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विधायक 'खरीद-फरोख्त' मामले में केसीआर ने जारी किए वीडियो 

विधायक 'खरीद-फरोख्त' मामले में केसीआर ने जारी किए वीडियो 

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने अब बीजेपी पर 'ऑपरेशन लोटस' वाले आरोपों के समर्थन में वीडियो जारी किए हैं। जानिए उन्होंने इस वीडियो से क्या साबित करने की कोशिश की है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर ने गुरुवार को कुछ वीडियो जारी कर दावा किया कि यही वह सबूत है जो दिखाता है कि उनकी पार्टी के विधायकों को ख़रीद-फरोख्त की कोशिश की गई।

केसीआर ने इन वीडियो को जारी करने के लिए देर शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उन्होंने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि 'दिल्ली के दलालों' ने उनकी तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी के चार विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश की।

तीन दिन पहले भी उन्होंने एक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव से पहले मुनुगोड़े में एक रैली को संबोधित करते हुए ऐसे ही आरोप लगाए थे। केसीआर ने कहा था, 'हाल ही में दिल्ली के कुछ दलालों ने तेलंगाना के स्वाभिमान को खरीदने की कोशिश की, हमारे नेताओं को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की, उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए और साथ आने को कहा। तो भी उन्होंने यह न माना, और वे मेरे साथ आए हैं।'

उनके आरोप पिछले हफ्ते की एक घटना को लेकर हैं। के चंद्रशेखर राव एक सप्ताह पहले हुई उस घटना का ज़िक्र कर रहे थे, जहाँ राज्य की पुलिस ने हैदराबाद के बाहरी इलाक़े में एक फार्महाउस से भारी मात्रा में नकदी जब्त की थी। पुलिस के अनुसार उसे कथित तौर पर 'बीजेपी एजेंटों' द्वारा 'टीआरएस के चार विधायकों को पार्टी छोड़ने के लिए पेशकश की गई थी'।

पुलिस प्रमुख ने मीडिया से पहले कहा था कि छापे के दौरान वहाँ तीन लोग मिले थे जो विधायकों को लालच देने की कोशिश कर रहे थे। इन 3 लोगों में हरियाणा के फरीदाबाद के पुजारी सतीश शर्मा उर्फ रामचंद्र भारती, तिरुपति में श्रीमनाथ राजा पीठम के पुजारी सिम्हैयाजी और व्यवसायी नंदा कुमार शामिल हैं। 

बुधवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधायक पायलट रोहित रेड्डी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भाजपा से जुड़े रामचंद्र भारती और नंद कुमार ने उनसे मुलाकात की और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए 100 रुपये करोड़ की पेशकश की।

तीन दिन पहले मुनुगोड़े में एक रैली में केसीआर उन चार विधायकों को लेकर लेकर मंच पहुँचे थे जिनको कथित रूप से ख़रीद-फरोख्त करने की कोशिश की गई थी।

तब केसीआर ने मंच से कहा था कि उनकी सरकार को 'दिल्ली के दलाल' गिराने की कोशिश कर रहे हैं।

केसीआर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस तरह की राजनीति को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, 'पीएम मोदी, आप और क्या चाहते हैं? प्रधानमंत्री से बड़ा कोई पद नहीं है, है ना? आप एक बार नहीं, बल्कि दो बार प्रधानमंत्री बने। फिर यह हंगामा क्यों? यह दुष्टता क्यों और यह अराजकता क्यों?' 

हालाँकि बीजेपी ने विधायकों को रिश्वत देने के आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि यह मुख्यमंत्री द्वारा रचा गया एक नाटक था। बीजेपी ने कोर्ट और चुनाव आयोग का भी दरवाजा खटखटाया है। बीजेपी के राज्य महासचिव गुज्जुला प्रेमेंद्र रेड्डी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि यह केसीआर की पार्टी द्वारा बीजेपी को बदनाम करने की साज़िश थी। 

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