आदिपुरुष विवाद: काठमांडू में सभी हिंदी फिल्मों पर पाबंदी क्यों?
आदिपुरुष फ़िल्म के डायलॉग और किरदारों के चित्रण वाले विवाद के बीच नेपाल की राजधानी काठमांडू भी काफ़ी आहत हुआ है। इस फिल्म में सीता के कथित 'आपत्तिजनक' चित्रण और शब्दों को लेकर शहर में सोमवार से सभी हिंदी फ़िल्मों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने काठमांडू मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में सभी हिंदी फ़िल्मों पर प्रतिबंध को लेकर कहा कि फ़िल्म आदिपुरुष को एक डायलॉग हटाए बिना इसकी स्क्रीनिंग से 'अपूरणीय क्षति' होगी। शाह ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'सोमवार, 19 जून से काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के भीतर सभी हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी जाएगी, क्योंकि आदिपुरुष फिल्म के संवाद में आपत्तिजनक शब्द अभी तक नहीं हटाए गए हैं।'
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'हमने तीन दिन पहले फिल्म से 'सीता इज इंडियाज डॉटर' वाले डायलॉग के आपत्तिजनक हिस्से को तीन दिन के भीतर हटाने के लिए पहले ही नोटिस जारी कर दिया है।' बालेंद्र शाह ने कहा कि अगर वे फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति देते हैं, तो यह 'विकृत तथ्य स्थापित करने' में मदद करेगा।
काठमांडू में इस विवाद के बीच भारत में भी आदिपुरुष फिल्म में तमाम किरदारों के डायलॉग को लेकर लोग ग़ुस्से में हैं। वैसे, तो इस फ़िल्म के कई तथ्यों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर जिसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया आई है वह है- डायलॉग यानी संवाद, वीएफ़एक्स और कुछ पात्रों की वेशभूषा। इस सब को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आई हुई है। फ़िल्म में 'मरेगा बेटे', 'बुआ का बागीचा है क्या' और 'जलेगी तेरे बाप की' जैसे डायलॉग को लेकर तो बेहद तीखी प्रतिक्रियाएँ आई हैं।
लोगों के ग़ुस्से को झेल रहे फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक और डायलॉग लिखने वाले ने अब इसमें कुछ बदलाव करने का फ़ैसला किया है। यह निर्णय फ़िल्म के रिलीज के तीसरे दिन तब लिया गया है जब अलग-अलग दलीलें देने के बाद भी लोगों का ग़ुस्सा शांत नहीं हुआ।
फिल्म की टीम द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, 'आदिपुरुष को दुनिया भर में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है और यह सभी उम्र के दर्शकों का दिल जीत रही है। इसको एक यादगार सिनेमाई अनुभव बनाने वाली टीम ने फिल्म के संवादों में बदलाव करने का फैसला किया है। जनता और दर्शकों के इनपुट को महत्व देते हुए यह किया जा रहा है।'
बयान में आगे यह भी कहा गया, 'निर्माता उक्त संवादों पर फिर से विचार कर रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह फिल्म के मूल सार के साथ प्रतिध्वनित हो और यह अगले कुछ दिनों में सिनेमाघरों में दिखाई देगा। यह निर्णय इस बात का प्रमाण है कि बॉक्स ऑफिस पर शानदार संग्रह के बावजूद टीम प्रतिबद्ध है और कुछ भी उनके दर्शकों की भावनाओं और सद्भाव से परे नहीं है।'
बहरहाल, इधर काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने कहा कि इससे 'हमारी राष्ट्रीयता, सांस्कृतिक एकता को अपूरणीय क्षति होगी और हमारे राष्ट्रीय नायकों को झटका लगेगा। लगता है कि शाह शहर के सभी 17 सिनेमा हॉलों में वर्तमान में दिखाई जा रही सभी हिंदी फ़िल्मों की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार केएमसी के प्रवक्ता नबीन मनंधर ने कहा, 'केएमसी द्वारा जारी निर्देश के अनुसार काठमांडू के सभी सिनेमा हॉल सोमवार से भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन बंद कर देंगे।'
उन्होंने कहा, 'हम पहले ही काठमांडू में सिनेमा हॉल मालिकों से सहयोग के लिए बात कर चुके हैं और वे सोमवार से काठमांडू मेट्रोपोलिस में स्वेच्छा से हिंदी फिल्मों की स्क्रीनिंग बंद करने पर सहमत हो गए हैं।'