आज गुरुवार 26 जनवरी को जब पूरे देश में गणतंत्र दिवस समारोह मनाया जा रहा है और राज्यों में वहां के राज्यपाल झंडा फहरा रहे हैं, ऐसे में तेलंगाना में अजीबोगरीब घटना हुई। राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन के तमाम कार्यक्रमों से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव गायब रहे। देश में यह परंपरा है कि 26 जनवरी को राष्ट्रपति दिल्ली में और राज्यों में राज्यपाल सभी कार्यक्रमों का संचालन करते हैं और दिल्ली में प्रधानमंत्री तो राज्यों में वहां के मुख्यमंत्री अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव
मुख्यमंत्री आमतौर पर अपना झंडारोहण का समय आगे-पीछे रखते हैं और राज्यपाल के कार्यक्रम में जरूर शामिल होते हैं। शाम को होने वाले एट होम में भी सीएम को रहना पड़ता है। अब देखना है कि केसीआर आज गुरुवार शाम को एट होम में शामिल होते हैं या नहीं। गणतंत्र दिवस समारोह में राज्यपाल के कार्यक्रम में सीएम का रहना एक परंपरा है। कानून नहीं है। लेकिन केसीआर ने गुरुवार 26 जनवरी को उस परंपरा को तोड़ दिया।
तमिलनाडु में जहां राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री स्टालिन में नहीं पट रही है, वहां कार्यक्रम में स्टालिन मौजूद थे। केरल में भी राज्यपाल के प्रोग्राम में सीएम शामिल हुए। बंगाल में सीएम ममता बनर्जी का तत्कालीन गवर्नर जगदीप धनखड़ से छत्तीस का आंकड़ा रहा है लेकिन ममता परंपरा का निर्वाह करती थीं।
गुरुवार को हैदराबाद के राजभवन में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। केसीआर इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।
तेलंगाना के राज्यपाल ने हैदराबाद में गणतंत्र दिवस समारोह में गोल्डन ग्लोब्स पुरस्कार विजेता और ऑस्कर-नामांकित 'नातु नातु' गीत के संगीतकार एमएम केरावनी और गीतकार चंद्रबोस को भी सम्मानित किया।
केरावनी भी पद्म पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं। 74वें गणतंत्र दिवस से पहले बुधवार को उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
उधर दिल्ली में भी गणतंत्र दिवस समारोह चल रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सप्ताह भर चलने वाले समारोह की शुरुआत हो चुकी है। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, 23 और 24 जनवरी को नई दिल्ली में एक तरह का सैन्य टैटू और जनजातीय नृत्य महोत्सव 'आदि शौर्य - पर्व पराक्रम का' आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाएगा। जिस दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने जान ले ली थी।