केजरीवाल के अंधविश्वासी विचार से 'अपने' भी सहमत नहीं
आम आदमी पार्टी चीफ अरविन्द केजरीवाल को करंसी पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो वाले बयान को उनके अपनों से भी समर्थन नहीं मिल रहा है। आप समर्थक विशाल ददलानी और कभी आप टिकट पर चुनाव लड़ चुकीं एक्ट्रेस गुल पनाग केजरीवाल के विचार के खिलाफ हैं। सोशल मीडिया पर बाकी लोग भी केजरीवाल के प्रस्ताव का मजाक उड़ा रहे हैं।
The Constitution of India states that we are a Secular Socialist Republic.
— VISHAL DADLANI (@VishalDadlani) October 26, 2022
Hence, religion must have NO PLACE in governance.
To be completely clear, I have nothing to do with anyone who brings any part of any religion to any aspect of government.
Jai Hind. 🙏🏽
बॉलीवुड संगीतकार विशाल ददलानी को भारतीय फिल्मी दुनिया में आप समर्थक माना जाता है। लेकिन वो केजरीवाल के विचार से सहमत नहीं हैं। ददलानी ने केजरीवाल या उनकी पार्टी का नाम लिए बिना ट्वीट किया।जिसमें उन्होंने कहा कि भारत का संविधान कहता है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष समाजवादी गणराज्य हैं। इसलिए, शासन में धर्म का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इसे मैं और साफ कर दूं कि मेरा ऐसे लोगों से कोई लेना-देना नहीं है जो किसी भी धर्म के किसी भी हिस्से को किसी भी पहलू में लाते हैं।
आप समर्थक ददलानी का यह ट्वीट केजरीवाल के उस बयान के बाद आया, जब बुधवार को केजरीवाल ने पीएम मोदी से भारतीय मुद्राओं पर लक्ष्मी और गणेश की तस्वीरें छापने की अपील की।
यह पहली बार नहीं है जब विशाल ददलानी ने आप की आलोचना की है। 2020 में, संगीतकार ने देशद्रोह के मामले में कन्हैया कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए पार्टी की आलोचना की थी।
आप के टिकट पर चुनाव लड़ चुकीं एक्ट्रेस गुल पनाग ने भी कहा कि धर्म को हर चीज में लाना, यह एक ऐसा खेल है जिसे अब हर कोई खेल रहा है। और सिर्फ राजनेता ही नहीं! जो असहमत हैं वे व्यर्थ में संविधान का आह्वान करते रह सकते हैं।
Whether it’s a means to an end or an end in itself - bringing religion into everything, is a game everyone will play now. And not just politicians!
— Gul Panag (@GulPanag) October 27, 2022
Those who disagree can keep invoking the Constitution, in vain. #currencynotes
बीजेपी और आप इस समय हिन्दुत्व को कैश करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हाल ही में केजरीवाल सरकार के एक मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें हजारों लोगों ने हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म कथित तौर पर अपना लिया था। बीजेपी ने इस मामले को गुजरात में उछालते हुए केजरीवाल और उनकी पार्टी को हिन्दुत्व विरोधी करार दे दिया। केजरीवाल बचाव की मुद्रा में आ गए। मंत्री गौतम का इस्तीफा ले लिया गया। लेकिन अब केजरीवाल ने खुद को ज्यादा हिन्दू साबित करने के लिए भारतीय करंसी पर लक्ष्मी-गणेश के फोटो लगाने की मांग पीएम मोदी से कर दी। केजरीवाल जो चाहते थे, वही हुआ। बीजेपी ने फिर इसे मुद्दा बनाना चाहा लेकिन आप के कई नेता आप को हिन्दू समर्थक पार्टी घोषित कराने के लिए ज्यादा मुखर होते गए।
आप विधायक और केजरीवाल की खास आतिशी मारलेना ने कहा, आप चाहें तो अरविंद केजरीवाल से नफरत करना जारी रख सकते हैं, लेकिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश से कम से कम नफरत तो नहीं करें। उनके आशीर्वाद से नफरत न करें। इस देश की समृद्धि से कम से कम नफरत तो नहीं करें।
लोग उड़ा रहे मजाक
बहरहाल, सोशल मीडिया पर केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं का मजाक उड़ रहा है।भारत की बात नामक यूजर ने केजरीवाल के आईआईटी से पास होने पर ही सवाल उठा दिया। उसने लिखा है - क्या केजरीवाल वाकई आईआईटी मैन हैं।
क्या केजरीवाल वाकई में आईआईटी मैन है?? pic.twitter.com/hw8XCpK28M
— भारत कि बात (@bharatkeebat) October 27, 2022
नसरीन इब्राहीम ने कांग्रेस सेवादल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए टिप्पणी की है - अरविन्द केजरीवाल देश आप पर हंस रहा है। अफसोस कि चुनाव पूर्व यह आपकी ट्रिक है। भगवान आपके दिल में होना चाहिए, नोटों पर नहीं। कांग्रेस सेवादल कानपुर देहात ने टिप्पणी की थी कि फिर तो आटा चक्की पर अन्नपूर्णा देवी जी की तस्वीर लगा दो, देश से भुखमरी खत्म हो जाएगी।
@ArvindKejriwal you have the country laughing at you. Sad sack pre election tricks. God needs to be in your heart not on. Notes https://t.co/XRRIAPBDgg
— Nasreen Ebrahim (@EbrahimNasreen) October 27, 2022
कलीम नामक ट्विटर यूजर ने लिखा है - केजरीवाल के आइडिया से मुसलमानों की मुश्किल बढ़ जाएगी। इस साल जुलाई में एक मुस्लिम को इसलिए गिरफ्तार किया गया था कि उसने उस अखबार में चिकन लपेटकर दिया था, जिसमें हिन्दू देवी-देवताओं के फोटो थे। अब कल्पना कीजिए कि कोई चमड़े के वॉलेट में हिन्दू देवी-देवता वाले नोट लेकर जा रहा हो, या फटे हुए नोट हों या फिर उन नोट पर कुछ लिखा हो। इनसे बहुत सारे हिन्दुओं की भावनाएं आहत होंगी।
Honestly, Kejriwal’s idea of putting photos of Hindu deities on currency notes would lead to more problems for Muslims. A Muslim man was arrested in July this year for selling chicken wrapped in newspapers that carried photos of Hindu deities.
