जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में गुरुवार को आतंकवादियों द्वारा मारे गए कश्मीरी पंडित राहुल भट की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।
हत्या और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ आक्रोश के बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एसआईटी के गठन को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राहुल भट की पत्नी को जम्मू में सरकारी नौकरी और परिवार को आर्थिक सहायता देगा। इसके साथ ही उनकी बेटी की पढ़ाई का ख़र्च भी सरकार ही उठाएगी।
बता दें कि कश्मीरी पंडित राहुल भट की गुरुवार को हुई हत्या के बाद जम्मू और कश्मीर में रात भर जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए हैं। बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित उन कैंपों से निकलकर बाहर आए जहां वे 1990 में कश्मीर से पलायन के बाद से रह रहे हैं। उन्होंने सड़कों को जाम कर दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी हुई। कुछ जगहों पर कैंडल मार्च भी निकाला गया है।
गुरुवार को कुछ आतंकवादी बडगाम जिले के चदूरा गांव में स्थित तहसीलदार के दफ्तर में घुसे और राहुल भट को गोली मार दी। राहुल को अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। राहुल की उम्र 36 साल थी।
पिछले 6 महीनों में राहुल तीसरे कश्मीरी पंडित हैं जिनकी हत्या की गई है जबकि दो और कश्मीरी पंडित आतंकवादी हमले में घायल हो गए थे।
घटना के बाद कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर कहा था कि तहसीलदार कार्यालय चदूरा, बडगाम में आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक समुदाय के एक कर्मचारी राहुल भट पर फायरिंग की है।
फारूक अब्दुल्ला का केंद्र पर हमला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोगों, विशेषकर अल्पसंख्यकों को घाटी में सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि एक कश्मीरी पंडित की हत्या के बारे में सुनकर बहुत दुखी और परेशान हूं। यह हत्या दूसरों में भी भय पैदा करेगी।
कश्मीर घाटी में सुरक्षा की स्थिति खराब हो रही है और सरकार कश्मीर की नकली गुलाबी तस्वीर पेश करने में व्यस्त है। सब ठीक नहीं है कश्मीर में।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस नेता अश्विनी हांडा ने घाटी में कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए सरकार पर निशाना साधा है। पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के छोटोगाम इलाके में दो मोटरसाइकिल सवार आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित दुकानदार पर गोलियां चलाई थीं।
पिछले साल अक्टूबर में, कश्मीर घाटी में नागरिकों की हत्याओं की बाढ़ आ गई थी। श्रीनगर के सबसे प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक और जाने-माने कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदू की 5 अक्टूबर को उनकी दुकान पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद श्रीनगर में स्ट्रीट फूड विक्रेता वीरेंद्र पासवान और एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर को मौत के घाट उतार दिया था।