भारतीय मूल की कमला हैरिस बनेंगी अमेरिका की उप राष्ट्रपति?
इस बात की पूरी संभावना है कि अगला अमेरिकी उप राष्ट्रपति भारतीय मूल का हो। अमेरिका में नवंबर में होने वाले चुनाव में डेमोक्रेट राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडन ने उप राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में कमला देवी हैरिस को मनोनीत किया है। यदि बाइडन जीत गए तो कमला हैरिस अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनेंगी। ऐसा हुआ तो वह इस पद पर पहुँचने वाली पहली अश्वेत और और एशियाई मूल की पहली अमेरिकी होंगी।
कमला हैरिस के पिता डोनल्ड हैरिस कैरेबियाई देश जमैका के मूल निवासी हैं जो अमेरिका आकर बस गए जबकि उनकी माँ श्यामला गोपालन भारत के तमिलनाडु की हैं।
तेज़-तर्रार वक्ता
अश्वेत कमला हैरिस 2010 और 2014 में कैलिफ़ोर्निया राज्य की अटॉर्नी जनरल चुनी गईं। वह बेहद तेज़-तर्रार सरकारी वकील और बहुत ही ओजस्वी वक्ता हैं। उन्होंने राष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के लिए होने वाले पार्टी के अंदरूनी चुनाव यानी प्राइमरी में जो बाइडन को कड़ी टक्कर दी और कई बार उन्हें निरुत्तर कर दिया। कैलिफ़ोर्निया की सीनेटर कमला हैरिस ने न्यूयॉर्क, सेंट लुईस और टेनेसी की प्राइमरी जीत ली थी।अब वही बाइडन की रनिंग मेट हैं, यानी यदि बाइडन राष्ट्रपति बने तो कमला उप राष्ट्रपति बनेंगी। अमेरिकी संविधान के मुताबिक चुनाव राष्ट्रपति का होता है, उप राष्ट्रपति का नहीं, मतदाता उप राष्ट्रपति उम्मीदवार को वोट नहीं देते, वे राष्ट्रपति उम्मीदवार को वोट देते हैं। जो राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है, उसका रनिंग मेट उप राष्ट्रपति बनता है।
अश्वेतों का आग्रह
कमला हैरिस की प्रचार शैली की विशेषता उनकी आक्रामकता और मौजूद जनता के साथ खुद को तुरन्त जोड़ लेने की क्षमता है। जब वह बोलती हैं तो लोग उन्हें चुपचाप सुनते रहते हैं भले वे उसने असमहत ही क्यों न हों।इसके पहले अश्वेत राजनेता, खिलाड़ी, कार्यकर्ता, अभिनेता वगैरह ने बाइडन से आग्रह किया था कि वह कमला हैरिस को अपना उप राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनें। बाइडन के नजदीक और हाउस ऑफ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स के सदस्य जेम्स क्लाइबर्न ने कमला का नाम सुझाया।
कमला हैरिस का डेमोक्रेटिक पार्टी में बहुत ही सम्मान है, उनकी पकड़ है और पार्टी के वरिष्ठ नेता उनका सम्मान करते हैं। वे उदारवादी हैं, बहुत ही लचीले विचार रखती हैं और किसी भी मुद्दे पर सबको लेकर चलने में यकीन करती हैं।
बाइडन का एलान
जब बाइडन ने ट्वीट कर कमला हैरिस के नाम का एलान किया तो कई लोगों ने उसका दिल खोल कर स्वागत किया, इससे भी पार्टी में इस एशियाई मूल के नेता की स्थिति समझी जा सकती है।I have the great honor to announce that I’ve picked @KamalaHarris — a fearless fighter for the little guy, and one of the country’s finest public servants — as my running mate.
— Joe Biden (@JoeBiden) August 11, 2020
कमला हैरिस ने कई राज्यों से प्राइमरी जीतने के बाद दिसंबर में अपना चुनाव अभियान ख़त्म कर दिया। उसके बाद वह नस्लवाद और पुलिस अत्याचारों के ख़िलाफ़ आन्दोलन से जुड़ गईं। उन्होंने कई राज्यों में बड़ी रैलियां कीं और कई शहरों में हुए विरोध प्रदर्शनों में शिरकत की। उन्होंने बुनियादी पुलिस सुधारों की माँग की।
.@JoeBiden can unify the American people because he's spent his life fighting for us. And as president, he'll build an America that lives up to our ideals.
— Kamala Harris (@KamalaHarris) August 11, 2020
I'm honored to join him as our party's nominee for Vice President, and do what it takes to make him our Commander-in-Chief.
पर्यवेक्षकों का कहना है कि कमला हैरिस वामपंथी रुझान की हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी में समाजवादी धड़े का नेतृत्व करती है। दूसरी ओर, बाइडन केंद्रवादी यानी सेंटरिस्ट हैं, यानी न वामपंथी और न ही दक्षिणपंथी।
अश्वेतों की हिस्सेदारी!