— kalim (@akhmxt) October 27, 2022
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आप विधायक आतिशी मारलेना ने नोट पर लक्ष्मी-गणेश वाले केजरीवाल के बयान को 130 करोड़ देशवासियों का प्रस्ताव बताया था। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रेकॉर्ड अनस तनवीर ने सवाल उठा दिया। अनस ने आतिशी से पूछा - अमां आतिशी ये 130 करोड़ लोगों ने आपको फोन किया था ? जनमत संग्रह हुआ था कोई? यानी देश प्रदेश छोड़ कोई जनमत भी नहीं है आपके पास। इस संख्या पर पहुंचीं कैसे? अचानक कुछ भी बोल दिया मुंह बना बनाकर। और क्या मजाल इतना सीधा सवाल कोई प्रेसवाला पूछ ले।
Ama @AtishiAAP ye 130 crore log phone kiye the kya aapko? Refrendum hua tha koi? Yaani dedh pradesh Chhod koi janmat bhi nahi hai aapke Paas. Ye figure pe pahuchi kaise? Randomly Kuchh Bhi bol diya muh bana bana ke? Aur kya majaal itna seedha sawaal koi press wala pooch le. https://t.co/Jb5bn9XdOC
— Anas Tanwir (@Vakeel_Sb) October 26, 2022
राहुल ठकर सेन ने नोट पर केजरीवाल के मीम के साथ लिखा है - राजनीति में पढ़ा लिखा इंसान भी पाखंडी और अंधविश्वासी बन जाता है इसका उदाहरण केजरीवाल है। खैर धीरे धीरे ही सही किंतु पता चल रहा है केजरीवाल मनुवादी आरक्षण विरोधी है और पाखंड का समर्थक है। इससे दलितों पिछड़ों को दूर रहना चाहिए साथ ही मुसलमानों को भी।
राजनीति में पढ़ा लिखा इंसान भी पाखंडी और अंधविश्वासी बन जाता है इसका उदाहरण केजरीवाल है खैर धीरे धीरे ही सही किंतु पता चल रहा है #केजरीवाल_मनुवादी_है
— राहुल ठकर सेन (@gandhij_is_back) October 27, 2022
आरक्षण विरोधी है और पाखंड का समर्थक है इससे दलितों पिछड़ों को दूर रहना चाहिए साथ ही मुसलमानों को भी pic.twitter.com/EZGMg3ukgS
भगीरथ आजाद ने ट्विटर पर केजरीवाल के बहाने मीडिया पर भी टिप्पणी कर दी है - क्योंकि वह जानता है कि आम्बेडकर वादियों की तुलना में अंधविश्वासी वोट ज्यादा है देश में। मीडिया तो मजबूर है बेचारी, अगर यही बात बीजेपी बोल देती तो मीडिया अब तक नये नोट का नक्शा तैयार कर चुकी होती। ब्राह्मणवादी मीडिया के तो मन की बात कह दी है केजरीवाल ने।
क्योंकि वह जानता है कि अंबेडकर वादियों की तुलना में अंधविश्वासी वोट ज्यादा है देश में।
— भागीरथ आजाद (@Im_Azaad_) October 26, 2022
मीडिया तो मजबूर है बेचारी , अगर यही बात बीजेपी बोल देती तो मीडिया अब तक नये नोट का नक्शा तैयार कर चुकी होती।
ब्राह्मणवादी मीडिया के तो मन की बात कह दी है केजरीवाल ने।
अच्छे दिन लाएंगे नामक ट्विटर यूजर ने लिखा है - केजरीवाल ने साबित कर दिया कि इंसान की अंधविश्वासी सोच और शिक्षा का कोई संबंध नहीं होता है।
केजरीवाल ने साबित कर दिया कि इंसान की अंधविश्वासी सोच और शिक्षा का कोई संबंध नहीं होता है।
— अच्छे दिन लाएंगे। (@AKShukl97566209) October 27, 2022
केजरीवाल की मांग का मजाक उड़ाने वाले असंख्य ट्वीट में से ये चंद ट्वीट थे। हालांकि कुछ लोगों ने केजरीवाल की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि केजरीवाल के इरादे नेक हैं। उनकी मांग सही है। कुछ लोगों ने केजरीवाल को अंधविश्वासी लिखने वालों को जवाब दिया है कि केजरीवाल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी काम कर रहा है इसलिए लोग उन्हें अंधविश्वासी बता रहे हैं।