+
अतुल सुभाष आत्महत्या केस में पत्नी, सास और साला गिरफ़्तार

अतुल सुभाष आत्महत्या केस में पत्नी, सास और साला गिरफ़्तार

अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में ससुराल पक्ष पर कई आरोप लगाए गए हैं। एक आरोप है कि वे उनकी आत्महत्या की वजह बने। जानें और क्या-क्या आरोप हैं और कैसे उनकी गिरफ़्तारी हुई।

बेंगलुरु में पत्नी व ससुराल वालों की प्रताड़ना और सिस्टम से नाउम्मीदी के कारण आत्महत्या करने वाले अतुल सुभाष की पत्नी, सास और साले को रविवार को गिरफ़्तार कर लिया गया है। तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। आत्महत्या से पहले अतुल सुभाष द्वारा बनाए गए 1 घंटा 21 मिनट के वीडियो और 20 से ज़्यादा पन्नों के ख़त के सामने आने बाद बेंगलुरु पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से और निकिता की मां निशा और उसके भाई अनुराग को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से गिरफ़्तार किया गया है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

बेंगलुरु के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के इंजीनियर के रूप में काम करते थे। उन्होंने अपनी अलग रह रही पत्नी पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली। उन्होंने आत्महत्या से पहले 1 घंटा 21 मिनट का वीडियो बनाकर अपने उत्पीड़न की पूरी कहानी बयां की। उन्होंने इसमें बताया है कि किस तरह से उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष के अन्य लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया, सिस्टम से उन्हें न्याय नहीं मिला। उन्होंने सिस्टम में खामियों को लेकर 24 पेज का ख़त भी लिखा। और आख़िर में उन्होंने आत्महत्या कर ली। 

शुरुआती एफआईआर में पुलिस ने आरोपियों पर धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) (एक ही इरादे से आपराधिक कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया है। उन पर अतुल के खिलाफ मामला वापस लेने के लिए 3 करोड़ रुपये और उसके बेटे से मिलने के अधिकार के लिए 30 लाख रुपये मांगने का भी आरोप है।

पुलिस अधिकारियों के हवाले से पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया था कि सुभाष की आत्महत्या की जांच के बीच निशा सिंघानिया और उनके बेटे अनुराग गुरुवार को यूपी के जौनपुर स्थित अपने घर से भाग गए थे। 

आरोपी ने पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मांगी थी। निकिता, उसकी माँ, भाई और चाचा सुशील सिंघानिया ने शुक्रवार को पुलिस द्वारा जारी समन के बाद ये आवेदन दायर किए थे। समन में निकिता को तीन दिनों के भीतर सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

मूल रूप से बिहार के रहने वाले अतुल सुभाष बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में एक फ्लैट में रहते थे। पड़ोसियों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ा तो सुभाष का शव फंदे पर लटका मिला। कमरे में ‘जस्टिस इज ड्यू’ लिखी एक तख्ती मिली। सुभाष की खुदकुशी मामले में चार लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की गई। एफ़आईआर में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया का नाम है। अतुल के भाई बिकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत की है। 

अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में विस्तार से बताया कि वैवाहिक विवादों और उनकी पत्नी और उनके परिवार द्वारा दायर कई मामलों के कारण उन्हें कई सालों तक भावनात्मक परेशानी का सामना करना पड़ा। सुभाष ने दावा किया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए और अपने और अपने चार साल के बेटे के लिए हर महीने 2 लाख रुपये गुजारा भत्ता मांगा। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी, सास और उनके साले ने 2020 की शुरुआत से ही उन पर पैसे और शानदार उपहार देने का दबाव डाला।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश पर भी गंभीर आरोप लगाए और कहा कि अदालती सुनवाई के लिए उत्तर प्रदेश की लगातार यात्रा करने के कारण वह गंभीर तनाव में थे। निकिता और सुभाष की शादी 2019 में हुई थी। सुभाष जहां बेंगलुरु में रहता था, वहीं निकिता अपने बेटे के साथ दिल्ली में रहती थी, जहां वह एक बहुराष्ट्रीय आईटी फर्म में काम करती थी।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें