कश्मीरियों पर देश में कई जगह हमले, विरोध में आगे आए लोग
पुलवामा हमले के बाद देश के कई इलाक़ों में कश्मीरी छात्र-छात्राओं पर हमले की ख़बरें आ रही हैं। गुरुवार को हुए आतंकी हमले में 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी घटना को कश्मीर के पुलवामा के ही रहने वाले आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया था। देशभर में पुलवामा हमले के विरोध में लगातार दो दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं।
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ख़बरों के मुताबिक़, देहरादून में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के सदस्यों ने पुलवामा हमले के विरोध में 12 कश्मीरी छात्रों को पीटा है। कुछ कश्मीरी युवाओं ने आरोप लगाया है कि मकान मालिक ने उनसे अपने घरों को खाली करने को कहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी ख़बर के मुताबिक़, पटना के बुद्ध मार्ग में कश्मीरी बाज़ार लगाने वाले लोगों पर हमला हुआ और उनकी दुकानें बंद करवा दी गईं। हाथ में रॉड लिए 30 से ज़्यादा युवाओं ने कश्मीरी लोगों को दुकानें छोड़कर भाग जाने की धमकी दी। हरियाणा के अंबाला में एक ग्राम पंचायत ने पुलवामा हमले के विरोध में ग्रामीणों से उनके घरों में किराये पर रह रहे कश्मीरी छात्रों से मकान खाली करवाने के लिए कहा है।
हमलों से चिंतित कश्मीर के नेताओं ने शनिवार को केंद्र सरकार से कश्मीर के छात्रों की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की थी। नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को इस संबंध में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात कर अपनी चिंता जाहिर की थी।
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने भी ट्वीट कर कहा कि हमें ध्यान रखना होगा कि शरारती तत्व पुलवामा हमले का इस्तेमाल लोगों को परेशान करने के लिए न कर सकें। जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद ने कहा कि पूरे देश भर से कश्मीरी छात्रों के ख़िलाफ़ हो रहे हमलों में बस एक बात कही जा रही है कि उन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए हैं। शहला ने कहा कि पुलिस भी इन झूठे आरोपों पर भरोसा कर रही है। शहला ने कश्मीरी छात्रों की मदद के लिए जारी किए गए नंबरों को भी ट्वीट किया है।
कश्मीरी नेताओं की चिंता को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
नई दिल्ली ज़िले के डीसीपी मधुर वर्मा ने कहा कि दिल्ली में सभी जगह सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसमें अल्पसंख्यक बहुल इलाक़े भी शामिल हैं। हम कश्मीरी सहित सभी लोगों की सुरक्षा करने का भरोसा देते हैं।
बचाव में आगे आए लोग
कश्मीरी छात्रों पर हमले की ख़बरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग उनके बचाव में आगे आए। उन्होंने कहा कि जो भी कश्मीरी डरे हुए हैं वो उनके घर पर आकर रह सकते हैं। ट्विटर पर चले हैशटैग #SOSKashmir पर हज़ारों लोगों ने ट्वीट किए।
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वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर कहा, ‘अगर किसी कश्मीरी छात्र पर हमला होता है तो वह मुझे कॉल या मैसेज कर सकते हैं। मेरा घर और दिल उनके लिए खुला है।'
कश्मीरी लोगों की मदद के लिए सीआरपीएफ़ ने सीआरपीएफ़ मददगार नाम से ट्विवर हैंडल बनाया है। इस हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि कश्मीर से बाहर रह रहे लोग ज़रूरत पड़ने पर 24 घंटे और हफ़्ते में सातों दिन उन्हें कॉल कर सकते हैं। सीआरपीएफ़ ने टोल फ़्री नंबर भी 14411 जारी किया है।
कश्मीरियों की की मदद के लिए लोगों ने एक और हैशटैग #UnHateNOW भी चलाया और उन्हें मदद देने की पेशकश की। जाह्नवी मित्तल नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा कि वह दक्षिणी दिल्ली में रहती हैं और उनके पास एक खाली कमरा है। कोई भी कश्मीरी छात्र जिसे डर लग रहा हो, वह उनसे संपर्क कर सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने भी ट्वीट किया कि मेरा नंबर ट्विटर पर है और किसी भी कश्मीरी को मदद की ज़रूरत हो तो वह उन्हें कॉल या मैसेज कर सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा कि कश्मीरियों से मारपीट और बदसलूकी करने वाले ये कायर लोग किस जमात के हैं
वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने ट्वीट किया, ‘अगर कश्मीर हमारा है तो कश्मीरी भी हमारे हैं। अगर आप इसे महसूस नहीं कर सकते और उनसे अपनों की तरह बर्ताव नहीं कर सकते तो आप की भारतीयता खोटी, सतही और ओछी है।’
प्रियदर्शी नाम के ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया कि अगर एनसीआर इलाक़े में किसी को भी डर लग रहा हो तो वह उनके साथ आकर रह सकता है। इस तरह और भी कई ट्विटर यूजर ने कश्मीरी छात्रों को मदद करने की बात कही।