चार दिनों तक चली रस्साकशी के बाद कर्नाटक में नेतृत्व के मसले का हल पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निकाल लिया। बुधवार आधी रात के बाद तक चले घटनाक्रम के बीच डीके शिवकुमार ने सिद्धरमैया का डिप्टी बनना मंजूर कर लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खड़गे ने पार्टी के दिग्गज नेता सिद्धारमैया को कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी मुहर लगा दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार, जो शीर्ष पद के लिए भी मैदान में थे, उनके डिप्टी होंगे। शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को बेंगलुरु में होगा।
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खड़गे फॉर्मूले के तहत डीके शिवकुमार इकलौते डिप्टी सीएम होंगे। दोनों ढाई-ढाई साल तक सीएम रहेंगे। पहला नंबर सिद्धरमैया का होगा। उसके बाद अगला ढाई साल डीके शिवकुमार का होगा। अभी यह साफ नहीं है कि पार्टी नेतृत्व खड़गे फॉर्मूले की सार्वजनिक घोषणा करेगा या नहीं।
सीएम पद को लेकर सस्पेंस के बीच बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच रात तक कई दौर की चर्चा हुई। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख डीके शिवकुमार भी समाधान निकालने के लिए बैठक में मौजूद थे।
बुधवार आधी रात को सूत्रों ने मीडिया को बताया कि डीके शिवकुमार वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया के साथ समझौते पर सहमत हुए। हालांकि वो पांच साल के कार्यकाल की पहली छमाही के लिए सीएम पद चाहते थे।
पार्टी आलाकमान को लगता था कि ऐसे न तो सिद्धारमैया और न ही डीकेएस अकेले शपथ ले सकते हैं। यह एक सामूहिक नेतृत्व है और शीर्ष नेतृत्व वन-मैन शो नहीं चाहता था। बातचीत चलती रही क्योंकि शिवकुमार मानने को तैयार नहीं थे।
हालाँकि, डीके शिवकुमार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान इस खबर को लिखे जाने तक नहीं आया है कि क्या उन्होंने इस ऑफर को स्वीकार कर लिया है। शीर्ष पद पर सिद्धारमैया के लिए दूसरे कार्यकाल पर विचार के साथ कांग्रेस शिवकुमार को राजी करने के लिए कांग्रेस की कोशिश रात को जोर पकड़ गई थी।
सूत्रों ने कहा कि पहला ऑफर डीके को उनकी वर्तमान जिम्मेदारी के साथ-साथ राज्य की पार्टी यूनिट का नेतृत्व करने और राज्य का इकलौता उपमुख्यमंत्री पद का था। उन्हें उनकी पसंद के छह मंत्रालयों की भी पेशकश की गई थी।
दूसरे ऑफर के तौर पर शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच सत्ता का बंटवारा। यानी इसके तहत, सिद्धारमैया को दो साल के लिए सीएम पद मिलना था, और तीन साल के लिए शिवकुमार को उनके मातहत काम करना था। लेकिन सूत्रों ने कहा कि न तो डीके और न ही सिद्धारमैया दूसरे स्थान के लिए तैयार थे।
डीके शिवकुमार पिछले चार वर्षों में अपने काम का हवाला देते हुए सीएम पद पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे विधायकों का एक समूह चार साल पहले एचडी कुमारस्वामी के साथ गठबंधन सरकार को गिराने के बाद पार्टी को मुश्किल में डाल गया था। उन्होंने पार्टी को फिर से खड़ा किया। फिर इसे भारी जनादेश की ओर ले गए। पिछले हफ्ते विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सारी चीजें स्पष्ट कर दीं।
बहरहाल, पूरी उम्मीद है कि खड़गे फॉर्मूले के तहत सिद्धरमैया को शाम को विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा। बता दें कि 13 मई को आए नतीजों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है, उसके जीते हुए विधायकों की संख्या 135 है।