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जगदीश शेट्टार की भाजपा में वापसी, कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस से जुड़ गए थे

जगदीश शेट्टार की भाजपा में वापसी, कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस से जुड़ गए थे

बीजेपी क्या कर्नाटक में लोकसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर अपने भटके हुए नेताओं को वापस जोड़ने में जुटी हुई है? जानिए, आख़िर जगदीश शेट्टार को कांग्रेस से वापस बीजेपी में क्यों शामिल कराया। 

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार फिर से बीजेपी में लौट आए हैं। पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आने वाले शेट्टर ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ दी थी। 

लेकिन अब लोकसभा चुनाव से पहले हालात बदल गए हैं। बीजेपी सीटें जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। चुनाव से ऐन पहले फिर से जगदीश शेट्टार गुरुवार को भाजपा में लौट आए।

बीजेपी में शामिल होने से पहले जगदीश शेट्टार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। 68 वर्षीय शेट्टार कर्नाटक विधानसभा चुनाव से एक पखवाड़ा पहले कांग्रेस में यह कहते हुए शामिल हो गए थे कि बीजेपी द्वारा उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया। 

तब शेट्टर को राज्य चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया गया था। कांग्रेस में शामिल होने पर उन्हें हुबली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा गया, लेकिन उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भाजपा के महेश तेंगिनाकाई ने 34,000 से अधिक वोटों से हराया। इसके बाद उन्होंने 'धन शक्ति और दबाव की रणनीति' को जिम्मेदार ठहराया था।

कांग्रेस में शामिल होने के बाद शेट्टार ने कहा था कि उन्होंने बीजेपी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने कहा था, 'मैं कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष नीतियों में विश्वास करता हूं। मुझे बीजेपी को साम्प्रदायिक बताने में कोई शर्म नहीं है।' 

जगदीश शेट्टार ने कहा था कि उनको टिकट नहीं देने से बीजेपी को कम से कम 20 से 25 सीटों का नुकसान हो सकता है। जब नतीजे आए तो चुनाव बीजेपी हार गई थी।

शेट्टार से पहले ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी से इस्तीफा देने वाले पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी भी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। छह बार के विधायक शेट्टार हुबली-धारवाड़ केंद्रीय निर्वाचन क्षेत्र से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन पार्टी द्वारा ठुकरा दिया गया था। जब उन्होंने इसपर बगावत की चेतावनी दी थी तो पार्टी की ओर से उनको मनाने की कोशिश की जा रही थी।

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