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कश्मीर पर घिर गई सरकार, ओवैसी का पंडितों के पलायन पर कड़ा सवाल

कश्मीर पर घिर गई सरकार, ओवैसी का पंडितों के पलायन पर कड़ा सवाल

केंद्र सरकार अपनी कश्मीर नीति पर बुरी तरह घिर गई है। एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने गुरुवार को मोदी सरकार से कड़े सवाल किए हैं। ओवैसी ने साफ कहा है कि कश्मीरी पंडितों का पलायन अब क्यों हो रहा है। सरकार की सारी नीतियां नाकाम हो गई हैं।

कश्मीर में गुरुवार की 17वीं हिन्दू की हत्या के बाद केंद्र की मोदी सरकार बुरी तरह घिर गई है। कश्मीर पर मोदी सरकार की बहुत कम आलोचना करने वाले सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। ओवैसी के कुछ सवाल महत्वपूर्ण हैं। अन्य विपक्षी दल भी जबरदस्त हमलावर हैं। इसी घटनाक्रम के बीच जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मुलाकात की। अभी सरकार की ओर से इस बैठक को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों सहित नागरिकों की टारगेटेड हत्याओं को लेकर केंद्र पर चौतरफा हमला किया।

हैदराबाद के सांसद ने नेशनल कांफ्रेंस के एक नेता द्वारा पोस्ट किया गया एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें कथित तौर पर कश्मीरी पंडितों को अपना बैग पैक करते और कश्मीर घाटी से निकलते हुए दिखाया गया है।

ओवैसी ने लिखा - एक दूसरा #KashmiriPandit पलायन जारी है। इसके लिए अकेले @PMOIndia जिम्मेदार है। उनकी सरकार द्वारा 1989 की गलतियों को दोहराया जा रहा है। घाटी के राजनीतिक नेताओं के पास कोई आधार नहीं है और न उनके पास कोई राजनीतिक वैधता है। मोदी सरकार फिल्मों के प्रचार में व्यस्त है। बता दें कि मोदी सरकार ने द कश्मीर फाइल्स को जबरदस्त तरीके से प्रमोट किया था। उसके बाद घाटी में पंडितों की हत्याएं बढ़ गईं। इसके बाद अब पृथ्वीराज चौहान फिल्म को प्रमोट किया जा रहा है। 

ओवैसी ने लिखा - जैसे 1987 के विधानसभा चुनाव में धांधली हुई थी; नए परिसीमन ने निर्वाचन क्षेत्रों को बदल दिया है। बीजेपी ने सिर्फ पंडितों को राजनीति के लिए इस्तेमाल किया है। और वे जब कहते हैं "पंडितों के बारे में क्या?" लेकिन केवल जब दंगों के इतिहास के बारे में सवाल उठाए जाते हैं। पंडित बीजेपी के लिए जैसे कोई अन्य उद्देश्य रखते ही नहीं हैं। 

बहरहाल, सरकार ने इन खबरों से इनकार किया है कि कश्मीर से पंडित फिर पलायन कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के बाद जम्मू-कश्मीर में हिंदू समुदाय में भारी आक्रोश है। इसी जिले के गोपालपोरा इलाके में रजनी बाला नाम की एक स्कूल टीचर की हत्या के बाद गुरुवार को कुलगाम जिले में आतंकियों ने विजय कुमार नाम के एक बैंक मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी।

12 मई को बडगाम के चदूरा तहसील कार्यालय में सरकारी कर्मचारी राहुल भट की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद से पंडित समुदाय के साथ उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की मांग के साथ पूरे केंद्र शासित प्रदेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ये प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहे।

ओवैसी ही नहीं, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी आदि सहित कई विपक्षी दल घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्याओं को लेकर केंद्र पर हमला करते रहे हैं।

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