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कर्नाटकः ठेकेदारों ने कहा कई और मंत्री भी भ्रष्ट, हमारे पास सबूत

कर्नाटकः ठेकेदारों ने कहा कई और मंत्री भी भ्रष्ट, हमारे पास सबूत

कर्नाटक में रिश्वतखोरी का मामला बड़ा होता जा रहा है। वहां की कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन का आरोप है कि राज्य के कई मंत्री और विधायक तक उन लोगों से कट मनी लेते हैं। इस संबंध में एसोसिएशन ने बहुत पहले प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखा था।

कर्नाटक में सरकारी कांट्रैक्टर संतोष पाटिल हत्याकांड से इस बात का रहस्योद्घाटन हुआ है कि राज्य के कई अन्य मंत्री और विधायक भी कट मनी स्कैम (कमीशनखोरी) के इस खेल में शामिल हैं। राज्य की कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि अगर सीएम बसवराज बोम्मई इस मामले में एक्शन नहीं लेते हैं तो वे लोग इस घटना के विरोध में 25 मई के बाद हड़ताल पर चले जाएंगे। एसोसिएशन ने संतोष पाटिल मामले में सारे तथ्यों को मीडिया के सामने रखा।कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (केएससीए) के अध्यक्ष केम्पन्ना ने कहा कि हम अगले 3-4 दिनों में 4-5 अत्यधिक भ्रष्ट मंत्रियों और 10-15 विधायकों के नाम का खुलासा करेंगे। यह एक सार्वजनिक दस्तावेज होगा। संतोष पाटिल की मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं। हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।

एसोसिएशन ने जुलाई 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि ठेकेदारों को सिविल कार्यों में 40 फीसदी कट मनी का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया था। केएससीए की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, इसके अध्यक्ष डी केम्पन्ना ने कहा कि 25 मई को बेंगलुरु में एक विशाल रैली होगी जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों के 50,000 ठेकेदार भाग लेंगे। इसके बाद हम पूरे राज्य में एक महीने के लिए काम बंद कर देंगे।केम्पन्ना ने दावा किया कि ठेकेदारों को राजनेताओं से धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार के बारे में कई ठेकेदारों के पास दस्तावेज हैं, लेकिन वे उन्हें जारी करने से डरते हैं क्योंकि यह सरकार उन पर कार्रवाई करेगी। इससे उनकी रोटी-रोजी के लाले पड़ जाएंगे। सीएम बोम्मई पर हमला बोलते हुए केम्पन्ना ने कहा, यह सबसे भ्रष्ट सरकार है। हमने सीएम से 4-5 बार मुलाकात की। हमने ऐसा सीएम कभी नहीं देखा जो ऐसी शिकायतों के बावजूद चुप रहता हो।

ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत पर केम्पन्ना ने कहा कि पीएम को पत्र लिखने के बाद वह कभी एक जगह नहीं रुकता था। वे उसे धमकी दे रहे थे। पंद्रह दिन पहले, उसने हमें फोन किया और कहा कि वह मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहा है। हमने कानूनी प्रदान करने की पेशकश की थी।

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