यह ध्यान देने की बात है कि कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार ऐसे समय बनाया गया है जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका में नस्लवाद को लेकर बहुत बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ था और लगभग हर राज्य में बड़े पैमाने पर 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आन्दोलन के तहत विरोध प्रदर्शन हुए थे। इनमें प्रदर्शनों में अश्वेत ही नहीं, श्वेत और लातिन अमेरिकी मूल के लोगों ने भी बड़े पैमाने पर शिरकत की।इसकी शुरुआत मीनियापोलिस से हुई, जहां अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ़्लॉयड को लूटपाट के आरोप में एक पुलिस अफ़सर ने ज़मीन पर पटक कर उनके गले पर अपनी टांग अड़ा दी। फ़्लॉयड कहते रहे कि वे सांस नहीं ले पा रहे, पर उनकी किसी पुलिस वाले ने एक न सुनी। बाद में उनकी मौत हो गई।
फ़्लॉयड की मौत के बाद अलग-अलग शहरों में हज़ारों की तादाद में अश्वेत स्त्री-पुरुष सड़कों पर निकल कर प्रदर्शन करने लगे थे। लॉज एंजिलिस, शिकागो, अटलांटा, ह्यूस्टन, वॉशिंगटन व न्यूयॉर्क समेत कई शहरों में बड़ी तादाद में श्वेत-अश्वेत सड़कों पर आ गए और 'ब्लैक लाइव्स मैटर' का बोर्ड लेकर प्रदर्शन किया।
अमेरिकी समाज में नस्लवाद
मशहूर अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल और टीवी चैनल एनबीसी की ओर से कराए गए साझा सर्वेक्षण में 56 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अश्वेत और हिस्पानी यानी स्पैनिश बोलने वाले लातिन अमेरिकी मूल के लोगों के साथ देश में हर स्तर पर भेदभाव किया जाता है।यह सर्वेक्षण जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत के दो महीने बाद कराया गया। इनमें से 71 प्रतिशत लोगों ने यह माना कि अमेरिका में नस्लीय रिश्ते बेहद बुरे हैं।
ज़्यादातर लोगों ने माना कि अमेरिकी समाज में नस्ल निश्चित रूप से एक मुद्दा है। इस सर्वे में भाग लेने वालों में लगभग 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अश्वेतों के साथ भेदभाव किया जाता है।
ध्रुवीकरण की राजनीति
एक अश्वेत के ऐसे समय देश के उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनना कई मायनों में अहम है। इससे अश्वेत और श्वेतों का ध्रुवीकरण तेज़ हो सकता है।
इससे श्वेतोें में एकजुटता हो सकती है और वे बड़े पैमाने पर अश्वेत विरोधी माने जाने वाले उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप के साथ जुट सकते हैं। यह उल्टी प्रतिक्रिया हुई तो ट्रंप के पक्ष में मामला जाएगा और कमला हैरिस को उम्मीदवार बनाना बाइडन के लिए भारी पड़ेगा।
लेकिन एक दूसरा सवाल यह भी है कि समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्सा अश्वेतों को सत्ता में भागेदारी का मौका क्यों नहीं मिलना चाहिए। भले ही उप राष्ट्रपति के पास बहुत अधिक क्षमता न होती हो, लेकिन अश्वेत उप राष्ट्रपति के साथ रहने से श्वेत राष्ट्रपति पर दबाव तो रहेगा।
उस राष्ट्रपति पर यह तो नैतिक दबाव रहेगा कि उसकी जीत में इन अश्वेतों की अहम भूमिका है। वह कम से कम डोनल्ड ट्रंप की तरह अश्वेत जॉर्ज फ़्लायड पर हुई पुलिस ज़्यादती को उचित तो नहीं ठहराएगा। कमला हैरिस स्वयं तो अश्वेत हैं ही, देश के एक मात्र अश्वेत राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनका समर्थन किया है।
I’ve known Senator @KamalaHarris for a long time. She is more than prepared for the job. She’s spent her career defending our Constitution and fighting for folks who need a fair shake. This is a good day for our country. Now let’s go win this thing. pic.twitter.com/duJhFhWp6g
— Barack Obama (@BarackObama) August 11, 2020
ट्रंप का हमला
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उनके समर्थक कमला हैरिस पर टूट पड़े हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक ख़बर के अनुसार, ट्रंप की प्रचार टीम ने कमला हैरिस को ‘शरारती’, ‘नकली’ और ‘बहुत ही उदारवादी’ नेता बताया है। यह भी कहा गया है कि वह जो बाइडन को ‘खींच कर वामपंथी खेमे’ में ले जाएंगी। स्वयं ट्रंप ने पत्रकारों से कहा,
“
‘आपको पता ही है कि प्राइमरी में उनका प्रदर्शन बेहद बुरा रहा। समझा जाता था कि वह अच्छा प्रदर्शन करेंगी पर उन्हें तो 2 प्रतिशत वोट ही मिले। उन्होंने बहुत पैसे खर्च किए, काफी कुछ किया। उनके उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से मैं चकित हूं।’
डोनल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका
रिपब्लिकन पार्टी की नेता और ट्रंप की नज़दीकी लिज़ चीनी ने ट्वीट किया, ‘कमला हैरिस बहुत ही उदारवादी हैं, वह लोगों से बंदूकें छीन लेंगी, स्वास्थ्य बीमा ले लेंगी और केंद्रीय सरकार का खर्च बहुत ही बढ़ा देंगीं। वह अमेरिका को वैसा ही बना देंगी जैसा सीएटल और पोर्टलैंड की सड़कों पर हो रहा है। हम उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं देंगे।’
Kamala Harris is a radical liberal who would raise taxes, take away guns & health insurance, and explode the size and power of the federal gov’t. She wants to recreate America in the image of what’s happening on the streets of Portland & Seattle. We won’t give her the chance.
— Liz Cheney (@Liz_Cheney) August 11, 2020
बहरहाल, यह तो अमेरिकी जनता को तय करना है उन्हें कैसा राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चाहिए। पर ट्रंप लगभग हर सर्वे में बाइडन से पीछे चल रहे हैं, बुरी तरह अलोकप्रिय हो रहे हैं, खुद उनकी पार्टी के लोग उनसे पल्ला झाड़ने लगे हैं और पार्टी के बड़े नेता मान रहे हैं कि ट्रंप हारने जा रहे हैं। ऐसे में यदि तमिलनाडु मूल की महिला अमेरिकी की उप राष्ट्रपति बन जाएं तो किसी को बहुत ताज्जुब नहीं होना चाहिए।