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कंगना ने कहा, इंदिरा ने सिखों को मच्छड़ों की तरह कुचला था, मामला दर्ज

कंगना ने कहा, इंदिरा ने सिखों को मच्छड़ों की तरह कुचला था, मामला दर्ज

महात्मा गांधी और आज़ादी पर विवादास्पद बातें कहने वाली कंगना रनौत ने अब सिखों को अपमानित करने वाली बात कही है। उन्होंने क्या कहा, क्या है मामला?

अपने विवादास्पद बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक बार फिर कथित रूप से आपत्तिजनक बातें कही हैं, जिस वजह से उनके ख़िलाफ़ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है। 

 

हाल ही में पद्म श्री से सम्मानित कंगना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कथित रूप से पूरे सिख समुदाय को 'खालिस्तानी आतंकवादी' क़रार दिया है और कहा है कि इंदिरा गांधी ने 'इन लोगों को मच्छड़ों की तरह अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था।' 

कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा,

खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार की बाहें मरोड़ सकते हैं। पर हमें एक महिला को नहीं भूलना चाहिए। वह अकेली महिला प्रधानमंत्री थी, जिसने इन्हें अपनी जूतियों के नीचे कुचल दिया था।


कंगना रनौत, फ़िल्म अभिनेत्री

उन्होंने इसके आगे कहा, "उन्होंने देश को चाहे जितनी तकलीफें दी हों, लेकिन अपनी जान की कुर्बानी देकर भी इन्हें मच्छड़ों की तरह कुचल दिया था, देश के टुकड़े नहीं होने दिया। उनकी मौत के कई दशक बीत जाने के बाद आज भी ये उनके नाम से काँपते हैं। इनको वैसा ही गुरु चाहिए।"

 - Satya Hindi

मामला दर्ज

दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने कहा है कि कंगना रनौत ने जानबूझ कर ऐसा किया है और पूरे सिख समुदाय को अपमानित किया है। इसके अध्यक्ष और अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस अभिनेत्री के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत की है। 

दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में मनजिंदर सिंह ने कहा है कि कंगना रनौत ने सिखों के ख़िलाफ़ असम्मानजक, नफ़रत फैलाने वाली और अपमानजनक बातें कही हैं और पूरे सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी कहा है। 

शिकायत में यह भी कहा गया है कि इंदिरा गांधी ने उन्हें अपनी जूतियों से कुचल दिया, ऐसा कह कर सिख समुदाय का अपमान किया है।

'जिहादी राष्ट्र'

याद दिला दें कि इसके पहले जब प्रधानमंत्री ने तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने का एलान किया तो कंगना रनौत ने जिस तरह से उसका विरोध किया था, उसकी भी आलोचना हुई थी। 

कंगना रनौत ने कहा कि यह निर्णय 'दुखद, शर्मनाक और एकदम अनुचित है।' उन्होंने कहा, "यदि संसद में चुने गए लोग नहीं, बल्कि सड़क पर बैठे हुए लोग देश के क़ानून बनाने लगे तो यह जिहादी राष्ट्र है।"

उन्होंने तंज  करते हुए लिखा, "उन्हें बधाई, जो ऐसा चाहते हैं।"

आज़ादी को भीख बताया

बीते दिनों कंगना रनौत ने महात्मा गांधी पर भी एक बहुत ही आपत्तिनजक टिप्पणी की थी। उन्होंने 'टाइम्स नाउ टीवी' के एक कार्यक्रम में 1947 में मिली आज़ादी को भीख बताया था और कहा था कि असली आज़ादी 2014 में मिली। याद दिला दें कि 2014 में ही देश में मोदी सरकार सत्ता में आई थी। 

वह यहीं नहीं रुकीं। इस अभिनेत्री ने इसके बाद एक और इंस्टाग्राम स्टोरी पोस्ट कीं। इनमें कंगना ने कहा कि हमें अपने हीरो का सोच-समझकर चुनाव करना चाहिए। उन्होंने पुरानी न्यूज़ क्लिपिंग को शेयर करते हुए लिखा कि गांधी और कुछ अन्य लोग नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ब्रिटिश सरकार को सौंपे जाने के लिए सहमत थे। 

कंगना ने महात्मा गांधी का नाम लिए बिना कहा, “जिन लोगों ने देश की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी, उन्हें उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया जिनके पास अत्याचार करने वालों से लड़ने की हिम्मत नहीं थी लेकिन वे सत्ता के भूखे और चालाक लोग थे।” 

कंगना ने महात्मा गांधी पर हमला बोलते हुए दावा किया कि इस बात के सुबूत भी हैं कि गांधी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो। उन्होंने कहा कि अब वक़्त आ गया है कि लोग अपने इतिहास और उसके हीरो को जानें। 

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