बाइडन ने किए गन कंट्रोल क़ानून पर हस्ताक्षर; गन हिंसा रुकेगी?
अमेरिका में बार-बार होने वाली गन शूटिंग की हिंसा पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा क़दम उठाया गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने गन वायलेंस बिल यानी बंदूक हिंसा विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। यह विधेयक एक द्विदलीय समझौते का नतीजा है जो हाल तक क़रीब-क़रीब असंभव लग रहा था। लेकिन हाल में मास शूटिंग में टेक्सास प्राथमिक विद्यालय में 19 छात्रों और दो शिक्षकों के नरसंहार ने अमेरिका को झकझोर दिया। यह कोई ऐसा पहला नरसंहार नहीं था। इससे पहले ऐसी कई घटनाएँ सामने आ चुकी हैं और अब आख़िरकार उस गन कल्चर पर नियंत्रण की कोशिश शुरू हुई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस विधेयक को लेकर कहा है कि यह लोगों की जान बचाएगा। न्यूज़ एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार बाइडन ने कहा, 'हालाँकि यह बिल वह सब कुछ नहीं करता है जो मैं चाहता हूँ, लेकिन इसमें उन प्रावधानों को शामिल किया गया है जिनके लिए मैंने लंबे समय से पैरवी की है। यह क़ानून लोगों की जान बचाएगा।'
गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवारों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति ने कहा, 'उनका संदेश था कि हमें कुछ करना है। और आज हमने कर दिया।' गुरुवार को सीनेट से पारित होने के बाद सदन ने शुक्रवार को अंतिम मंजूरी दे दी।
क़ानून कम उम्र के बंदूक खरीदारों के बैकग्राउंड की जाँच को सख्त करेगा, ज़्यादा घरेलू हिंसा करने वाले अपराधियों से हथियारों को दूर करेगा और राज्यों को ऐसा क़ानून बनाने में मदद करेगा जो अधिकारियों को ख़तरनाक माने जाने वाले लोगों से हथियार लेना आसान बनाएगा। इसके अलावा करोड़ों की लागत से उन स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए जाएँगे जहाँ पर बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटनाएँ घटी हैं।
हालाँकि नए क़ानून में लंबे समय से डेमोक्रेट्स द्वारा मांग किए जा रहे उस तरह के सख्त प्रतिबंध शामिल नहीं किए गए हैं, लेकिन फिर भी इसे एक बड़ा क़दम कहा जा रहा है। डेमोक्रेट्स की मांगों का कई रिपब्लिकन ने भी समर्थन किया।
बता दें कि अमेरिका में गन खरीदना बेहद आसान है और इसे भी गन हिंसा बढ़ने की एक बड़ी वजह बताया जाता है। हालाँकि, ऐसी हिंसा के लिए अन्य कारणों में मानसिक स्वास्थ्य, तनाव जैसे कारण भी अहम हैं। अमेरिका में 1791 में लोगों को बंदूक रखने का अधिकार दिया गया था। तब इस स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे नहीं आते थे। अमेरिका के संविधान में कहा गया है कि आज़ादी बनाए रखने के लिए हथियार रखना और चलना नागरिकों का अधिकार है। लेकिन हथियार खरीदने के लिए बेहद आसान नियम क़ानूनों की वजह से हाल में मास शूटिंग की घटनाएँ बढ़ीं। इस साल मई तक 212 मास शूटिंग की घटनाएं सामने आई थीं। इन घटनाओं के बढ़ने के बाद गन खरीदने के नियमों को कड़े करने की मांग उठने लगी।