कर्नाटक: सरकार बचाने के लिए विधायकों की धर-पकड़
कर्नाटक में पिछले दो सप्ताह से जारी सियासी खींचतान के बीच अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस के बाग़ी नेता और हाल ही में पार्टी से निलंबित हुए रोशन बेग को सोमवार रात केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हिरासत में ले लिया गया। यह काम आईएमए धोखाधड़ी मामले में विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने की है। एसआईटी ने दावा किया है कि वह मुंबई जा रहे थे। यह मामला राजनीतिक रूप से कितना अहम है इसका पता इस बात से चलता है कि इस कार्रवाई की जानकारी ख़ुद कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने दी। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर दावा किया कि जिस समय बेग को हिरासत में लिया गया उस समय वह बीजेपी के एक विधायक के साथ थे। बता दें कि जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस गठबंधन की सरकार ख़तरे में है और दोनों ही पार्टियों के कई विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। बीजेपी अपनी सरकार बनाने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षक कर्नाटक में सरकार के गिराने और बनाने में धन-बल की ताक़त के ग़लत इस्तेमाल की ओर इशारा कर रहे हैं। यही कारण है कि कुमारस्वामी ने बेग के ख़िलाफ़ हुई कार्रवाई की जानकारी ख़ुद ट्विटर पर दी।
कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, ‘एसआईटी ने आईएमए घोटाले मामले को लेकर आज रोशन बेग को हिरासत में लिया है। जिस समय उन्हें हिरासत में लिया गया उस समय वह येदियुरप्पा के पीए संतोष के साथ एक चार्टर्ड प्लेन से मुंबई के लिए रवाना होने वाले थे। मुझे बताया गया है कि संतोष एसआईटी को देखकर मौक़े से भाग गया है, जबकि टीम ने बेग को हिरासत में ले लिया।’
Today SIT probing the #IMA case detained @rroshanbaig for questioning at the BIAL airport while he was trying leave along with @BSYBJP's PA Santosh on a chartered flight to Mumbai. I was told that on seeing the SIT, Santhosh ran away while the team apprehended Mr. Baig. 1/2 pic.twitter.com/MmyH4CyVfP
— H D Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) July 15, 2019
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने आई मोनेटरी एडवाइजरी यानी आईएमए में गड़बड़ियों की जाँच के लिए एसआईटी गठित की थी। इसमें डीआईजी बी.आर. रविकांत गौड़ा के नेतृत्व में 11 सदस्य हैं। आरोप है कि आईएमए में सिर्फ़ मुसलिम महिलाओं द्वारा निवेश किए गए क़रीब 200 करोड़ रुपयों के साथ धोखाधड़ी की गई है। बेग के ख़िलाफ़ इसी मामले में कार्रवाई हुई है।
कुमारस्वामी ने सिलसिलेवार ढंग से पूरे घटनाक्रम को बयां किया है। उन्होंने बीजेपी के अन्य नेताओं के वहाँ मौजूद होने की बात भी कही है। उन्होंने लिखा कि जिस समय एसआईटी ने बेग को हिरासत में लिया उस समय बीजेपी के विधायक योगेश्वर भी वहाँ मौजूद थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर तीखे हमले किए। उन्होंने लिखा कि यह बेहद शर्मनाक है कि बीजेपी पूर्व मंत्री को बेंगलुरु से भगाने में मदद कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे साफ़ होता है कि बीजेपी कैसे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को तोड़ने की कोशिशें कर रही है। हालाँकि मुख्यमंत्री के दावों पर कर्नाकट बीजेपी ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट किए। कर्नाटक बीजेपी ने एक ट्वीट में लिखा है, ‘यह पूरी तरह से ग़लत है कि येदियुरप्पा के पीए संतोष बेग के साथ थे। सीएम कुमारस्वामी अफ़वाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। हम बताना चाहते हैं कि बेग अकेले सफर कर रहे थे, उनके साथ कोई औऱ दूसरा पैसेंजर नहीं था। हम माँग करते हैं कि बोर्डिंग पास और सीसीटीवी फुटेज को सबूत के तौर पर रखा जाए।’
CM @hd_kumaraswamy is using the state machinery to save his govt now. Mr. Roshan Baig was given time till 19th July to appear before SIT. This shows how the state Govt is blackmailing and treating their own MLAs’ using the institutions. pic.twitter.com/m3u09OFRkD
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) July 15, 2019
एक अन्य ट्वीट में बीजेपी ने लिखा है, ‘यदि बेग आरोपी थे तो मुख्यमंत्री ने 12 जुलाई की रात को उनसे क्यों मुलाक़ात की थी। क्या मुख्यमंत्री को सामने आकर अपनी गुप्त बैठक के बारे में जानकारी नहीं देनी चाहिए। सरकार का विरोध करने वाले हर व्यक्ति को ब्लैकमेल करने के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग कुमारस्वामी को तुरंत बंद करना चाहिए।’
सियासी ड्रामे का फ़ैसला 18 को
बता दें कि कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे का फ़ैसला 18 जुलाई को होना है। सदन में 11 बजे इस पर बहस शुरू होगी और उसके बाद फ़्लोर टेस्ट होगा। यह राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ था जब कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया था और बाद में कई और विधायकों ने भी इस्तीफ़ा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य में 16 जुलाई तक स्थिति को जस की तस बनाए रखने का आदेश दिया था। इस बीच कांग्रेस नेतृत्व ने बाग़ी विधायकों को मनाने की बहुत कोशिश की और अपने संकटमोचक डी.के. शिवकुमार को भी भेजा, लेकिन उससे बहुत ज़्यादा सफलता मिलती नहीं दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भी इस बात का दावा किया कि वह अविश्वास प्रस्ताव को ज़रूर जीतेंगे। उसके बाद से ही कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस ने अपने विधायकों को ‘सुरक्षित’ करना शुरू कर दिया था।
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने दावा किया था कि मुंबई में मौजूद 15 विधायक, 2 निर्दलीय विधायक बीजेपी को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी को 2 और विधायकों का समर्थन हासिल है। बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार ने कहा कि बीजेपी के 105 विधायक एकजुट हैं।
फ़्लोर टेस्ट की तारीख़ तय होने के बाद मुंबई के एक होटल में ठहरे बाग़ी विधायकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 224 सदस्यीय सदन में कर्नाटक-जेडीएस गठबंधन में अध्यक्ष को छोड़कर कुल 116 विधायक हैं। इसमें कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37 और बीएसपी का 1 विधायक है। लेकिन 16 विधायकों के इस्तीफे़ के बाद यह संख्या घटकर 100 हो गई है। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ बीजेपी के विधायकों की संख्या 107 है।