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कंझावला मामला: लापरवाही के आरोप में 11 पुलिसकर्मी निलंबित

कंझावला मामला: लापरवाही के आरोप में 11 पुलिसकर्मी निलंबित

जिन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया है उनमें दो सब इंस्पेक्टर, चार असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, चार हेड कॉन्स्टेबल और एक कॉन्स्टेबल शामिल है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की विशेष आयुक्त शालिनी सिंह ने जांच की थी और जांच में इन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। 

कंझावला में हुई अंजलि सिंह की मौत के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के 11 कर्मचारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। इनके खिलाफ यह कार्रवाई ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में की गई है। यह सभी पुलिसकर्मी रोहिणी जिला पुलिस के हैं और इसके ही अंतर्गत बाहरी दिल्ली का कंझावला इलाका आता है। 

बता दें कि 1 जनवरी को तड़के हुए हादसे में कार से स्कूटी की टक्कर होने के बाद अभियुक्तों ने अंजलि को 10 से 12 किलोमीटर तक घसीटा था और इसमें अंजलि की जान चली गई थी। अजंलि की उम्र 20 साल थी। 

जिन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया है उनमें दो सब इंस्पेक्टर, चार असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, चार हेड कॉन्स्टेबल और एक कॉन्स्टेबल शामिल है। 

इस मामले में दिल्ली पुलिस की विशेष आयुक्त शालिनी सिंह ने जांच की थी और जांच में इन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को इन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। 

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके नाम दीपक खन्ना, मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन, अंकुश और आशुतोष हैं। एक अभियुक्त अंकुश को जमानत मिल चुकी है। 

धारा 302 लगाने का आदेश

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि वह कंझावला मामले के अभियुक्तों के खिलाफ हत्या की धारा 302 लगाए। अभियुक्तों ने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताया था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी कार के नीचे अंजलि फंसी हुई है क्योंकि उनकी कार में तेज संगीत बज रहा था। लेकिन बाद में पुलिस के सूत्रों से यह जानकारी आई थी कि अभियुक्तों ने इस बात को स्वीकार कर लिया था कि उन्हें पता था कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंसी हुई है लेकिन उन्होंने डर की वजह से कार नहीं रोकी। 

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परिजनों ने दिया था धरना

पीड़िता अंजलि सिंह के परिजनों ने कुछ दिन पहले सुल्तानपुरी पुलिस थाने के बाहर धरना दिया था। उनकी मांग थी कि अंजलि की मौत के मामले में हत्या की धारा 302 को भी जोड़ा जाए। अंजलि के मामा ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा था कि जब इस मामले के अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है तो पुलिस उनके खिलाफ धारा 302 क्यों नहीं लगा रही है। 

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अंजलि के घर हुई थी चोरी 

बीते सोमवार को अंजलि के घर पर चोरी हुई थी और परिजनों ने इसका आरोप उसकी दोस्त निधि पर लगाया था। बता दें कि 1 जनवरी को तड़के जब अंजलि कार दुर्घटना का शिकार हुई थी तो निधि उसके साथ स्कूटी की पिछली सीट पर बैठी थी। 

अंजलि के परिजनों और स्थानीय लोगों ने बीते हफ्ते निधि के घर के बाहर प्रदर्शन किया था और उसकी गिरफ्तारी की मांग की थी। परिजनों की मांग थी कि इस मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए।

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