गोकशी पर कमलनाथ सरकार की कार्रवाई का ‘अपनों’ का ही विरोध क्यों?
मध्यप्रदेश में गोकशी को लेकर कमलनाथ सरकार द्वारा आरोपियों के ख़िलाफ़ की गई रासुका की कार्रवाई पर कांग्रेस विधायक ने ही सवाल उठा दिये हैं। भोपाल ज़िले के पार्टी विधायक ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को खत लिखकर संबंधित ज़िले के कलेक्टर को हटाते हुए पूरे मामले की जाँच एसआईटी से कराने की माँग की है। विधायक ने शुक्रवार को भोपाल प्रवास पर आये पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के समक्ष भी इस मसले को उठाया। उधर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी एनएसए लगाये जाने को सही नहीं ठहराया है।
बता दें कि खंडवा ज़िला प्रशासन ने गोकशी से जुड़े एक मामले में चार फ़रवरी को तीन आरोपियों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है। कमलनाथ सरकार द्वारा की गई यह कार्रवाई देश भर में सुर्खियों में रही है। गोकशी को लेकर मध्यप्रदेश बेहद बदनाम सूबों में शुमार है। बीजेपी की सरकार में गोकशी की ख़बरें ख़ूब सुर्खियों में रहीं। गोकशी में लिप्त पाये गये लोगों पर तत्कालीन सरकार में हुई कार्रवाई पर प्रतिपक्ष में रहते हुए कांग्रेस जमकर सवाल उठाती रही। कांग्रेस की सरकार में गोकशी को लेकर सख़्त कार्रवाई (एनएसए) का अब प्रतिपक्ष में बैठी बीजेपी तो स्वागत कर रही है, लेकिन कांग्रेस के नेता ही अपनी सरकार की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
- भोपाल ज़िले की भोपाल मध्य सीट से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र (पत्र की प्रतिलिपि सत्य हिन्दी के पास है) लिखा है। इसमें खंडवा की गोकशी की घटना को शर्मनाक मानते हुए उन्होंने लिखा है, ‘दोषियों पर कार्रवाई किए जाने के पहले दूसरे पक्ष को सुना जाना चाहिये था। मामले में एक पक्ष को सुनकर कलेक्टर द्वारा आनन-फानन में गोवंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई के साथ ही रासुका लगा दिया जाना न्यायोचित नहीं है।’ मसूद ने मुख्यमंत्री से माँग की है, ‘सरकार अलग से एसआईटी गठित कर पूरे मामले की जाँच कराये, जाँच प्रभावित न हो इसके लिए कलेक्टर को ज़िले से पहले हटा दिया जाये।’
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क्या राहुल गाँधी करेंगे कार्रवाई?
विधायक मसूद ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘शुक्रवार को किसानों का आभार जताने के लिए भोपाल आये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को भी इस पूरे मामले से उन्होंने अवगत कराया है।’ मसूद के अनुसार ‘सात जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की अगुवाई में हुए अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सम्मेलन में भी यह मामला उठाया गया है। कर्नाटक के एक विधायक और महाराष्ट्र के प्रकोष्ठ के एक पदाधिकारी ने पूरा मामला उठाते हुए पार्टी अध्यक्ष से हस्तक्षेप की माँग की है।’ मसूद का कहना है, ‘राहुल गाँधी ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ और स्वयं उन्हें अन्याय नहीं होने देने का भरोसा दिलाया है।’
दिग्विजय सिंह ने क्यों उठाए सवाल?
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी खंडवा की गोकशी मामले में की गई कार्रवाई पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘किसी भी प्रकरण में कानून की कौन-सी धारा लगे, यह पुलिस पर निर्भर करता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं नहीं समझता कि गोहत्या पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट का मसला इसमें आता है।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘क़ानून की जो धाराएँ हैं, उनमें ही इस मामले में एक्शन लिया जाना चाहिए था।’
आगर-मालवा में भी गोकशी में दो और पर एनएसए
खंडवा जिले के मामले को लेकर मचे बवाल और कांग्रेसियों द्वारा ही खड़े किये जा रहे सवालों के बीच आगर-मालवा जिले में दो आरोपियों पर गो परिवहन को लेकर बीते मंगलवार को रासुका लगाया गया है। लांबी गाँव के महबूब पुत्र सत्तार खान और आगर-मालवा के रहने वाले रोडमल पुत्र बद्रीलाल मालवीय के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई की गई है। इन दोनों आरोपियों को पुलिस ने गोवंश के परिवहन के मामले में पकड़ा था। फ़िलहाल दोनों आरोपी जेल में हैं।
गृह मंत्री बच्चन ने कार्रवाई को सही ठहराया
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने गोकशी मामले में आरोपियों के ख़िलाफ़ हुए राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत हुई कार्रवाई को पूरी तरह से जायज ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘कानून एवं व्यवस्था और प्रदेश में शांति के मोर्चे पर सरकार किसी भी तरह की ढील-पोल को बर्दाश्त करने वाली नहीं है।’
गोकशी के आरोपियों के ख़िलाफ़ ऐसी सख्त कार्रवाई के बाद कांग्रेस के भीतर से ही उठे सवालों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आयी है। कमलनाथ से ‘सत्य हिन्दी’ ने प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया, मगर उनकी टिप्पणी नहीं मिल सकी।
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मसूद पर पहले लगी थीं आगजनी-बलवे की धाराएँ
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर दिग्विजय सिंह सरकार में बलवे समेत कई गंभीर धाराएँ भोपाल में लगी थीं। यह मामला तब का है जब सन्नी देओल अभिनीत ‘गदर - एक प्रेम कथा’ फिल्म में निकाह को लेकर कॉजी से होने वाले मुख्य अभिनेत्री के ‘विवाद’(संवाद) को लेकर मसूद की अगुवाई में मुसलिम समुदाय के लोगों ने तीखा ऐतराज जताया था। फ़िल्म को मध्यप्रदेश में प्रतिबंधित कराने की माँग की गई थी। प्रदर्शन के दौरान मसूद और प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी झड़प के साथ आगजनी और हिंसा की वारदात भोपाल में हुई थी। इसी मामले में प्रदेश पुलिस ने मसूद के ख़िलाफ़ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज़ किया था। फ़िल्म को दिग्विजय सरकार ने बैन नहीं किया था। बाद में मसूद इस पूरे मामले में पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट से बरी हो गए थे। मसूद समाजवादी पार्टी से भी विधायक पद का चुनाव लड़ चुके हैं।
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