कर्नाटकः तरकश का आखिरी तीर, मोदी ने वोटरों को पत्र क्यों लिखा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी और पीएम मोदी ने ऐसा कोई टोटका नहीं जो न आजमाया हो। उन्होंने अपने तरकश के आखिरी तीर को आज मंगलवार को ओपन लेटर यानी खुला खत लिखकर इस्तेमाल किया। यह तो चुनाव आयोग शायद ही तय करेगा कि ऐसा पत्र लिखना आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं। लेकिन मोदी के पत्र पर चंद परिस्थितिजनक सवाल तो बनते हैं। उससे पहले यह बताना जरूरी है कि मोदी ने अपने इस पत्र में अपने मशहूर जुमले का इस्तेमाल किया है - "कर्नाटक के हर नागरिक का सपना मेरा सपना है।"
नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने। उस समय भाजपा की 6 राज्यों में सरकार थी, इस भाजपा की 16 राज्यों में सरकार है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश है, जहां बीजेपी दोबारा (2017-2022) जीती। यानी 10 चुनाव बीजेपी ने मोदी के नेतृत्व में जीते हैं। 2014 के बाद जितने भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव हुए, उन सभी में नरेंद्र मोदी ही स्टार प्रचारक थे। लेकिन याद नहीं आता कि किसी विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने कर्नाटक के वोटरों को लिखे गए पत्र की तरह ओपन लेटर लिखा है। यहां तक कि दिसंबर 2022 में जब बीजेपी हिमाचल प्रदेश हार रही थी और पीएम मोदी की रैलियां नाकाम हो रही थीं, तब भी मोदी ने हिमाचल के वोटरों को कोई पत्र नहीं लिखा था। 2019 लोकसभा चुनाव में यूपी में जब सीटें कम हुईं और उसके बाद 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव आ गया और सीटें कम आने का अनुमान पहले से था तो भी पीएम मोदी ने यूपी के मतदाताओं को ऐसा कोई ओपन लेटर नहीं लिखा।
कर्नाटक के मतदाताओं का पीएम मोदी का ओपन लेटर किसी और तरफ भी इशारा कर रहा है। कर्नाटक में बीजेपी की सरकार 40 फीसदी कमीशन के लिए बदनाम हो गई। बीजेपी ने जब मोदी के नाम पर ही कर्नाटक चुनाव लड़ने का फैसला किया तो मोदी का पहला वार ही बीजेपी को उल्टा पड़ा। मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान एक रैली में कहा था कि कांग्रेस में 85 फीसदी करप्शन है। उन्होंने 40 फीसदी का जवाब इसी अंदाज में दिया था। कर्नाटक में कांग्रेस ने यह संदेश देना शुरू कर दिया कि 40 फीसदी करप्शन को सही साबित करने के लिए विपक्षी दल पर 85 फीसदी करप्शन का आरोप लगाया जा रहा है। उस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल किए थे कि क्या 85 फीसदी कांग्रेस करप्शन के लिए बीजेपी सरकार के 40 फीसदी करप्शन को मंजूरी दे दी जाए।
“
पत्र लिखने की खास वजहः 2023 में पूरा साल चुनाव वर्ष है। छत्तीसगढ़, राजस्थान और एमपी के चुनाव इसी साल हैं। फिर 2024 का आम चुनाव आ जाएगा। कर्नाटक के अलावा अगर बीजेपी ये तीनों राज्य नहीं जीत पाई और अगर कहीं इन सारे राज्यों में कांग्रेस आई तो बीजेपी के 2024 के आम चुनाव की संभावनाओं पर असर पड़ेगा। बीजेपी पीएम मोदी के दम पर ही चुनाव में खड़ी हो सकती है, यह उसने अच्छी तरह देख लिया है। इसलिए पीएम मोदी बीजेपी की हर मर्ज की दवा बन गए हैं। बीजेपी की शक्ति मोदी में आ गई है। मोदी ही बीजेपी हैं और बीजेपी का मतलब अब मोदी ही है।
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की गलती से बीजेपी बजरंगबली को लाई। इसके जरिए ध्रुवीकरण की कोशिश की गई। गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के लोगों को कांग्रेस के आने पर दंगे का डर तक दिखाया। यह सब क्या बताता है। आज पीएम मोदी के ओपन लेटर ने भी स्थिति साफ कर दी है कि वहां कौन सा राजनीतिक दल कितने पानी में है।
मोदी ने पत्र में क्या कहा पीएम मोदी ने पत्र में लिखा है- आपने हमेशा मुझे प्यार और स्नेह दिया है। यह मेरे लिए एक दैवीय आशीर्वाद जैसा लगता है। आजादी के अमृत काल में, हम भारतीयों ने अपने प्यारे देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। कर्नाटक अपनी दृष्टि को साकार करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने का इच्छुक है।
मोदी ने लिखा है- भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारा अगला उद्देश्य शीर्ष तीन तक पहुंचना है। यह तभी संभव है जब कर्नाटक तेजी से 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हो।
बता दें कि अभी शनिवार को, पीएम मोदी ने राज्य में भाजपा के आक्रामक प्रचार अभियान के तहत बेंगलुरु में 26 किलोमीटर का रोड शो किया। डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस और कुमारस्वामी की जेडीएस ने बीजेपी को कड़ी चुनौती दे दी है।
बहरहाल, अपने पत्र में, पीएम ने कर्नाटक और इसके लोगों के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। पीएम ने लिखा-कोविड-19 महामारी के दौरान, कर्नाटक को भाजपा सरकार के तहत विदेशी निवेश के रूप में सालाना 90,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए। पिछली सरकार के तहत यह लगभग 30,000 करोड़ रुपये था। हम निवेश, उद्योग, शिक्षा, रोजगार में नंबर 1 बनाना चाहते हैं।
ग्रामीण और शहरी बुनियादी ढांचे, परिवहन और नौकरियों के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए, पीएम ने लिखा, भाजपा सरकार कर्नाटक में अगली पीढ़ी के शहरी बुनियादी ढांचे को बनाने, परिवहन को आधुनिक बनाने, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए काम करना जारी रखेगी ताकि महिलाओं और युवाओं के लिए अवसर पैदा हों।
बता दें कि कर्नाटक में 5.2 करोड़ मतदाताओं में से 9.17 लाख पहली बार कल 10 मई को वोट डालेंगे। भाजपा ने 224, कांग्रेस ने 223 और जेडीएस ने 207 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा के लिए मतगणना 13 मई को होगी।