कश्मीर फाइल्स वाले विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट पर कोर्ट से माफी मांगी
कश्मीर फाइल्स फिल्म के निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपने 2018 के एक ट्वीट के लिए मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली है। 2018 में वो ट्वीट विवेक अग्निहोत्री ने हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ किया था।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक विवेक अग्निहोत्री ने 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर पर ट्वीट के जरिए आरोप लगाया था कि उन्होंने एक्टिविस्ट और भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी पत्रकार गौतम नवलखा को जमानत देने में पक्षपात किया था। जस्टिस मुरलीधर इस समय उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। अवमानना के इस मामले में विवेक अग्निहोत्री के अलावा लेखक आनंद रंगनाथन और समाचार पोर्टल स्वराज्य भी आरोपी थे।
एनडीटीवी के मुताबिक पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री को 16 मार्च को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा था। लेकिन विवेक ने मंगलवार 6 दिसंबर को अपने वकील के जरिए माफी का हलफनामा पेश किया और कहा कि उन्होंने उस विवादित ट्वीट को हटा दिया है। हालांकि, एमिकस क्यूरी (कोर्ट मित्र) ने कहा कि विवेक अग्निहोत्री ने इसे हटाया नहीं था, लेकिन ट्विटर ने इसे हटा दिया था।
He claims to have deleted his tweets against judge himself. Did he?
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) December 6, 2022
Out of 13 tweets, He deleted 1st, 2nd & 13th tweet. But the remaining tweets where he tries to establish a link between Justice Muralidhar, his wife & Gautam Navlakha were withheld in India due to legal demand. pic.twitter.com/X3B2y9Hnjx
इस संबंध में ऑल्ट न्यूज के संस्थापकों में से एक और पत्रकार जुबैर अहमद ने आज मंगलवार को विवेक अग्निहोत्री के उस ट्वीट कथा पर रोशनी डाली है। जुबैर ने लिखा है कि विवेक अग्निहोत्री ने 13 ट्वीट किए थे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिए तो यह सूचना सही नहीं है। उस मुद्दे पर किए गए 13 ट्वीट में से विवेक ने सिर्फ 3 ट्वीट ही हटाए हैं। पत्रकार जुबैर अहमद ने आज उन ट्वीट को भी दिया है।
अदालत ने 2018 में पत्रकार गौतम नवलखा के हाउस अरेस्ट ऑर्डर और ट्रांजिट रिमांड को रद्द कर दिया था। उसके बाद विवेक अग्निहोत्री ने कोर्ट पर पक्षपाती होने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था। ये आरोप तत्कालीन जस्टिस मुरलीधर पर लगाया गया था।
आरएसएस के विचारक एस गुरुमूर्ति का भी उनकी कुछ टिप्पणियों के लिए नाम लिया गया था, लेकिन बाद में माफी मांगने पर उन्हें मामले से हटा दिया गया था।
भीमा कोरेगांव केस में 70 साल के गौतम नवलखा को 2020 में गिरफ्तार किया गया था। इस समय वो उसी मामले में हाउस अरेस्ट हैं। 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में 'एल्गार परिषद' सम्मेलन हुआ था. उसमें गौतम नवलखा समेत कई एक्टिविस्टों पर कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। पुलिस का आरोप है कि उन भाषणों के कारण अगले दिन पश्चिमी महाराष्ट्र शहर के बाहरी इलाके भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी थी।