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कमल नाथ के सॉफ्ट ‘हिन्दुत्व की राह पकड़ने’ पर कांग्रेस में कलह

कमल नाथ के सॉफ्ट ‘हिन्दुत्व की राह पकड़ने’ पर कांग्रेस में कलह

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ एक बार फिर सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर हैं। लेकिन इसका प्रदेश कांग्रेस में ही विरोध हो रहा है। 

विधानसभा चुनाव 2023 के लिए सीएम का चेहरा बनाये गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पकड़ने वाले एक निर्देश पर कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है। कमल नाथ के फैसले पर मुसलिम नेताओं ने खुलकर नाखुशी जताई है।

बता दें, नाथ को रविवार रात को मध्य प्रदेश कांग्रेस की एक बैठक में आने वाले विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने का फैसला हुआ है।

रविवार को ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कमल नाथ की ओर से दिशानिर्देश जारी किए हैं कि 10 अप्रैल को रामनवमी और 16 अप्रैल को हनुमान जयंती को कांग्रेस सार्वजनिक तौर पर मनायेगी।

हनुमान जयंती वाले दिन राम कथा, रामलीला और भगवान राम की पूजा-अर्चना के सार्वजनिक आयोजन करने तथा हनुमान जयंती को सुंदरकांड के पाठ एवं हनुमान चालीसा पाठ के आयोजन का निर्देश कमल नाथ की ओर से दिया गया है।

प्रदेश कांग्रेस के इन दिशा निर्देशों पर बीजेपी के पहले कांग्रेस में ही सवाल खड़े कर दिए गए हैं।

भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र के विधायक आरिफ मसूद ने दो टूक कहा है, “अब से पहले पीसीसी द्वारा ऐसे प्रपत्र कभी जारी नहीं किए गए हैं। यह गलत परिपाटी है। मुझे इस प्रपत्र को लेकर दुख है।”

कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा है “मुसलिमों ने कांग्रेस पार्टी को इसलिए चुना था, क्योंकि कांग्रेस पार्टी सेक्युलर पार्टी है, पर अब कांग्रेस पार्टी की तरफ से रामनवमी और हनुमान जयंती मनाने के फैसले संबंधी जो प्रपत्र जारी हुआ है, वह ठीक नहीं है।”

कांग्रेस विधायक ने कहा है, “यदि प्रपत्र ही जारी होना था, तो रामनवमी हनुमान जयंती के साथ रमजान का भी जिक्र इसमें किया जाना था।”

बता दें, मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन ने जारी निर्देशों में यह भी कहा है कि कमलनाथ रामनवमी पर एक संदेश जारी करेंगे। वे अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में हनुमान जयंती पर एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

कांग्रेस पाखंड पर आमादा हो गई है: बीजेपी

बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कांग्रेस के फैसले पर प्रतिक्रिया में तंज कसते हुए ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, “जिन लोगों ने भगवान राम और रामसेतु को काल्पनिक माना और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध किया, वे अब राजनीतिक लाभ के प्रयास के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। रामनवमी मनायेंगे।”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस कुछ भी कर ले लोग उसके पाखंड को जान और पहचान चुके हैं। कांग्रेस कुछ भी करे अब उसका पतन थम नहीं पायेगा।”

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने किया पलटवार

बीजेपी की प्रतिक्रिया को कांग्रेस ने ओछी राजनीति करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख केके मिश्रा ने बीजेपी पर राम और हनुमान के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने बीजेपी को सलाह देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पूजा-पाठ करने का अधिकार है। लिहाजा, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक उत्सव मनाती है। एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में, इसे इस तरह का बयान देने से पहले दो बार सोचना चाहिए।

पहले भी हुआ सॉफ्ट हिन्दुत्व पर बवाल

पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने पीसीसी चीफ रहते हुए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गणेश और दुर्गा उत्सव मनाया था। गणपति की प्रतिमा स्थापित की थी। उनके इस फैसले पर खूब बवाल हुआ था।

अरुण यादव की अगुवाई वाली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अकबर बेग ने इस कार्यक्रम के बाद ईद का कार्यक्रम किया था। उन्होंने रमजान मनाने के अलावा बकरा भी पीसीसी में लाकर बांध दिया था। उनका कहना था, “मुसलिमों के कुर्बानी के त्यौहार को वे पीसीसी में मनायेंगे।”

बेग के कदम पर खूब हंगामा हुआ था। खबरें बनीं थीं।

कमल नाथ के ताजा निर्देशों के बाद बेग ने एक बार फिर रमज़ान और ईद सहित मुसलिमों के त्योहार मनाने की इजाजत देने की मांग पीसीसी चीफ कमल नाथ से की है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा है, “पीसीसी यदि अपने खर्च पर मुसलिमों के त्योहार मनाने में सक्षम न हो, तो वे पूरा खर्च उठायेंगे, बशर्ते पीसीसी कार्यालय में मुसलिमों के सारे त्योहार मनाने की इज़ाजत दे।”

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