केरल बीजेपी के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन पर राज्य की पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। सुरेंद्रन पर आरोप है कि उन्होंने आदिवासी नेता सीके जानू को 10 लाख रुपये दिए थे और कहा था कि वह विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में लौट आएं और चुनाव लड़ें। सीके जानू जनाधिपति राष्ट्रीय पार्टी (जेआरपी) के अध्यक्ष भी हैं।
जानू ने वायनाड की एक सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह हार गए थे। पुलिस ने सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने यह मुक़दमा अदालत के आदेश पर दर्ज किया है। हाल ही में सुरेंद्रन और जेआरपी के नेता प्रसीथा अझिकोड की एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी। इस क्लिप में सीके जानू को पैसे देने की बात की गई थी।
सुरेंद्रन और केरल बीजेपी ने इन आरोपों से इनकार किया है लेकिन अदालत पहली नज़र में ऑडियो क्लिप की सत्यता के बारे में आश्वस्त दिख रही है। केरल में 6 अप्रैल को एक चरण में मतदान हुआ था और इसमें लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ़्रंट को जीत मिली थी।
वायनाड की कलपेट्टा की प्रथम श्रेणी की अदालत ने इंडियन यूनियन मुसलिम लीग की छात्र शाखा मुसलिम स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन के अध्यक्ष पीके नवास की याचिका पर सुनवाई के दौरान के. सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करने का आदेश दिया।
जेआरपी के नेता प्रसीथा अझिकोड ने आरोप लगाया था कि जानू ने एनडीए में वापस लौटने के लिए सुरेंद्रन से 10 करोड़ रुपये देने की मांग की थी लेकिन अंत में सुरेंद्रन 10 लाख रुपये देने पर राजी हुए थे।
डकैती मामले को लेकर किरकिरी
3.5 करोड़ रुपये की डकैती के मामले में केरल बीजेपी में पहले से ही बवाल चल रहा है। बीजेपी और आरएसएस ने भी इस मामले का संज्ञान लिया था और बीजेपी आलाकमान ने इस बारे में तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाकर उससे रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले में केरल की पुलिस हवाला के एंगल से भी जांच कर रही है।
इस मामले में थ्रिसूर पुलिस ने अदालत में अपना बयान दिया है। पुलिस ने कहा है कि डकैती के इस मामले में लूटे गए पैसे के तार बीजेपी से ही जुड़े हैं। यह डकैती विधानसभा चुनाव में मतदान से कुछ दिन पहले हुई थी। पार्टी के नेता कहते हैं कि अब यह मामला बीजेपी और आरएसएस के लिए शर्मिंदगी का विषय बन गया है।
एक और गंभीर आरोप
के. सुरेंद्रन पर एक और गंभीर आरोप लगा है। विधानसभा चुनाव में मंजेश्वरम सीट से बीएसपी के उम्मीदवार रहे के. सुंदारा ने भी आरोप लगाया है कि उन्हें बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने नामांकन वापस लेने के लिए 2.5 लाख रुपये दिए थे। सुंदारा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि के. सुरेंद्रन ने उन्हें धमकी भी दी थी। हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों को भी ग़लत बताया है।