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बीजेपी-संघ की भाषा क्यों बोल रहे हैं सिब्बल: टैगोर

बीजेपी-संघ की भाषा क्यों बोल रहे हैं सिब्बल: टैगोर

कपिल सिब्बल के इस बयान पर कि अब गांधी परिवार को हट जाना चाहिए और किसी दूसरे नेता को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए, मनिक्कम टैगोर ने उन्हें जवाब दिया है। 

गांधी परिवार पर कपिल सिब्बल के सीधे हमले के बाद कांग्रेस सांसद मनिक्कम टैगोर ने उन्हें जवाब दिया है। टैगोर ने मंगलवार को कहा कि सिब्बल बीजेपी और संघ की भाषा बोल रहे हैं।

सिब्बल ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए इंटरव्यू में गांधी परिवार पर सीधा हमला बोला है।सिब्बल ने कहा है कि अब गांधी परिवार को हट जाना चाहिए और किसी दूसरे नेता को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए। 

टैगोर ने ट्वीट कर कहा, “संघ और बीजेपी क्यों नेहरू-गांधी परिवार को नेतृत्व से बाहर कर देना चाहते हैं क्योंकि गांधी परिवार के नेतृत्व के बिना कांग्रेस जनता पार्टी बन जाएगी और तब कांग्रेस को खत्म करना और आइडिया ऑफ इंडिया को ध्वस्त करना आसान हो जाएगा।” 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कट्टर समर्थक माने जाने वाले टैगोर ने कहा कि कपिल सिब्बल इस बात को जानते हैं लेकिन इसके बाद भी वह बीजेपी और संघ की भाषा क्यों बोल रहे हैं।

यह तय माना जा रहा था कि पांच चुनावी राज्यों में हार के बाद कांग्रेस में घमासान होगा। हार के बाद बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले यह खबर आई थी कि सोनिया, राहुल व प्रियंका गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी। 

कांग्रेस में G-23 गुट बीते 3 साल से गांधी परिवार पर हमलावर है और चुनावी राज्यों में हार के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने का काम करता रहा है।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस बात का फैसला लिया गया कि सोनिया गांधी ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। लेकिन इतना तय है कि गांधी परिवार के लिए G-23 के हमलों से निपट पाना आसान नहीं होगा।

ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस इस बार उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अच्छा प्रदर्शन करेगी और पंजाब में फिर से सत्ता में वापसी करेगी। हालांकि उत्तर प्रदेश को लेकर बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं थी लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा ने वहां पर काफी पसीना बहाया था। लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस किसी भी राज्य में संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर सकी है। 

उधर, सिब्बल ने कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से हट जाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा नामित की गई कोई संस्था उन्हें कभी यह नहीं बताएगी कि उन्हें सत्ता की बागडोर अब अपने हाथ में नहीं रखनी चाहिए। सिब्बल का आशय कांग्रेस की कमान संभालने को लेकर था। 

कांग्रेस के प्रदर्शन पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें टिकी हुई थी क्योंकि इन पांच राज्यों के चुनाव नतीजों से यह भी पता लगना था कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए क्या कांग्रेस विपक्षी एकता की अगुवाई कर पाएगी। इन नतीजों से ऐसा नहीं लगता कि विपक्ष के बाकी दल कांग्रेस की कयादत को स्वीकार करेंगे। 

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