इंडिगो में दिव्यांग बच्चे को रोकने के मामले की जाँच होगी: सिंधिया
रांची हवाई अड्डे पर दिव्यांग बच्चे को इंडिगो की फ्लाइट में जाने से रोकने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन रिपोर्टों के बाद उचित कार्रवाई का वादा किया है। नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने भी इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है। सिंधिया ने कहा कि एयरलाइन कर्मचारियों द्वारा इस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार के लिए जीरो टॉलरेंस है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देख रहे हैं।
उन्होंने शिकायत करने वाले एक ट्वीट के जवाब में कहा, 'इस तरह के व्यवहार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। किसी भी इंसान को इससे नहीं गुजरना चाहिए! खुद मामले की जांच कर रहा हूँ, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।'
There is zero tolerance towards such behaviour. No human being should have to go through this! Investigating the matter by myself, post which appropriate action will be taken. https://t.co/GJkeQcQ9iW
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) May 9, 2022
इंडिगो ने अब इस मामले में खेद जताया है। इसने बयान में कहा है, 'हम दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव के लिए प्रभावित परिवार के लिए ईमानदारी से खेद व्यक्त करते हैं और उनके आजीवन समर्पण को हमारी ओर से प्रशंसा के एक प्रयास के रूप में उनके बेटे के लिए एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की पेशकश करना चाहते हैं।'
हालाँकि एयरलाइन अपने पहले के बयान पर कायम है और उसने कहा है कि उसने स्थिति की समीक्षा की और 'कठिन परिस्थितियों में सर्वोत्तम संभव निर्णय लिया।'
बता दें कि घटना के समय मौजूद एक यात्री अभिनंदन मिश्रा ने ट्वीट किया था, "राँची हवाई अड्डे पर इंडिगो एयरलाइंस के एक प्रतिनिधि ने 'सामान्य' व्यवहार नहीं करने के लिए एक विशेष आवश्यकता वाले बच्चे और उसके माता-पिता को उड़ान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी। परिजन व अन्य यात्रियों ने इसका विरोध किया तो प्रतिनिधि ने उनसे कहा-सुनी भी की।"
मिश्रा ने कहा कि बच्चे को हवाई अड्डे पर कार की सवारी करने में असहजता थी और बोर्डिंग गेट पर आने पर वह काफी तनाव में था। हालांकि, उसके माता-पिता ने कुछ खाने से फुसलाकर और प्यार से स्थिति को संभाला।
लेकिन बोर्डिंग के समय इंडिगो के एक प्रबंधक ने परिवार को चेतावनी दी कि बच्चे को तब तक विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि वह 'सामान्य रूप से' व्यवहार नहीं करता। उन्होंने कथित तौर पर घोषणा की कि विशेष रूप से विकलांग बच्चा एक उड़ान जोखिम है और उसकी तुलना शराबी यात्रियों से की और बच्चे को यात्रा के लिए अनुपयुक्त माना।
सह-यात्रियों के अनुसार, उड़ान भरने वालों में डॉक्टर भी थे और उन्होंने उन्हें सहयोग का आश्वासन दिया। लेकिन आखिरकार इंडिगो की फ्लाइट तीनों को पीछे छोड़ते हुए हैदराबाद के लिए रवाना हो गई।
इंडिगो ने एक बयान में कहा है कि बच्चे ने अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा किया। इसने भेदभावपूर्ण व्यवहार के आरोपों को खारिज कर दिया और जोर देकर कहा कि 'समावेशी' होने में उसे गर्व है।
उसने बयान में कहा, 'यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए 7 मई को एक विशेष रूप से विकलांग बच्चा अपने परिवार के साथ उड़ान में नहीं जा सका क्योंकि वह दहशत की स्थिति में था। ग्राउंड स्टाफ ने अंतिम समय तक उसके शांत होने का इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।'