खड़गे ने कहा- I.N.D.I.A में सीट शेयरिंग पर बात 5 राज्यों के चुनाव के बाद
इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर मीडिया में तमाम अटकलबाजियां थीं। लेकिन बुधवार 25 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एएनआई से बातचीत में कहा कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर पांच राज्यों के चुनाव के बाद बातचीत होगी। खड़गे के इस बयान से साफ हो गया कि विपक्षी दल लोकसभा चुनाव 2024 के लिए ही सीट शेयरिंग करने वाले हैं। पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनाव में कोई सीट शेयरिंग नहीं होगी। हालांकि चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने एमपी और राजस्थान में अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
एनएनआई ने खड़गे से बातचीत के वीडियो जारी किए हैं। एएनआई के रिपोर्टर ने उनसे कलबुर्गी (कर्नाटक) में ये बातचीत की है। एएनआई के मुताबिक इंडिया अलायंस सीट बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- "हम इसे देखेंगे। पहले 5 राज्यों के चुनाव होने दीजिए...।"
यह पूछे जाने पर कि क्या 5 राज्यों के चुनाव 2024 के आम चुनावों का सेमीफाइनल होंगे, खड़गे ने कहा- "नहीं, ऐसा नहीं है। हर राज्य के अलग-अलग चुनावी मुद्दे हैं, उन्हीं के हिसाब से वोटिंग होती है। हर चुनाव अलग होता है...पीएम मोदी हर चुनाव में खुद को चुनने के लिए कहते हैं - नगर निगम चुनाव, विधानसभा चुनाव...क्या वह खुद सीएम बनने जा रहे हैं? इसलिए, लोग स्थानीय नेताओं को वोट देते हैं, जिन्होंने उनके लिए काम किया और उनकी समस्याओं का समाधान किया"
खड़गे ने एएनआई से कहा- ''पांच राज्यों में चुनाव का काम अच्छा चल रहा है...हमें पूरा भरोसा है कि हम पांचों राज्यों में जीत हासिल करेंगे...बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है। लोग महंगाई और बेरोजगारी से नाराज हैं । बीजेपी अपने किसी भी वादे पर खरी नहीं उतरी...अशोक गहलोत और भूपेश बघेल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अच्छा काम कर रहे हैं। वहां कोई मुद्दा नहीं है। एमपी में शिवराज सिंह चौहान के कारण समस्याएं हैं। लोग उनके खिलाफ हैं। इसलिए, हमें उम्मीद है कि हम सभी पांच राज्यों में अपनी सरकार लाएंगे और सब कुछ ठीक हो जाएगा।''
यहां बताना जरूरी है कि इंडिया गठबंधन की मुंबई बैठक को 53 दिन हो चुके हैं। इसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें कहा गया था कि विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू की जाएगी। लेकिन इसके बाद पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। पर, बात सीट शेयरिंग तक नहीं पहुंची।
कम से कम दो विपक्षी दलों ने सीटों पर चर्चा में देरी के लिए सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। विपक्ष के एक नेता ने कहा कि “कांग्रेस आगामी चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रही है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी संख्या बढ़ेगी और तब कांग्रेस के पास अन्य घटकों की तुलना में बेहतर सौदेबाजी की ताकत हो सकती है।” हालांकि कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर तुरंत बातचीत की बात कही गई थी लेकिन उसकी समय सीमा तय नहीं थी। उसके बाद त्यौहार शुरू हो गए। फिर पांच राज्यों में चुनाव घोषित हो गए। इसलिए अब पांच राज्यों में चुनाव के बाद ही बातचीत होगी।
कांग्रेस एक तरफ तो सीट शेयरिंग पर बातचीत के लिए पांच राज्यों के चुनाव नतीजों का इंतजार करना चाहती है लेकिन दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के लिए उसने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बातचीत शुरू की लेकिन कोई समझौता होता, अखिलेश यादव बिदक गए। सपा को लेकर एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय रॉय ने बयान दे दिए। उसके बाद अखिलेश ने इन लोगों को चिरकुट नेता बताते हुए एमपी के सपा प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी।
सूत्रों का कहना है कि एक तरफ तो कांग्रेस समय ले रही है लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत भी जारी है। इंडिया उपसमिति से जुड़े गैर कांग्रेसी दल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रमुख विपक्षी नेताओं ने आंतरिक चर्चा कई दौर में की है। हमने राज्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है: ए, बी और सी। ए श्रेणी के राज्य वे हैं जहां पहले से समझौते या गठबंधन हैं, जिनमें महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, झारखंड, जम्मू-कश्मीर हैं। बी श्रेणी के राज्य वे हैं जहां कांग्रेस बिना किसी विवाद मजबूत पार्टी है। ये राज्य हैं- एमपी, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश। सी श्रेणी के राज्य शेष राज्य हैं, जहां गहन बातचीत की उम्मीद है। जिनमें दिल्ली, यूपी, पंजाब प्रमुख है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी ज्यादा हिस्सा मांग रही है, यूपी में सपा ज्यादा हिस्सा मांग रही है।