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कनाडा के टोरंटो में खालिस्तानी और भारतीय आमने-सामने, विरोध बढ़ा

कनाडा के टोरंटो में खालिस्तानी और भारतीय आमने-सामने, विरोध बढ़ा

कनाडा के टोरंटो शहर में खालिस्तानियों के प्रदर्शन के जवाब में भारतीयों ने भी प्रदर्शन किया और नारे लगाए। एक बार तो दोनों समूह आमने-सामने आ गए थे। कनाडा के अलावा ऑस्ट्रेलिया और लंदन में भी खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किए हैं।

कनाडा के टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी समर्थक विरोध का मुकाबला करने के लिए भारतीय समुदाय के सदस्यों ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक रैली निकाली। न्यूज एजेंसी एएनआई ने दो अलग-अलग वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है। एक तरफ, खालिस्तानी समर्थक अपने झंडे के साथ वाणिज्य दूतावास के बाहर खड़े थे और दूसरी ओर, भारतीय समुदाय के सदस्यों ने जवाबी प्रदर्शन किया। भारतीय समुदाय ने स्पष्ट संदेश देने के लिए भारतीय तिरंगे को लहराया।

एएनआई के वीडियो में खालिस्तानी समर्थकों का एक समूह सड़क के एक तरफ खालिस्तानी झंडे लहराते हुए खड़ा है। वीडियो में पगड़ी पहने एक व्यक्ति को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हुए भी दिखाया गया है।

सड़क के दूसरी ओर, प्रवासी भारतीयों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए और एक तख्ती पकड़ कर, जिस पर लिखा था, "खालिस्तानी सिख नहीं हैं" जवाबी विरोध प्रदर्शन किया। कनाडा में रहने वाले भारतीयों ने "भारत माता की जय" और "वंदे मातरम" के नारे लगाए।

खालिस्तानी समूह ने हाथों में एसएफजे नेता हरदीप सिंह निज्जर के पोस्टर ले रखे थे, जिनकी 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी। पोस्टरों में हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया गया था। भारतीय जांच और सुरक्षा एजेंसियों ने निज्जर पर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख होने का आरोप लगाया गया था। उस पर आतंकवाद से संबंधित कई आरोप थे।

इससे पहले कनाडाई खालिस्तानियों ने ओंटारियो के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर रातों-रात तख्ती लगाकर अपना विरोध शुरू किया था। खालिस्तानी इसे "युद्ध क्षेत्र" कहते हैं। पोस्टर में कनाडा में शीर्ष भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाया गया और खालिस्तानियों ने उन्हें "कनाडा में शहीद निज्जर की हत्या के चेहरे" का नाम दिया।

सूत्रों के मुताबिक, 'किल इंडिया रैली' का नेतृत्व गुरुपतवंत सिंह पन्नू और परमजीत सिंह पम्मा जैसे खालिस्तानी आतंकवादियों ने किया था, जिन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से फंडिंग लेने का आरोप है।

इसके बाद लगभग 250 खालिस्तान समर्थक तत्व भारत के वाणिज्य दूतावास वाली इमारत की सड़क के पार एकत्र हुए, जिन्होंने कनाडा में भारत के सबसे वरिष्ठ दूतों को निशाना बनाया। खालिस्तान समर्थक समूह ने मोर्चाबंदी तोड़ने और भारत समर्थक दल पर हमला करने का प्रयास किया। 

शनिवार को लंदन, ऑस्ट्रेलिया में भी खालिस्तानी समर्थकों ने 'किल इंडिया रैली' का आयोजन किया था। लंदन में मार्च का नेतृत्व खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पम्मा ने किया, जो फिलहाल भारत से भागकर वहीं छिपा हुआ है। 

प्रदर्शनकारियों का एक छोटा समूह शनिवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानी समूहों द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन के लिए निकला था। पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की उपस्थिति अच्छी तादाद में थी। इस रैली में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. शशांक विक्रम की तस्वीरों के साथ हिंसा भड़काने वाले विवादास्पद पोस्टरों का इस्तेमाल किया गया था।

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