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केजरीवाल से मुलाकात के बाद केसीआर ने कहा- इमरजेंसी से भी बुरे हालात

केजरीवाल से मुलाकात के बाद केसीआर ने कहा- इमरजेंसी से भी बुरे हालात

भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष ने आज शनिवार को हैदराबाद में आप प्रमुख केजरीवाल को पूरा भरोसा दिया कि उनकी पार्टी अध्यादेश के मुद्दे पर उनके साथ है औऱ राज्यसभा में उसके सांसद पूरा विरोध करेंगे। केजरीवाल ने अभी तक जितने विपक्षी खेमे के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की है, सभी ने सहयोग का भरोसा दिया है।

आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने आज हैदराबाद में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की। केसीआर ने मदद का पूरा भरोसा दिया। दोनों ने इस मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया। केसीआर ने कहा - पीएम मोदी को अध्यादेश वापस लेना चाहिए, हम इसकी मांग करते हैं ... यह समय आपातकाल के दिनों से भी बदतर है, आप (केंद्र) लोगों द्वारा चुनी गई सरकार को काम करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं ...।"

बीआरएस प्रमुख केसीआर ने कहा- “… यहां तक ​​कि एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी कमजोर किया जा रहा है। यह आपातकाल की याद दिलाता है। यही वो इमरजेंसी है जिसे लेकर पीएम मोदी और बीजेपी के नेता लगातार आवाज उठाते रहते हैं. यह बिल्कुल वैसा ही है... है न? इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को संवैधानिक संशोधन लाकर रद्द कर दिया गया था। यह वही मॉडल है। हैदराबाद के प्रगति भवन में संवाददाता सम्मेलन के दौरान केसीआर के साथ केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान और अन्य आप नेता मौजूद थे। केसीआर ने कहा कि जयप्रकाश नारायण की पुकार सुनकर इंदिरा गांधी को भी सत्ता से नीचे उतार दिया गया था।

केसीआर ने जेपी आंदोलन के बाद हुए घटनाक्रम के उल्लेख के बाद कहा- “…और उसके बाद, जनता पार्टी जिसे वोट देकर सत्ता में लाया गया, उसे उन्हीं लोगों ने गिराया और इंदिरा गांधी जीत गईं। भारत प्रतिक्रिया देता है।” केसीआर ने आगे कहा कि इस तरह का अध्यादेश लाकर, केंद्र की मोदी सरकार ने "इस अध्यादेश से अरविंद केजरीवाल का अपमान नहीं किया है, बल्कि दिल्ली के लोगों का अपमान किया है।"  यह कहते हुए कि दिल्ली सरकार जनता के जनादेश से जीती है। यह किसी के द्वारा नामांकित नहीं की गई है। लोग सबक सिखाएंगे।” 

केजरीवाल ने सेवा अध्यादेश के खिलाफ आप की लड़ाई में बीआरएस का समर्थन करने के लिए केसीआर को धन्यवाद दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्र के साथ दिल्ली सरकार की 8 साल की लड़ाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की गजट अधिसूचना को रद्द कर दिया। लेकिन 8 दिनों बाद ही केंद्र ने यह अध्यादेश जारी किया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया। केजरीवाल ने कहा-  “यदि प्रधान मंत्री कहते हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को बरकरार नहीं रखेंगे, तो फिर इंसाफ पाने के लिए कोई जगह नहीं है। देश ऐसे कैसे चलेगा।” 

केजरीवाल ने कहा कि अगर लोग जनादेश से गैर-बीजेपी पार्टियों को सत्ता में लाते हैं, तो बीजेपी के नेतृत्व वाला केंद्र उन्हें काम नहीं करने देता। या तो वे विधायकों को खरीदते हैं, ईडी और सीबीआई को भेजकर विधायकों को तोड़ते हैं या वे राज्यपालों के माध्यम से अध्यादेश लाते हैं, जैसा कि तेलंगाना में हो रहा है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगर सभी गैर-बीजेपी पार्टियां एक साथ आती हैं और राज्यसभा में इस अध्यादेश को हराती हैं, तो भारत के लोगों को 2024 में बीजेपी की हार का यकीन हो जाएगा कि उसे हराया जा सकता है।"  केसीआर और केजरीवाल के बाद बोलते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में आप के भारी जनादेश के बावजूद, केंद्र राज्य के राज्यपाल का उपयोग करके बाधा पैदा कर रहा है। राजभवन भाजपा कार्यालय बन गए हैं और राज्यपाल भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। उन्होंने तमिलनाडु से लेकर पश्चिम बंगाल तक पूरे देश में बिल रखे हैं। 

अरविंद केजरीवाल दिल्ली सेवा अध्यादेश मामले पर विपक्षी नेताओं का समर्थन जुटाने के लिए देशव्यापी दौरे पर हैं। केसीआर के साथ बैठक आप नेताओं की विभिन्न राज्यों में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं के साथ अब तक हुई बैठकों की श्रृंखला में नवीनतम है। केजरीवाल ने अपना दौरा टीएमसी चीफ ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात के बाद शुरू किया था। उसके बाद उन्होंने मुंबई में शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की थी। केजरीवा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी मुलाकात का वक्त मांगा है।

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