केजरीवाल को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कम से कम 29 अप्रैल तक अब जेल में रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से सोमवार को इनकार कर दिया। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब दाखिल करने के लिए 27 अप्रैल तक का समय दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट भी पिछले हफ्ते केजरीवाल की शीघ्र सुनवाई वाली याचिका को खारिज कर चुका है। हाईकोर्ट ने कहा था कि ईडी ने अपने दावे को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। ईडी ने 100 करोड़ के मनी ट्रेल का पता भी लगा लिया है। केजरीवाल ने तब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन बीच में छुट्टी होने के कारण मामले सोमवार को लिस्ट किया गया।
हाईकोर्ट में केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई के समय की ओर इशारा करते हुए, अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ जोरदार तर्क दिया था। हालांकि केजरीवाल ने ईडी के कई समनों पर हाजिर होने से इनकार कर दिया। वो अदालत से गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। लेकिन उन्हें कहीं से कोई राहत नहीं मिली।
पिछले सप्ताह केजरीवाल ने कहा था कि उनकी गिरफ़्तारी "स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव" और "लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला" है। आप ने भ्रष्टाचार के सभी आरोपों से इनकार किया और केजरीवाल के खिलाफ मामले को चुनाव से पहले पार्टी को नष्ट करने के लिए "राजनीतिक प्रतिशोध" बताया है।
अदालत ने केजरीवाल की सभी दलीलों को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा- "राजनीतिक विचारों को अदालत के सामने नहीं लाया जा सकता... इस अदालत के सामने मामला केंद्र सरकार और अरविंद केजरीवाल के बीच संघर्ष का मामला नहीं है। यह अरविंद केजरीवाल और ईडी के बीच का मामला है।"