लंदन के बाद सैन फ्रांसिस्को में दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों का हमला
खालिस्तान समर्थकों ने लंदन के बाद अब सैन फ्रांसिस्को में हिंसा की है। ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में कुछ लोगों को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर लगे बैरिकेड्स, दरवाजे और खिड़कियाँ तोड़ते हुए देखा जा सकता है। ऐसी हिंसा करने वालों के हाथों में खालिस्तान का झंडा था। इसके साथ ही वीडियो में दिखता है कि वहीं दीवार पर लिखा था 'फ्री अमृतपाल'। भारत में पंजाब पुलिस कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल की तलाश में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर रही है, जो पिछले तीन दिनों से फरार है।
प्रोफेसर अशोक स्वेन ने ट्वीट किया है, 'लंदन के बाद अब सैन फ्रांसिस्को - सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया है। मोदी की सुरक्षा के लिए हर साल 584 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन भारत के राजनयिक मिशन असुरक्षित हैं।'
After London, now San Francisco - Indian consulate in San Francisco is attacked by Khalistan supporters. For Modi’s security, Rs 584 crores spent every year, but India’s diplomatic missions are left unsecured. pic.twitter.com/scJ9rKcazW
— Ashok Swain (@ashoswai) March 20, 2023
'मेजर सुरेंद्र पूनिया' नाम के एक यूज़र ने एक ट्वीट में कहा है कि यह अस्वीकार्य और चौंकाने वाला है कि अमेरिकी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विदेशों में खालिस्तान समर्थक इसलिए विरोध और हिंसा का सहारा ले रहे हैं क्योंकि भारत में पंजाब पुलिस खालिस्तान समर्थक की तलाश में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर रही है।
पंजाब में यह कार्रवाई अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों द्वारा अपने एक सहयोगी की रिहाई के लिए तलवारें और बंदूकें लेकर अजनाला पुलिस थाने में घुसने के एक महीने बाद हुई है। उस झड़प में छह पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे। उस घटना के बाद पंजाब सरकार को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
बहरहाल, अब जब अमृतपाल की तलाश की जा रही है तो खालिस्तान समर्थक बौखलाए हुए हैं। अमेरिका से पहले ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत के तिरंगे को उतारे जाने का मामला सामने आया था। हालाँकि, समय पर अधिकारियों ने पहुँचकर राष्ट्रीय ध्वज को बचा लिया, खालिस्तानी झंडे को वहाँ से फेंक दिया और फिर पहले से भी बड़ा तिरंगा झंडा फहराया गया। लंदन के एल्डविच में इंडिया हाउस में लगे विशाल राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर वायरल हुई है। सोशल मीडिया यूज़रों ने उच्चायोग के इस कदम की सराहना की है।
भारतीय ध्वज को नीचे खींचे जाने के वीडियो ऑनलाइन आने के बाद विदेश मंत्रालय ने रविवार देर शाम ब्रिटिश उप उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट को तलब किया। मंत्रालय ने उच्चायोग परिसर में 'सुरक्षा नहीं होने' पर स्पष्टीकरण मांगा और कहा कि भारतीय राजनयिकों और कर्मियों के लिए यूके सरकार की 'उदासीनता' अस्वीकार्य है।
ब्रिटेन के विदेश राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के राज्य मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने भारतीय उच्चायोग पर हमले पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा, 'लंदन में भारतीय उच्चायोग पर आज के हमले से स्तब्ध हूं। यह मिशन और उसके कर्मचारियों की अखंडता के खिलाफ पूरी तरह से अस्वीकार्य कार्रवाई है। ब्रिटेन सरकार हमेशा भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को गंभीरता से लेगी।'
Am appalled by today’s attack on the Indian High Commission in London. This is a completely unacceptable action against the integrity of the Mission and its staff. The UK Government will always take the security of the Indian High Commission seriously.
— Lord (Tariq)Ahmad of Wimbledon (@tariqahmadbt) March 19, 2023
ब्रिटेन में भारतीय वाणिज्य दूतावासों पर हाल के हमलों पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ब्रिटिश अधिकारियों को ऐसा नहीं होने देने के उपाय करने चाहिए।
उन्होंने एएनआई से कहा, 'यह पूरी तरह से चौंकाने वाला है कि ऐसा होने दिया गया। वास्तविक समस्या उच्चायोग के अंदर नहीं है, बल्कि बाहर के परिसर में है, जिसकी रक्षा करना स्थानीय अधिकारियों, ब्रिटिश अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है।'