'जय श्री राम' बुलवाने के लिए डराया-धमकाया, धक्का-मुक्की की: पत्रकार
दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को जिस मार्च में मुसलिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत उगली गई उसमें 'जय श्री राम' के नारे लगवाने के लिए पत्रकार को कथित तौर पर डराया-धमकाया गया और उनसे धक्का-मुक्की की गई। पत्रकार उस मार्च की रिपोर्टिंग कर रहे थे तभी उसमें शामिल लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। नेशनल दस्तक वेबसाइट से जुड़े पत्रकार अनमोल प्रीतम ने आरोप लगाया है कि इसके बाद उन्हें 'डरा धमकाकर जय श्री राम बुलवाने की कोशिश की गई' और जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया तो उनके साथ 'धक्का मुक्की भी की गई।'
मुझसे डरा धमकाकर "जय श्री राम"बुलवाने की कोशिश की गई. जब मैंने मना किया तो मेरे साथ धक्का मुक्की भी किया गया. आप लोग वीडियो में खुद ही देख लीजिए@NationalDastak @Profdilipmandal pic.twitter.com/iswtGbff72
— Reporter Anmol Pritam (@anmolpritamND) August 8, 2021
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाने के बाद यह वायरल हो गया और इस मामले में पत्रकार की प्रतिक्रिया की लोग जमकर तारीफ़ कर रहे हैं। तारीफ़ करने वालों में अधिकतर वे लोग हैं जो मुसलिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने का विरोध कर रहे हैं।
पत्रकार का जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें उनसे भीड़ जबरन 'जय श्री राम' के नारे लगाने के लिए मजबूर करती हुई दिखाई दे रही है। अनमोल प्रीतम ने एक वीडियो भी ट्विटर पर पोस्ट किया है, जिसमें वह भीड़ से बहस करते दिखाई दे रहे हैं। चारों तरफ़ से घेरे हुए लोग 'जय श्री राम' के नारे लगाने के लिए दबाव डालते दिखते हैं और इस बीच अनमोल कहते हैं- 'मेरा मन करेगा तो मैं बोल दूँगा लेकिन जबर्दस्ती नहीं... जबर्दस्ती आप लोग मत बुलवाओ'।
इस बीच भीड़ उनको घेरे रहती है और चारों तरफ़ से उनकी ओर हाथ बढ़ते रहते हैं और भीड़ की आवाज़ें आती रहती हैं। तभी अनमोल प्रीतम फिर कहते हैं- 'आप लोग इतने सारे लोग घेरे मुझसे कहेंगे कि तुम जय श्री राम बोलो, तो मैं नहीं बोलूँगा'। इस बीच भीड़ में धक्का-मुक्की जैसे हालात रहते हैं, कोई उनकी पीठ पर ठोकता है तो कोई वहाँ से चले जाने के लिए कहता है। इस बीच भीड़ से एक युवक निकलता है और रिपोर्टर का माइक पकड़कर कहने लगता है- 'मैं मीडिया चैनल से दरख्वास्त करूँगा कि यह आदमी सांप्रदायिकता फैला रहा है, इसको बाहर निकाल दिया जाए'। इस बीच रिपोर्टर और कैमरामैन भीड़ से दूर जाते हुए दिखते हैं और अनमोल कहते हैं- अब मैं इनका कहना न मानूँ तो मैं ग़लत?'
इस मामले में ट्विटर पर लोगों ने जबर्दस्त प्रतिक्रियाएँ दी हैं। जानी मानी आरजे सायमा लिखती हैं, 'अनमोल हिंदू है। फिर भी उसे बख्शा नहीं गया। सभी लोग जो सोचते हैं कि उन्हें बख्शा जाएगा क्योंकि उनका एक ही धर्म है जो इन गुंडों का है तो उनके लिए चिंता का कारण है। शुभकामनाएँ। अनमोल, तुम बहादुर हो! प्रशंसा। भगवान आपका भला करे।'
Anmol is a Hindu. Yet he wasn’t spared. All people who think they would be spared because they have the same religion as these goons have reasons to worry. All the best.
— Sayema (@_sayema) August 9, 2021
Anmol, you are brave! Kudos. God bless you. https://t.co/XSmLRPP3iR
हालाँकि इसके जवाब में अनमोल ने लिखा है कि वह हिंदू नहीं हैं।
दलित चिंतक दिलीप मंडल ने लिखा है, 'इस बहादुर युवा पत्रकार का समर्थन करें। प्रसंग को समझने के लिए वीडियो देखें। आपकी सराहना करते हैं। आप हीरो हैं! दिल्ली पुलिस को इन गुंडों को गिरफ्तार करना चाहिए।'
Support this brave young journalist. See the video to understand the context. Appreciate @anmolpritamND you are hero! @DelhiPolice should arrest these goons. https://t.co/VrFf19gIyJ
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) August 8, 2021
मिशन आंबेडकर ने ट्वीट किया है, "राष्ट्रीय दस्तक के पत्रकार अनमोल प्रीतम को 'जय श्री राम' बोलने की धमकी देना अत्यंत निंदनीय है। हिंसा हमें चुप नहीं करा सकती। कभी नहीं। हम आपकी टीम के साथ हैं।'
Threatening to chant "Jai Shree Ram" to Anmol Pritam, a National Dastak journalist, is highly condemnable. Violence can't silence us. Never. We are with you team. @NationalDastak @AnmolPritamND @ShambhuND
— Mission Ambedkar (@MissionAmbedkar) August 9, 2021
रविवार को जो जंतर मंतर पर कार्यक्रम 'औपनिवेशिक युग के क़ानूनों के ख़िलाफ़' हुआ था उसमें मुसलिमों के ख़िलाफ़ जहर उगलने वाले नारे लगाए जाने के कई वीडियो सामने आए हैं। भारतीय संसद से कुछ ही मीटर की दूरी पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए उस मार्च के दौरान कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी और उनके ख़िलाफ़ हिंसा के लिए उकसाने वाले नारे लगाए गए थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अब एफ़आईआर भी दर्ज की है, लेकिन इसमें नामजद आरोपी किसी को नहीं बनाया गया है। इस रैली का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली प्रदेश बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने किया था। अंग्रेज़ी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने बताया है कि आयोजकों को यह कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी गई थी।