खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से संयुक्त राज्य अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। गुप्ता को पिछले साल चेक गणराज्य में अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें आज ही यानी सोमवार को न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।
पिछले साल अमेरिकी संघीय अभियोजकों द्वारा एक भारतीय नागरिक और एक अनाम भारतीय अधिकारी पर आरोप लगाया गया था कि अमेरिकी धरती पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रची गई। तब निखिल गुप्ता का नाम पहली बार अमेरिका द्वारा लिया गया था। निखिल गुप्ता पर पन्नू को मारने के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने के लिए एक भारतीय सरकारी एजेंसी के कर्मचारी के साथ काम करने का आरोप लगाया गया है।
भारत ने ऐसे किसी मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। अमेरिका द्वारा इस मामले को भारत के सामने उठाए जाने के बाद सरकार ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वह इस मामले की जाँच कर रही है। इसने अमेरिका के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की है। निखिल गुप्ता ने भी अपने वकील के माध्यम से आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन पर ग़लत आरोप लगाए गए हैं।
बहरहाल, वाशिंगटन पोस्ट ने गुप्ता के प्रत्यर्पण की खबर दी है। गुप्ता वर्तमान में ब्रुकलिन में संघीय मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है, जहाँ उसे कैदी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने संघीय जेल ब्यूरो की वेबसाइट और मामले से परिचित एक सूत्र के हवाले से बताया है कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से संयुक्त राज्य अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार जेल ब्यूरो की वेबसाइट पर कैदी के नाम से खोज करने पर पता चला कि 52 वर्षीय गुप्ता को ब्रुकलिन के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है, जो एक संघीय प्रशासनिक हिरासत केंद्र है।
पिछले महीने चेक गणराज्य की एक अदालत ने अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए निखिल गुप्ता द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिससे चेक न्याय मंत्री के लिए उसे प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ हो गया था।
अमेरिका के इन आरोपों के आधार पर कि वह हत्या की साजिश में शामिल था, गुप्ता को पिछले साल 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। अमेरिकी संघीय अभियोजकों के अनुसार, गुप्ता एक अमेरिकी नागरिक की हत्या के लिए एक हत्यारे को काम पर रखने की साजिश में फंसे, जो कथित तौर पर एक भारतीय सरकारी अधिकारी के निर्देश पर किया गया था। टारगेट की पहचान पन्नू के रूप में की गई थी।
गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है और वह आतंकवाद के आरोपों में भारत में वांछित है। उसे केंद्रीय गृह मंत्री ने सख्त आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया है।
निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की वार्षिक आईसीईटी वार्ता के लिए नई दिल्ली की यात्रा से पहले हुआ है। संभावना है कि सुलिवन अजीत डोभाल के समक्ष इस मामले को उठाएंगे।