदोलन में शामिल नहीं है। लेकिन उसकी हमदर्दी आंदोलन के साथ बनी हुई है। पुलिस चढ़ूनी की गतिविधियों पर नजर रख रही है।