हिजाब पर फ़ैसला देने वाले जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा: कर्नाटक सीएम
कर्नाटक सरकार हिजाब पर फ़ैसला सुनाने वाले मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी सहित कर्नाटक उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों को वाई-श्रेणी की सुरक्षा देगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को इसकी घोषणा की। कर्नाटक उच्च न्यायालय की विशेष पीठ के न्यायाधीशों ने हाल ही में राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा था। इसके बाद फ़ैसला देने वाले जजों को जान से मारने की धमकी मिली थी। धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
धमकी देने के आरोप में कोवई रहमथुल्ला को तिरुनेलवेली से गिरफ्तार किया गया, जबकि एस. जमाल मोहम्मद उस्मानी को तंजौर से हिरासत में लिया गया। रिपोर्टों में कहा गया है कि दोनों की गिरफ्तारी शनिवार रात को हुई। आरोपी कोवई रहमथुल्ला का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कथित तौर पर कर्नाटक के न्यायाधीशों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काते हुए दिखता है।
वीडियो में एक व्यक्ति तीन जजों के ख़िलाफ़ धमकी देता नज़र आ रहा है। आरोपी ने वीडियो में झारखंड में न्यायाधीश की हत्या का उल्लेख करते हुए यहाँ तक कहा कि लोगों को पता है कि कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश सुबह घूमने के लिए कहाँ जाते हैं।
बता दें कि झारखंड में पिछले साल जुलाई में एक ऑटोरिक्शा ने जानबूझकर एक जज को कुचलकर तब मार डाला था जब वह सुबह की सैर पर निकले थे। वह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। इस मामले की जाँच केंद्रीय जाँच ब्यूरो कर रही है।
इसी बीच मुख्यमंत्री बोम्मई ने रविवार को अपने आवास के बाहर इस धमकी को लेकर पत्रकारों के सामने बयान दिया। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह लोकतंत्र में ख़तरनाक संकेतों में से एक है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस प्रकार की राष्ट्रविरोधी ताक़तें न बढ़ें। न्यायपालिका की वजह से देश में क़ानून-व्यवस्था क़ायम है।'
बोम्मई ने यह भी कहा,
“
मैं उन छद्म धर्मनिरपेक्ष लोगों से भी सवाल कर रहा हूं जो चुप हैं। यह धर्मनिरपेक्षता नहीं, साम्प्रदायिकता है। हमें एक साथ खड़े होकर इस कृत्य का विरोध करना होगा।
बसवराज बोम्मई, कर्नाटक सीएम
बता दें कि हिजाब पर फ़ैसला देने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के जजों को धमकी दिए जाने का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसी वीडियो के आधार पर एक वकील उमापति एस ने रजिस्ट्रार को शिकायत दी।
वकील उमापति ने रजिस्ट्रार को भेजे पत्र में कहा है, 'मुझे अपने संपर्कों से सुबह 9:45 बजे वाट्सऐप वीडियो संदेश मिला। उक्त वीडियो संदेश तमिल भाषा में है और इसे सुनने के बाद मैं हतप्रभ था कि कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य को हत्या की खुलेआम धमकी दी गई थी। यह धमकी हाल ही में कर्नाटक के माननीय उच्च न्यायालय के हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के फ़ैसले के मद्देनज़र है।'
तमिलनाडु बीजेपी के प्रमुख और कर्नाटक कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई ने मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एन. भंडारी ने जांच की मांग की है।