कानपुर में शुक्रवार को दो गुटों के बीच हुई सांप्रदायिक झड़प के मामले में पुलिस ने अब तक 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी गैंगस्टर एक्ट में हुई है। यह हिंसा उस दिन हुई जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित तमाम बड़े नेता कानपुर में ही मौजूद थे।
क्यों हुआ बवाल?
शुक्रवार को कुछ मुसलिम नेताओं ने शहर की परेड बाजार को जबरन बंद कराने की कोशिश की। उनकी नाराजगी बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई एक टिप्पणी को लेकर थी। लेकिन बाजार बंद कराने का दूसरे गुट ने विरोध किया और इसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई।
यह पूरा बवाल बेकनगंज थाना क्षेत्र के नई सड़क इलाके में हुआ। इस दौरान कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई और बवाल में दारोगा समेत सात लोग घायल हो गए।
इस घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें दो गुटों के लोगों को एक-दूसरे पर पत्थरबाजी करते हुए देखा जा सकता है।
पुलिस ने इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की हैं और 40 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है जबकि 1000 अन्य लोगों को इस बवाल के लिए चिन्हित किया जा रहा है।
हालात को देखते हुए शहर में पीएसी की 12 कंपनियों को तैनात कर दिया गया है। पुलिस के आला अफसर इलाके में ही मौजूद हैं और हालात का जायजा ले रहे हैं।
पुलिस इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर आए तमाम वीडियो को खंगाल रही है। पथराव की घटना में शामिल आरोपियों की धरपकड़ जारी है। कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहा है कि इस बवाल में शामिल आरोपियों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उन पर बुलडोजर चलाया जाएगा।
इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया है।
उधर, नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ महाराष्ट्र में दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।