ईश्वरप्पा को हटाने का कोई दबाव नहीं: सीएम बोम्मई

06:44 pm Apr 14, 2022 | सत्य ब्यूरो

कर्नाटक के एक कांट्रेक्टर की आत्महत्या के मामले में केएस ईश्वरप्पा को मंत्रिमंडल से हटाने के लिए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर दबाव है या नहीं? इस सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा है कि वह किसी दबाव में नहीं हैं और फ़िलहाल उनको हटाया नहीं जाएगा।

बोम्मई की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब एक दिन पहले ही मीडिया में बीजेपी के सूत्रों के हवाले से रिपोर्टें आई थीं कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की मांग के मुताबिक मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा जा सकता है। कर्नाटक के प्रभारी बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा था कि इस पर जल्द ही फ़ैसला लिया जाएगा। सरकार पर इसका दबाव इसलिए भी है कि कांग्रेस ने जहाँ इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है, वहीं कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने भी बड़ा आरोप लगाया है।

कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डी. केएमपन्ना और अन्य पदाधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बसवराज बोम्मई की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर पहुँच चुका है और पूरी सरकार यहाँ तक कि मुख्यमंत्री कार्यालय भी कमीशनखोरी के इस रैकेट में शामिल है। उन्होंने कहा कि मंत्री और विधायक सरकारी कामों के टेंडर के लिए सीधे 40 फीसदी कमीशन मांगते हैं। 

एसोसिएशन ने कहा है कि सरकारी विभागों द्वारा मांगी जा रही घूस के खिलाफ 25 मई को बेंगलुरु में रैली होगी और इसमें राज्य भर से 50,000 ठेकेदार शामिल होंगे।

ऐसी रिपोर्टों के बीच माना जा रहा है कि कर्नाटक बीजेपी और राज्य के मुख्यमंत्री पर भारी दबाव है। ऐसे ही दबाव को लेकर एनडीटीवी के पूछे गए एक सवाल के जवाब में बसवराज बोम्मई ने कहा, 'मैं किसी दबाव में नहीं हूँ। आलाकमान से कोई लेना-देना नहीं है। पूरी तरह से प्रारंभिक जाँच के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।'

बोम्मई ने आज साफ़ किया कि ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या में अपनी कथित भूमिका को लेकर विवाद में फंसे मंत्री केएस ईश्वरप्पा फिलहाल उनके मंत्रिमंडल में बने रहेंगे। उन्होंने एनडीटीवी को बताया, 'पोस्टमॉर्टम हो चुका है। प्रारंभिक जांच शुरू होने दें। प्रारंभिक जांच के आधार पर हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे।'

बता दें कि बीजेपी कार्यकर्ता और सरकारी ठेकेदार संतोष पाटिल का शव दो दिन पहले उड्डुपी के एक होटल से बरामद हुआ था। साथ ही उनका सुसाइड नोट भी मिला था। उसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा को ज़िम्मेदार ठहराया था। उन्होंने लिखा था कि मंत्री ईश्वरप्पा उनसे 40 फीसदी कमीशन मांग रहे थे। उन्होंने उनके कहने पर सड़क भी बना दी थी लेकिन अब उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। 

सुसाइड नोट के बाद पुलिस ने मंत्री ईश्वरप्पा और उनके दो खास लोगों बासवराज और रमेश के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज कर ली।