कश्मीर में ख़त्म हो रही है बंदी? सोमवार को चालू होंगे मोबाइल
कश्मीर में बंदी या लॉकडाउन खत्म करने की लगातार अपील और दबाव के बीच सरकार इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। प्रशासन ने कहा है कि सोमवार दोपहर से सभी पोस्टपेड मोबाइल सेवाएँ बहाल कर दी जाएंगी। राज्य के सभी 10 ज़िलों में ऐसा किया जाएगा।
सरकार ने पूरे राज्य में लैंडलाइन टेलीफ़ोन सेवाएँ पिछले महीने ही बहाल कर दी थीं। ये सभी लाइनें सरकारी कंपनी बीएसएनएल चलाती है। ज़्यादातर टेलीफ़ोन लाइनें लोगों के घरों और सरकारी दफ़्तरों में हैं।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को संसद के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित करवा कर अनुच्छेद 370 में बदलाव किया और जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा ख़त्म कर दिया। इसके ठीक पहले वहाँ बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। इसके बाद कर्फ़्यू लगा दिया गया, धारा 144 लगा दी गई, इंटरनेट कनेक्शन काट दिए गए, सभी लैंडलाइन और मोबाइल टेलीफ़ोन सेवाएं बंद कर दी गईं। इसे ही बंदी यानी लॉकडाउन कहा गया।
कई विदेशी सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और दूसरे लोगों ने भारत से अपील की थी कि कश्मीर में दूरसंचार सेवाएँ बहाल की जाएँ और राज्य की स्थिति सामान्य की जाए। अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भारत पर दबाव भी डाला था। इसी तरह संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटरेस ने भी भारत से कश्मीर की स्थिति सामान्य करने की अपील की थी।
सरकार का तर्क था कि अलगाववादियों और आतंकवादियों के आपसी संपर्क को रोकने के लिए इंटरनेट और टेलीफ़ोन सेवाएँ काटना ज़रूरी था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बेल्जियम से छपने वाले एक अख़बार से कहा था:
“
कश्मीर के लोगों को प्रभावित किए बग़ैर उग्रवादियों के बीच के संपर्क को काटना मुमकिन नहीं था। हम आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच का संपर्क काट दें लेकिन लोगों के बीच का इंटरनेट रहने दें, यह कैसे मुमिकन है, मैं यह जानना चाहता हूँ।
एस. जयशंकर, विदेश मंत्री
कुछ दिन पहले केरल हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फ़ैसले में कहा था कि इंटरनेट कनेक्शन लोगों का मौलिक अधिकार है। इसके बाद सरकार पर दबाव पड़ा था कि वह टेलीफ़ोन और इंटरनेट सेवाए बहाल कर दे।
लेकिन जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य हो गई है, यह कहना जल्दबाजी होगी। ज़्यादातर इलाक़ों में अभी भी दुकानें बंद हैं, सड़कें सुनसान हैं, लोगों की आवाजाही बहुत ही कम है। मोबाइल फ़ोन शुरू होने से लोग एक दूसरे से संपर्क तो कर ही सकेंगे, उनके बीच विश्वास लौटेगा और उन्हें लगेगा कि अब राज्य में स्थिति सामान्य होने जा रही है। इससे स्थिति सामान्य होने में मदद मिलेगी।