नागरिकता क़ानून : कमलनाथ सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर भांजी लाठियां
कांग्रेस शासित पंजाब में जहाँ नागरिका क़ानून के ख़िलाफ़ विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया वहीं कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश के इंदौर में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर रात क़रीब ढाई-तीन बजे पुलिस ने लाठियाँ भांजीं। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इंदौर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इंदौर का यह प्रदर्शन दिल्ली के शाहीन बाग़ में प्रदर्शन की तर्ज पर हो रहा है। शहर के जामा मसजिद के पास हो रहे इस प्रदर्शन में महिलाएँ भी भाग ले रही हैं। सोशल मीडिया पर भी रात में पुलिस कार्रवाई का वीडियो डाला गया है। इसमें दिख रहा है कि पुलिसकर्मी लाठियाँ भांज रहे हैं और लोग भाग रहे हैं।
WATCH: In Indore, police lathicharged protestors at 4 AM at night and forced them out of the protest site. #CAA_NRC_Protests #CAAProtests pic.twitter.com/9VxbGVydCy
— Resist CAA (@ResistCAA) January 17, 2020
गुरुवार रात की इस कार्रवाई के विरोध में सुबह बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए और हंगामा किया। बता दें कि इंदौर के जामा मसजिद के पास हो रहे शांतिपूर्वक प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शहर के लोग शामिल हो रहे हैं। गुरुवार को भी दिन में काफ़ी संख्या में लोग इसमें शामिल थे, लेकिन रात होते-होते लोगों की संख्या कम हो गई थी। इंदौर से 'सिटी ब्लास्ट' नाम से निकलने वाले टैबलॉयड की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस धरना को ख़त्म करने के लिए दबाव बना रही थी और उसे लग रहा था कि रात के एक बजे तक धरना ख़त्म हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस रिपोर्ट के अनुसार रात क़रीब ढाई बजे 20-30 लोग धरना स्थल पर मौज़ूद थे और इसमें दो महिलाएँ भी शामिल थीं।
टैबलॉयड की रिपोर्ट में कहा गया है कि क़रीब 8-10 पुलिसकर्मी आए और धरना स्थल पर सो रहे लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। रिपोर्ट में धरना में शामिल होने वाले लोगों के हवाले से कहा गया है कि गाड़ी के कांच भी फोड़े गए और महिलाओं पर भी लाठीचार्ज किया गया। रिपोर्ट में घटना के दौरान मौजूद लोगों के हवाले से कहा गया है कि पुलिस ने अपशब्दों का प्रयोग किया।
सोशल मीडिया पर लोग मध्य प्रदेश की पुलिस की तीखी आलोचना कर रहे हैं। लोग आलोचना इसलिए भी कर रहे हैं कि सीएए का विरोध करने वाली कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद पुलिस ज़्यादाती कर रही है। ट्विटर पर 'आई स्टैंड विद शाहीन बाग़' ने ट्वीट किया, 'सीएए/एनआरसी के ख़िलाफ़ लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं। पुलिस उनको ऐसा नहीं करने दे रही है। रात तीन बजे प्रदर्शन करने वालों के ख़िलाफ़ कथित रूप से लाठीचार्ज किया गया। वे उन्हें कहीं भी प्रदर्शन नहीं करने दे रहे हैं।'
In Indore, people want to peacefully protest against CAA/NRC. Police is not allowing them and is accused of thrashing and lathi charging people protesting at night 3Am. They are not letting people protest anywhere.
— I stand with Shaheen Bagh. (@Gulrose_views) January 17, 2020
Cc : @SidrahDP @SabinaBasha @imMAK02
Please check this. pic.twitter.com/nmGoHo0kkx
बता दें कि नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी को लेकर देश भर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। शुरुआती दिनों में असम और उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन हिंसात्मक हो गया था। जामिया मिल्लिया इसलामिया के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। बाद में जामिया के पास ही शाहीन बाग़ में शांतिपूर्ण प्रदर्शन अनूठी मिसाल बनकर उभरा। अब ऐसा ही प्रदर्शन कई शहरों में हो रहा है। यह विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि इस क़ानून को धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला और संविधान के ख़िलाफ़ बताया जा रहा है। नागरिकता संशोधन क़ानून बनने के साथ ही हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को क़ानूनी तौर पर संरक्षण मिलेगा और क़ानूनी मुक़दमों से राहत भी मिलेगी। लेकिन मुसलिमों को इससे बाहर रखा गया है।