खड़गे का विपक्षी नेताओं को पत्र- 'वोटिंग डेटा गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाएं'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले दो चरणों के चुनाव में वोटिंग डेटा गड़बड़ी को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं को सचेत किया है। खड़गे ने 7 मई को सभी विपक्षी पार्टियों से अपील की है कि एक जीवंत लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए खड़े होने का समय है। मतदान डेटा 'विसंगतियों' के खिलाफ सामूहिक, एकजुट और स्पष्ट रूप से आवाज उठाने का समय आ गया है।
पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल और दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को हुआ था। लेकिन भारत के चुनाव आयोग ने इसका डेटा 30 अप्रैल को जारी किया और यह भी कहा कि ये फाइनल डेटा नहीं है। जबकि इससे पहले हुए किसी भी आम चुनाव में ऐसा नहीं हुआ था। विपक्षी दलों ने 30 अप्रैल को ही सवाल उठा दिया था। चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल को जो डेटा जारी भी किया, उसमें तमाम तरह की विसंगतियां थीं। विपक्ष के आवाज उठाने के बाद चुनाव आयोग आज तक उसका उचित जवाब नहीं दे सका है।
खड़गे ने पत्र में लिखा है- “पहले और दूसरे चरण के लिए अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने में अत्यधिक देरी डेटा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। मेरे 52 साल के चुनावी जीवन में, मैंने कभी भी अंतिम प्रकाशित आंकड़ों में मतदान प्रतिशत में इतनी अधिक वृद्धि नहीं देखी है। वैसे भी ये आंकड़े बहुत देर से आए हैं।“
My letter to the leaders of INDIA parties, regarding the discrepancies in the voting data released by Election Commission of India and non-publishing of registered voters.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 7, 2024
Sharing the text of the same -
2024 Lok Sabha elections is the fight to save Democracy and the… pic.twitter.com/cwIokvYlIo
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण के मतदान में 66.14 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले चरण की तुलना में लगभग 4 प्रतिशत अंक की गिरावट है। इसी तरह, दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के चुनावों की तुलना में लगभग 3 प्रतिशत अंक की गिरावट दर्शाता है।
खड़गे ने इसी बढ़ोतरी पर सवाल उठाया है। क्योंकि मतदान वाले दिन आयोग ने शाम 7 बजे तक का जो डेटा दिया था, उसमें मतदान प्रतिशत कुछ और था। खड़गे ने पत्र में लिखा है- “हम आयोग से पूछते हैं - पहले चरण के लिए, मतदान की समाप्ति की तारीख (19 अप्रैल शाम 7 बजे) से लेकर मतदान डेटा के देरी (30 अप्रैल) से जारी होने तक अंतिम मतदान प्रतिशत में ~5.5% की वृद्धि क्यों हुई है? दूसरे चरण के लिए, मतदान समाप्त होने की तारीख (26 अप्रैल शाम 7 बजे) से डेटा जारी होने में देरी (30 अप्रैल) तक अंतिम मतदान में लगभग 5.74% से अधिक की वृद्धि हुई है?" खड़गे ने इन आंकड़ों पर हैरानी जताई।
खड़गे ने अपने पत्र में एक और महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने सवाल उठाया है कि चुनाव आयोग ने हर संसदीय क्षेत्र और संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में पड़े वोटों के आंकड़े क्यों जारी नहीं किए। यहां यह बताना जरूरी है कि हर संसदीय और विधानसभा चुनाव में यह डेटा देना अनिवार्य है। लेकिन चुनाव आयोग अब अपने ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। अब जमाना ईवीएम का है, जिसके जरिए डेटा फौरन मिल जाता है। लेकिन जब बैलेट पेपर से चुनाव होते थे तो सभी लोकसभा या विधानसभा क्षेत्र में पड़े वोट का आंकड़ा प्रतिशत के रूप में सामने आ जाता था। चुनाव आयोग अपनी साइट पर ऐसा डेटा जारी करता रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगाह किया है कि “इंडिया (INDIA) गठबंधन के रूप में, लोकतंत्र की रक्षा करना और चुनाव आयोग की स्वतंत्र कार्यप्रणाली की रक्षा करना हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए। उपरोक्त सभी तथ्य हमें एक सवाल पूछने के लिए मजबूर करते हैं - क्या यह अंतिम परिणामों को गलत साबित करने का प्रयास है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पहले दो चरणों में मतदान के रुझान और उनकी घटती चुनावी किस्मत से 'स्पष्ट रूप से घबराए हुए' और 'निराश' हैं।“
''
खड़गे ने विपक्ष से एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि “इस संदर्भ में, मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि हमें सामूहिक रूप से, एकजुट होकर और स्पष्ट रूप से ऐसी गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि हमारा एकमात्र उद्देश्य एक जीवंत लोकतंत्र और संविधान की संस्कृति की रक्षा करना है। आइए हम भारत के चुनाव आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करें और इसे जवाबदेह बनाएं।''
दोनों चरणों के चुनाव के बाद आयोग के डेटा को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। लेकिन अभी तक आयोग ने जिम्मेदारी के बावजूद इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया है। ईवीएम और वीवीपैट को लेकर देश में मतदाता तमाम सवाल उठा रहे हैं इसलिए चुनाव आयोग की यह कारगुजारी जनता की नजर में भी है। ईवीएम को लेकर हालांकि सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना चुका है लेकिन जनता और राजनीतिक दलों के सवाल अपनी जगह बने हुए हैं।