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बाइडेन बोले- यूक्रेन पर हमला करेंगे पुतिन, संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता 

बाइडेन बोले- यूक्रेन पर हमला करेंगे पुतिन, संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता 

अगर रूस और यूक्रेन में युद्ध होता है तो निश्चित रूप से दुनिया भर के लिए यह एक बड़ा संकट होगा और तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। 

रूस और यूक्रेन के बीच संभावित युद्ध की आशंकाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा है कि रूसी सेनाएं योजना बना रही हैं और आने वाले दिनों में वह यूक्रेन पर हमला कर सकती हैं। बता दें कि रूस चाहता है कि किसी भी सूरत में यूक्रेन को नेटो में प्रवेश ना मिले।

यूक्रेन से आ रही खबरों के मुताबिक, रूस ने अभी भी बड़ी संख्या में सैनिकों को इन दोनों देशों के बॉर्डर पर तैनात किया हुआ है। इसके अलावा कई लड़ाकू विमान, जंगी जहाज भी किसी बड़ी कार्रवाई के लिए तैयार दिखते हैं। 

इस बीच, भारत सहित तमाम देश यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने की तैयारी में जुट गए हैं। यूक्रेन के अंदर दोनेत्सक और लुहान्स्क में रूस का समर्थन करने वाले लोग देश छोड़कर बाहर निकलने लगे हैं।

इस बात को दुनिया जानती है कि रूस एटमी हथियारों से लेकर बाकी मामलों में बहुत मजबूत है और उसने अगर यूक्रेन पर हमला कर दिया तो तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया विश्व युद्ध से भी खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। गुटेरेस ने कहा कि दुनिया की बड़ी ताकतों के बीच बातचीत में कोई छोटी सी भी गलती के बेहद खतरनाक नतीजे हो सकते हैं। 

उधर, अमेरिका की ओर से शुक्रवार को कहा गया है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे।

शुक्रवार को यूक्रेन की सैन्य एजेंसी ने कहा है कि रूस के विशेष बलों ने दोनेत्सक शहर में बम फिट कर दिए हैं। उसने अपने नागरिकों से घर पर ही रहने की अपील की है। पूर्वी यूक्रेन के लुहान्स्क शहर में एक कार में बम धमाका हुआ है और एक स्कूल पर मिसाइल से बमबारी की गई है। इसके बाद से माना जा रहा है कि हालात अब और बिगड़ सकते हैं।

क्या चाहते हैं पुतिन?

व्लादिमीर पुतिन नहीं चाहते कि यूरोपीय संघ और नेटो संगठन का फैलाव रूस की सीमा तक हो। इसलिए वे अमेरिका और नेटो से इस बात की गारंटी चाहते हैं कि यूक्रेन को नेटो और यूरोपीय संघ में शामिल नहीं किया जाएगा। जबकि अमेरिका और उसके साथी नेटो संगठन के देशों का कहना है कि पुतिन जिस गारंटी की मांग कर रहे हैं उसे दे पाना संभव ही नहीं है। क्योंकि वह अंतर्राष्ट्रीय क़ायदे-कानूनों का उल्लंघन और यूक्रेन की प्रभुसत्ता का अतिक्रमण होगा।

अमेरिका और यूरोप के देश केवल इतना आश्वासन दे रहे हैं कि फ़िलहाल यूक्रेन को यूरोपीय संघ और नेटो की सदस्यता देने का न तो कोई प्रस्ताव है और न ही ऐसी कोई योजना है। पर वे यह चेतावनी भी दे रहे हैं कि वे एकजुट होकर यूक्रेन के साथ हैं। अगर रूस ने यूक्रेन की सीमाओं को पार करने या और किसी तरह की गड़बड़ी करने की कोशिश की तो अमेरिका और यूरोपीय देश इसका जोरदार जवाब देंगे।

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